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Located at Lilsar Gram Panchayat Headquarters, Barmer, 150 to 200 OPDs daily in Primary Health Center (PHC), need to be upgraded to Community Health Center (CHC).
18.06.2022
ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अब पीएचसी को सीएचसी में क्रमोन्नत करने की जरूरत है। आसपास के कई गांवों के लोगों की स्वास्थ्य सेवा महज इस एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भरोसे हैं। लीलसर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने की मांग लंबे समय से की जा रही है।पीएचसी के क्रमोन्नत नहीं होने से लोगों को उपचार के लिए 30 से 50 किलोमीटर का सफर तय कर चौहटन, धोरीमन्ना व बाड़मेर पहुंचना पड़ता है। दूर दराज के चिकित्सा केंद्रों पर पहुंचने के लिए लोगों को साधन भी नहीं मिल पाते हैं। वहीं खस्ताहाल सड़कों पर सफर करने में भी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। कई वर्षों की मांग के बावजूद सरकार की ओर से पीएचसी को क्रमोन्नत नहीं करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों में रोष है।दरअसल, चौहटन विधानसभा क्षेत्र की बड़ी ग्राम पंचायतों में से लीलसर एक है। लीलसर गांव की आबादी भी करीब 10 हजार से अधिक है। 90 के दशक में सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत कर चिकित्सक समेत अन्य कार्मिकों के पद स्वीकृत किए थे। इसके बाद यहां चिकित्सा सुविधाओं में कोई विस्तार नहीं किया गया। जबकि, पिछले 30 वर्षों में आबादी काफी बढ़ गई। ऐसे में उपचार को लेकर हर दिन मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है।यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से दर्जनों गांवों के लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। लीलसर पीएचसी से पंवारिया, मुकने का तला, इसरोल, बाछडाऊ ग्राम पंचायतों समेत दर्जनों राजस्व गांव जुड़े हुए हैं। ऐसे में इन गांवों की हजारों की आबादी चिकित्सा सुविधाओं से महरूम है।लीलसर पीएचसी में रोजाना सैकड़ों मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। पीएचसी में सामान्य दिनों में उपचार के लिए रोजाना 150 से 200 मरीज पहुंचते हैं। मौसमी बीमारियों के प्रकोप पर यह आंकड़ा 300 तक पहुंच जाता है। ऐसे में पीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने की जरूरत महसूस की जा रही है। क्षेत्र में नजदीक में कोई बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों को निजी चिकित्सालयों में मुंह मांगे दाम चुकाकर उपचार करवाना पड़ता है।
Health department has posted new place of 59 doctors and nursing workers in Sikar.
17.06.2022
स्वास्थ्य विभाग ने फैसला लेते हुए अधिशेष डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों का नई जगह पद स्थापन कर दिया है। यह जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पद ना होने के बावजूद कार्यरत थे। स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों वाले स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्ति दी है। ज्यादातर का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी-पीएचसी पर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले से 13 डॉक्टरों को एसके अस्पताल छोड़कर फील्ड के स्वास्थ्य केंद्रों में ड्यूटी देनी होगी। जबकि 21 डॉक्टरों को खाली पदों वाले स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा है। 15 डॉक्टरों को दूसरे जिलों में नियुक्ति दी है। इनमें सबसे ज्यादा आठ डॉक्टरों को नागौर भेजा है। चार डॉक्टरों की नियुक्ति चूरू जिले के स्वास्थ्य केंद्र में हुई है तथा 2 को भरतपुर भेजा है। एक डॉक्टर की ड्यूटी हनुमानगढ़ लगाइ है। जबकि 22 नर्सिंगकर्मियों को भी अलग-अलग जगह पर भेजा है, नर्सिंगकर्मी भी अधिशेष थे। इसके चलते जिले की सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत 20 डॉक्टरों को भी नई जगह जॉइन करना पड़ेगा।
Tap connection in 9580 health centers of Rajasthan, first place in the country
16.06.2022
प्रदेश में 9,580 हैढल्थ सेंटर्स पर नल कनेक्शन देकर राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। जल जीवन मिशन के बाद 86,217 स्कूलों में से 60,772 यानी करीब 68 फीसदी स्कूलों में भी नल कनेक्शन दिए हैं। स्कूलों को नल कनेक्शन के मामले में राजस्थान पांचवें स्थान पर है। जल जीवन मिशन में अब तक 31,208 आंगनबाड़ी को नल कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है।जल जीवन मिशन में 26.30 लाख घरों में नल कनेक्शन दिए हैं। जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि सर्वाधिक 10,438 विद्यालय उदयपुर रीजन के छह जिलों में नल कनेक्शन से जोड़े गए हैं। उदयपुर रीजन के छह जिलों में 4324 आंगनबाड़ी नल कनेक्शन से जोड़ी जा चुकी हैं।जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन से दो महीने में एक लाख 6 हजार 97 जल कनेक्शन हुए है। इनमें 78 हजार कनेक्शन छोटी पेयजल परियोजनाओं और 28 हजार कनेक्शन बड़ी पेयजल परियोजनाओं से दिए हैं।केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश दिसम्बर 2019 में जारी किए थे। मिशन से अभी तक राजस्थान में 14.56 लाख परिवारों को जल कनेक्शन दिए गए हैं।
After giving the appointments in the Community Health Officer (CHO) held on 10th November 2020 in Rajasthan, now the paper link has been revealed.
16.06.2022
प्रदेश में पेपर लीक मामलों से त्रस्त बेरोजगारों के लिए एक और मायूसी भरी खबर है। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) भर्ती की 10 नवंबर 2020 को हुई परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। प्रशिक्षण और नियुक्ति के 3 माह बाद एसओजी ने पेपर लीक मानते हुए सोमवार को केस दर्ज किया है। एसओजी ने जागृति विद्या मंदिर उच्च माध्य स्कूल उद्योग नगर निवारू रोड झोटवाड़ा से पेपर लीक माना है। इस स्कूल का संचालक धीरज शर्मा कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक में पहले से गिरफ्तार है।एसओजी ने जागृति स्कूल की परीक्षा के बाद जमा कराई गई सामग्री जांची। इसके बाद बनी जांच कमेटी ने सेंटर की ओर से जमा कराए उन अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र खंगाले, जो परीक्षा में अनुपस्थित रहे थे। सामने आया कि स्कूल ने ऐसे 18 पेपर वापस जमा कराए, जिनमें से 2 पेपर की सील खुली हुई थी। जो छात्र परीक्षा में नहीं आए, परीक्षा से पहले उनके पेपर खोले गए और पेपर लीक कर दिया गया।इसे आधार मानते हुए परीक्षा के डेढ़ साल बाद एसओजी में मुकदमा दर्ज हुआ है। अब एसओजी आगे की जांच कर रही है।
A woman suffered a heart attack during a hip transplant operation in a hospital in Barmer, doctors saved her life.
13.06.2022
बाड़मेर के एक अस्पताल में ऑपरेशन करते वक्त 83 वर्षीय वृद्धा की हार्ट अटैक आने से धड़कनें रुक गई। उस वक्त वहां मौजूद एनेस्थीसिया डॉक्टर्स टीम डॉ. जगदीश कुमावत, डॉ.महेश चौधरी तथा ऑपरेशन थिएटर स्टाफ ने सीपीआर देकर वृद्ध की सांसे वापस लाई और क्रिटिकल आईसीयू में 3 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा। हार्ट अटैक की वजह से वृद्ध महिला के किडनी भी कमजोर हो गई थी। वृद्ध महिला को 5 यूनिट खून भी चढ़ाया गया। 13 दिन के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ हैं। परिजनों ने बिल्कुल आशा ही छोड़ दी थी, परंतु अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने वृद्धा को एक नया जीवनदान दिया है