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Arbitrary recovery from Ayushman card holders in Bhopal and recovery of huge amount from the government by telling fake patients to be admitted
15.06.2022
आयुष्मान कार्ड धारकों से मनमानी वसूली व फर्जी मरीजों को भर्ती बताकर सरकार से मोटी रकम वसूलने की शिकायतों के बाद मंगलवार को स्टेट हेल्थ काउंसिल की 22 टीमों ने शहर के 47 अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। ये सभी अस्पताल आयुष्मान भारत निरामयम से इम्पैनल्ड हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार इनमें से 12 अस्पतालों में गड़बड़ियां मिली हैं, जिसके आधार पर इन्हें आयुष्मान योजना से बाहर किया जाएगा।खजूरीकलां रोड पर कृष्णा नगर स्थित वैष्णो मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में गत 31 मई को फर्जी मरीजों के नाम पर आयुष्मान योजना के तहत सरकार से पैसे लेने का मामला उजागर हुआ था। इसके बाद काउंसिल के कॉल सेंटर पर कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि उनसे भी आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पतालों में जमकर लूट हुई।आयुष्मान भारत योजना मप्र के सीईओ अनुराग चौधरी ने बताया कि इन शिकायतों के मद्देनजर मंगलवार को भोपाल के 47 अस्पतालों में 22 टीमें भेजी गईं। योजना से जुड़े अस्पतालों का रिकॉर्ड चैक किया गया। वहां भर्ती आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से पूछताछ की गई। साथ ही स्टेट हेल्थ काउंसिल के पोर्टल पर अस्पताल द्वारा दर्ज किए गए मरीजों और वास्तविक भर्ती मरीजों की संख्या का मिलान किया गया।
Now it is necessary to have Jan Aadhaar for free treatment in government hospitals of Rajasthan.
10.06.2022
राज्य भर में 1 मई से शुरू हुए एमएमएनएनआरएस के तहत सरकारी अस्पतालों में मुफ्त ओपीडी और आईपीडी सुविधाओं सहित मुफ्त सुविधाओं का लाभ उठाने के इच्छुक मरीजों को अपने साथ अपना जन आधार कार्ड रखना होगा। अब तक राज्य के अस्पताल मरीजों के पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की मांग कर रहे थे। राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर पृथ्वी राज ने बताया है कि जन आधार कार्ड के जरिए राज्य सरकार रोगों का रिकॉर्ड रखेगी। इसके अलावा मुफ्त स्वास्थ्य योजना का लाभ ले रहे सभी मरीजों के इलाज और उनके डायग्नोस्टिक टेस्ट का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। जन आधार के जरिए उन मरीजों के बारे में भी पता चल सकेगा जो चिरंजीवी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, मुफ्त दवा योजना, मुफ्ता जांच योजना समेत अन्य विभिन्न योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।एक खास बात यह भी है कि जिन लोगों के पास जन आधार कार्ड नहीं है उनके लिए भी स्वास्थ्य विभाग ने अलग से इंतजाम किया है। अगर ऐसे मरीज खुद अस्पताल में जन आधार कार्ड के लिए रजिस्टर कराते हैं तो उन्हें मेडिकल सुपरीटेन्डेंट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी इलाज में छूट प्रदान कर सकते हैं।