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In Bilaspur, doctors got success in removing coins from the girl’s mouth, 8-year-old girl kept coins in her mouth while playing

06.06.2022
डॉक्टरों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आठ साल की बच्चे की भोजन नली से तीन सिक्के निकाले।दरअसल, कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के खैरा डुबान की रहने वाली लड़की ने खेलते वक्त मुंह में सिक्के रखे लिए थे। जो अंदर जाकर भोजन नली में फंस गए।इससे बच्ची रोने लगी और उसकी हालत खराब हो गई। घबराए परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां से उसे बिलासपुर रेफर कर दिया गया था।परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, तब उसकी हालत नाजुक थी और वह दर्द से सुस्त पड़ गई थी। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों ने एक्स-रे से देखा, तब सिक्के बच्ची के गले में फंसे थे। सिक्कों को निकालने के लिए डॉक्टरों ने बच्ची को बेहोश किया। फिर ऐसोफेगो स्कोप नामक यंत्र को उसके मुंह से खाने की नली में डाला। कुछ देर बाद एक सिक्का निकला। फिर दूसरे सिक्के को निकाला गया। दो सिक्के निकालने के बाद डॉक्टरों ने फिर से एक्स-रे मशीन से देखा तो एक और सिक्का नजर आ रहा था, जिसे निकालने के लिए तीसरी बार स्कोप को खाने की नली में डाला और तीसरा सिक्का भी निकाल लिया गया। बच्ची दो रुपए के दो और एक रुपए के एक यानि की तीन सिक्कों को निगल ली थी। कुल मिलाकर 5 रुपए बच्ची के गले में फंस गए थे। सिक्के निकालने के बाद बच्ची की हालत अब ठीक है, डॉक्टर बृजेश पटेल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पेरेंट्स को बच्चों पर नजर रखना चाहिए। बच्चों को सिक्कों को मुंह में डालने न दें। इसी तरह कोई भी खाने की ठोस वस्तु भी बच्चे खा रहे हैं, तो पैरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए। गले में स्वांस नली और भोजन नली में सिक्के या खाने का कोई ठोस वस्तु फंस जाए, तो घातक हो सकता है। स्वांस नली में सिक्के फंसने से दम घूट सकता है और बच्चों की जान भी जा सकती है। ऐसे में छोटे बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए।

10 Operation Theaters (OTs) dedicated for Covid in New Nehru Hospital, Chandigarh, now open for public again

06.06.2022
हॉस्पिटल प्रबंधन ने कोरोना काल में इस अस्पताल को कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पताल बना दिया गया था। अस्पताल के 10 ऑपरेशन थिएटर भी कोविड-19 के लिए डेडीकेटेड कर दिए गए थे। इसके चलते यहां आने वाले आम मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही थी जिससे मरीज भी खासा निराश थे। पीजीआई के डायरेक्टर.प्रो विवेक लाल ने मेडिकल सुपरीटेंडेंट विपिन कौशल के साथ एनएचआई का दौरा कर ऑपरेशन थिएटरों को आम जनों के लिए फंक्शनल करने के लिए कहा है, जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलेंगी, क्योंकि यह 10 ऑपरेशन थिएटर बिल्कुल ही मॉडर्न तकनीक से बनाए गए हैं, इसलिए इन ऑपरेशन थिएटरों पर आमजन का भरोसा ज्यादा है। कोविड-19 कैसेस में कमी आने के कारण , पीजीआई क्षेत्र को खाली देखते मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।

National Medical Commission (NMC) has issued guidelines, doctors will have to collect likes and followers on social media

04.06.2022
अब मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया पर लाइक व फॉलोअर्स जुटाना डॉक्टरों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि एनएमसी में इसके लिए हाल ही में कुछ दिशा निर्देश दिए हैं जिसमें सोशल मीडिया पर डॉक्टरों की गतिविधियों को नियंत्रण करने के सख्त प्रावधान रखे हैं। इसमें कहा गया है कि कोई भी डॉक्टर सोशल मीडिया साइट या किसी ऐप पर अपनी रेटिंग्स बढ़ाने के लिए पैसों का भुगतान करता है, तो उनका लाइसेंस निरस्त हो सकता है। डॉक्टरों में ऊपर आने की होड़ और सोशल मीडिया पर सबसे ऊपर रेटिंग्स से ही उनकी फीस में इजाफा होता है और वह मरीज से मुंह मांगी फीस वसूलते हैं, जिस कारण आम जनता को परेशान होना पड़ता है।

Medical Minister Parsadi Lal Meena issued orders, doctors working in all areas of the state must be in uniform

04.06.2022
चिकित्सा मंत्री ने नए आदेश जारी करते हुए कहा है कि 2 बार से ज्यादा जो भी चिकित्सा कर्मी यूनिफॉर्म में नहीं मिलेगा उसे समय बंद पदोन्नति एवं संविदा कर्मियों को 1 माह की सर्विस वृद्धि नहीं दी जाएगी। यह आदेश राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, संयुक्त निदेशक एवं सीएमएचओ को जारी किए गए हैं। चिकित्सा मंत्री ने आदेश का कारण बता कहा गया कि यूनिफॉर्म नहीं पहनने से मरीज और उनके परिजन चिकित्सकों को पहचान नहीं पाते इस कारण कई बार उन में हाथापाई की नौबत आ जाती है, जिससे अस्पतालों का माहौल खराब हो जाता है। इस तरह कि प्रवृत्तियों पर रोक लगाने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं।

Civil surgeons are reluctant to give joining even after restoring the jobs of 1045 health workers who did excellent work during the Corona period in Kaithal, Chandigarh City.

04.06.2022
एनएचएम के एमडी ने सभी सिविल सर्जन को आदेश जारी कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत 21 दिसंबर तक के लिए 1045 स्वास्थ्य कर्मियों को तुरंत प्रभाव से नौकरी जॉइनिंग कराने के आदेश जारी किए थे, इतना ही नहीं कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 24 करोड़ का बजट भी जारी किया था। परंतु अभी भी सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों की जॉइनिंग नहीं करवाई जा रही, सर्जन के इस फैसले से कोविड स्टाफ ही नहीं बल्कि इस निर्णय का खामियाजा आमजन को भी भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में कोविड-19 की सैंपलिंग आरटीपीसीआर व टेस्टिंग का कार्य पूर्ण रूप से बंद है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग, प्रशासन व सरकार जनता की परेशानियों के प्रति कितनी गंभीर है। नींद में सोई सरकार व विभागीय अधिकारियों को जगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने नारेबाजी की वह जल्द से जल्द नौकरी ज्वाइन करवाई जाने के पक्ष में अपनी बात रखी।

CMHO (Chief Medical Health Officer) sealed Dayawati Hospital running without a license in Bilaspur, Chhattisgarh

03.06.2022
स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस लिए बगैर ही दयावती हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था। खास बात यह है कि कोरोना काल से अस्पताल का संचालन जारी था और इसमें एक भी डॉक्टर नहीं है। उन्हें भी इलाज के लिए किराए पर बुलाया जाता। फिलहाल जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अब हॉस्पिटल को सील कर दिया है।कोरोनाकाल के दौरान मरीजों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी हुई, तो शहर में भी नए अस्पतालों की बाढ़ आ गई। इलाज के नाम पर मरीजों को भर्ती किया गया और उनसे मोटी फीस वसूली गई। हालांकि तब स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर देखा भी नहीं दयावती हॉस्पिटल मरीजों को भर्ती किया गया। जब इलाज की बारी आई तो किराए पर यानी पार्ट टाइम डॉक्टर बुलाए गए।बुधवार को CMHO डॉ. प्रमोद महाजन अपनी टीम के साथ दयावती हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पहले अस्पताल का निरीक्षण किया। साथ ही इलाज करने वाले डॉक्टर और स्टाफ की जानकारी ली। समुचित जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने सीधे कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील करने का आदेश दिया।

Disclosure of fraud happening in Bhopal’s Vaishno Hospital

03.06.2022
आयुष्मान भारत योजना की टीम की जांच में इस धांधली का खुलासा हुआ। सरकार ने इस अस्पताल का 50 लाख रुपए का भुगतान रोक लिया है। अस्पताल के संचालक विवेक परिहार पर क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।यह अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में इम्पैनल्ड है। यहां आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज मुफ्त में होता है। इलाज का बिल अस्पताल की ओर से सरकार को भेजा जाता है। पिछले एक साल में अस्पताल ने डेढ़ करोड़ रुपए का क्लेम किया, जिसमें से लगभग 1 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। गौरतलब है कि आयुष्मान योजना में पिछले एक साल में 60 अस्पतालों के खिलाफ ऐसी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।

Vicious Santosh Gupta, who cheated 22 thousand in the name of treatment of a cancer patient in Bhopal, was caught by the police.

03.06.2022
समय-समय पर शातिर चोर पैसे ठगने के नए-नए तरीके अपनाते हैं। ऐसा ही मामला भोपाल में देखा गया, यहां पर कैंसर पीड़ित बच्ची के इलाज के नाम पर सोशल मीडिया का सहारा लेकर 22 हजार ठगने का मामला आया है, लोगों को इसी तरह से फंसाने वाले एक 12वीं फेल साइबर ठग को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पेशे से कबाड़ी यह ठग IPS सचिन अतुलकर के नाम से झूठी आईडी बनाकर मदद मांग रहा था। इस मामले में पुलिस को शिकायत मिली थी। वह इसी तरह कई लोगों काे ठग चुका है।

Jodhpur’s Mathuradas Mathur Hospital (MDMH), Mahatma Gandhi Hospital (MGH) and Umaid Hospital will increase facilities by spending 3.25 crores.

03.06.2022
डाॅ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन सभी अस्पतालों में बिजली के बिल को कम करने के लिए जल्द ही सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में हुई आरएमआरएस की बैठक में संभागीय आयुक्त व कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने सोलर प्लांट के लिए जगह चिह्नित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि विकास कार्यों के लिए मथुरादास माथुर अस्पताल में 1.50 करोड़, उम्मेद अस्पताल में 1 करोड़ और महात्मा गांधी अस्पताल में 75 लाख रुपए अधिकतम खर्च किए जा सकते हैं। ओपीडी में बैठने की व्यवस्था, वेटिंग एरिया में पीने के पानी की व्यवस्था, जनरल वार्डों व अन्य स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में कूलर की व्यवस्था, टॉयलेट, नल व पाइप लाइन की मरम्मत, फर्नीचर रिपेयरिंग व क्रय, रंग रोगन के लिए तीनों अस्पतालों के अधीक्षक को एक बार में 20 हजार रुपए तक खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया।

People in Surat involved many organizations in the blindness free campaign of Drishti Eye Bank

03.06.2022
ट्रस्ट द्वारा सूरत में आंख बचाओ अभियान चलाया जा रहा है जिसमें आंखों की देखभाल व आंख एक अमूल्य रत्न है इसके संक्षिप्त में लोगों को जागरूक किया गया। आंख बचाओ अभियान की जानकारी देते हुए डॉक्टर शिरोया ने कहा कि सभी मनुष्यों का अनमोल रतन है जिसकी हमें निरंतर देखभाल करती रहनी चाहिए। संस्था द्वारा यह अभियान 21 दिन तक संचालन किया जाना है, जिसमें लोगों को नेत्र निदान मोतियाबिंद सर्जरी, चश्मे का वितरण, जरूरतमंदों को मुफ्त दवाएं वितरित किए जाएंगे।