वैक्सीन की ताकत:अस्पताल में भर्ती 594 मरीजों में 37 का सीटी स्कोर 22 मगर गंभीर कोई नहीं
तीसरी लहर में कोरोना का ग्राफ पहली और दूसरी के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ रहा है लेकिन गंभीर मरीजों की संख्या काफी कम है। वैक्सीन और सतर्कता की ताकत है कि अस्पतालों में 594 मरीज हैं लेकिन सिर्फ 37 मरीजों का सीटी स्कोर 20-22 है। इनमें से एक भी गंभीर स्थिति में नहीं है। इनमें भी 5 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की सिंगल डोज भी नहीं लगी है।
सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचे मरीजों का विश्लेषण किया तो सामने आया अस्पताल पहुंचने वालों में सबसे अधिक 60 से 75 उम्र के हैं। दूसरे नंबर पर 48 से 60 उम्र के शामिल हैं। दूसरी ओर, सोमवार को जयपुर में 2337 केस आए। दो दिन के मुकाबले 528 केस अधिक हैं। दो लोगों की मौत हुई है। राहत यह रही 2375 मरीज रिकवर हुए हैं।
जिनकी सीटी खराब, उनमें 5% को एक भी डोज नहीं, 2% मरीजों का एचआर सीटी स्कोर 22 तक… यानी 91% फेफड़े संक्रमित
इसमें वे मरीज हैं, जिन्होंने देरी से जांच कराई और अस्पताल भी देरी से पहुंचे। इस वजह से सीटी स्कोर 22 हुआ।
अकेले आरयूएचएस में 12 लोगों की मौत
तीसरी लहर में आरयूएचएस में अब तक 12 मौतें हुई हैं। इसमें अधिकतर को किडनी, हार्ट, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और बीपी था। येसभी अधिकतम 60 की उम्र पार हैं।
बिना वैक्सीन वालों को ज्यादा खतरा
अस्पतालों में 5% मरीज ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है। डॉक्टरों के मुताबिक इन लोगों के लिए कोरोना की तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक है। 549 मरीजों में से 22 लोग बिना वैक्सीन वाले पहुंचे हैं।
- तीसरी लहर कम घातक रही है, लेकिन मरीज बढ़ रहे हैं। कुछ का एचआर सीटी वैक्सीन की डबल डोज के बाद भी 20 तक पहुंच गया है। 3 दिन से अधिक खांसी, जुकाम-बुखार होने पर जांच जरूरी है।– डॉ अजित सिंह , अधीक्षक, आरयूएचएस
- रिकवरी रेट अच्छी है। पॉजिटिविटी रेट निचले स्तर पर नहीं आ जाएगी, तब तक यह नहीं माना जा सकता है कि थर्ड वेव जा रही है।– डॉ पुनीत सक्सेना, सीनियर प्रोफेसर, एसएमएस