Temporary Piku wards to be built in government hospitals for seriously ill children in Patna

04.07.2022

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शिशुओं को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर है। हर जिला में एक सरकारी अस्पताल में अस्थाई पिडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) के निर्माण को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पहले से चयनित 28 जिले में किसी कारणवश 14 जिले में निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। उक्त स्थानों पर दोबारा से निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है। निवादा की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन माह के अंदर निर्माण कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

28 जिलों में होगा निर्माण:

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने कोविड इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज फेज-2 के तहत बिहार के लिए राशि स्वीकृत की, जिससे पीकू का निर्माण प्राथमिकता पर होना था। योजना के तहत पीकू के निर्माण के लिए 28 जिले का चयन किया गया। उनमें 22 जिला अस्पताल में 42-42 बेड के जबकि छह जिला अस्पताल में 32-32 बेड के पीकू का निर्माण किया जाना था। फरवरी माह में निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई। इस काम की जिम्मेदारी बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम को सौंपी गई। किसी कारणवश 14 जिले समेत दो मेडिकल कालेज अस्पताल में निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। सरकार द्वारा इन स्थानों पर दोबारा के साथ पीएमसीएच और जेएनएमसीएच में अस्थाई पीकू के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया गया। इनमें से 10 जिला अस्पताल में 42 बेड, दो जिला अस्पताल में 32 बेड और एक जिला अस्पताल में 10 बेड की क्षमता का पीकू बनेगा।

यह है जिलावार विवरण:

42 बेड का पीकू वार्ड जीजीएस पटना सिटी, जीएमसी बेतिया, पूर्णिया, नालंदा, गोपालगंज, जहानाबाद, मधेपुरा, मधुबनी, सिवान और वैशाली जिला अस्पताल में बनेगा। , 32 बेड के पीकू वार्ड भागलपुर एवं सुपौल जिला अस्पताल में बनेगा। वहीँ पीएमसीएच में 20 बेड, जेएनएमसीएच में 25 और सदर अस्पताल में 10 बेड के अस्थाई पीकू का निर्माण किया जाएगा।

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