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Dr. Rajesh Kumar Chief Medical and Health Officer (CMHO) conducted surprise inspection of Abu Road Community Health Center (CHC)

07.06.2022
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण किया। चिरंजीवी योजना में ज्यादा से ज्यादा लोगों को केसलेश ईलाज दिलवाने के उद्देश्य से सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आबुरोड का निरीक्षण कर सीएचसी की सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान सीएचसी प्रभारीडॉ पीएन गुप्ता को चिरंजीवी योजना में ईलाज के लिए आईपीडी मरीजो की संख्या बढ़ाकर क्षेत्र के लोगों को ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। निरीक्षण में मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना (Mukhyamantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) के योजना के क्रियान्वयन के सम्बंध में प्रभारी का ओरियंटेशन करवाया और योजना के क्रियान्वयन के बारे में विस्तार से बतलाया तथा वार्ड, डीडीसी का भी निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में दवाओं की उपलब्धता, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना में की जा रही जांचों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्टाफ को मरीजों के साथ सद्व्यवहार अपनाने की बात कही ताकि मरीजों का विश्वास बढ़े। साथ में ही उन्होंने डिलीवरी के जननी सुरक्षा योजना व मुख्यमंत्री राजश्री योजना का भुगतान समय पर करने निर्देश दिये। साथ ही कोविड टीकाकरण के घर घर दस्तक अभियान 2.0 की समीक्षा कर टीकाकरण की स्थिति जानी।उन्होंने बताया कि चिकित्सा संस्थान के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों को बताया की गर्भवती महिला की अनिवार्य चार जाँच समय रहते करना आवश्यक साथ ही गर्भवती महिला व बच्चों का टीकाकरण शत प्रतिशत करना साथ पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में समय पर एंट्री करवाने के सभी चिकित्साकर्मी को निर्देशित किया। निरीक्षण कर चिकित्सा कर्मियों को निर्देशित किया कि हमारी प्राथमिकता है कि संस्थान में आने वाले प्रत्येक मरीज को उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाए। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी प्रभारी के साथ चिकित्सा अधिकारी व अन्य नर्सिंग कर्मचारी उपस्थिति रहे।

Doctors at Patna’s Indira Gandhi Institute of Medical Sciences have succeeded in removing tumor from the liver of a girl suffering from fever and abdominal pain by performing surgery.

07.06.2022
बुखार व पेट दर्द की समस्या से परेशान एक महिला पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती हुई। महिला के परिजनों का कहना है कि महिला पटना की रहने वाली है उसका नाम आरोही कुमारी बताया गया है जो कि बीते 6 महीने से बुखार और पेट दर्द से परेशान थी। परिजनों ने बताया कि उन्होंने कई जगह पर उसका इलाज कराया लेकिन उसे उसकी परेशानी से कहीं भी निजात नहीं मिली, आखिर में उसे आईजीआईएमएस अस्पताल लेकर आए,जहां उसे डॉक्टर संजय कुमार को दिखाया। डॉक्टर ने सभी जांच करने के बाद बताया कि लीवर में एफएनएच (फोकल नोड्यूलर हाइपरप्लासिया)की शिकायत है। इसलिए वह पेट दर्द और बुखार से पीड़ित रहती है, मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि लीवर में पाए जाने वाले कैंसर गांठ में कुछ बेहद कम प्रसूत होने वाले गांठो में से यह एक है, मरीज के परिजनों को बताया कि संक्रमित लीवर के हिस्से को काटकर निकालना ही पड़ेगा, बेहोश करके लीवर को आधुनिक कुसा मशीन से काटना पड़ेगा,यह काफी महंगी मशीन है।लिवर ट्रांसप्लांट में भी इसी मशीन की आवश्यकता होती है। परिजनों के हां करने पर डॉक्टरों ने 5 घंटे सर्जरी कर सफलता हासिल कर ली है और मरीज को उसकी परेशानी से निजात मिल गई है, फिलहाल मरीज को सर्जरी के बाद आईसीयू में रखा गया है, जहां वह कुछ दिनों तक एडमिट रहेगी।

Early Childhood Development Workshop organized at Auditorium, Center of Excellence, NMCH in Patna

06.06.2022
कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यशाला के मुख्य अतिथि एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह व विशिष्ट अतिथि पीएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं। डॉ. जी. वी. वाश्व राजा, डॉ. अतनु भद्र, डॉ. अमित कुमार, डॉ. चंद्रमोहन कुमार ने भी प्रोजेक्टर की सहायता से इस विषय पर प्रकाश डाला। आईएपी के 50 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि ये सदस्य यहां से सीख कर अपने अपने जिलों में ट्रेनिंग देंगे। इस अवसर पर एनएमसीएच के उपाधीक्षक सह शिशु रोग विभाग के डॉ. सरोज कुमार, डॉ. अनिल तिवारी समेत कई चिकित्सक उपस्थित रहे।समय पर बीमारी की पहचान से बच्चे होंगे स्वस्थ। बच्चों के सकार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं।सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा डीआईसी, एनएमसीएच में चल रहा निर्माण,कुछ बच्चों में देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों में सही समय से बीमारी की पहचान व उपचार के लिए एनएमसीएच के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में डीआईसी (डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर) का निर्माण कार्य चल रहा है। इस संबंध में एनएमसीएच अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि यह सेंटर बिहार का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा। उम्मीद है कि छह-सात माह में बन कर तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण बीएमएसआईसीएल के द्वारा कराया जा रहा है। सेंटर पर बच्चों की स्क्रीनिंग, पहचान व चिकित्सीय सेवा प्रदान की जाएगी। एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट, ऑपथेलमोलाॅजिस्ट, ईएनटी समेत विभिन्न विभागों के डॉक्टर रहेंगे। इसका निर्माण कार्य एमसीएच भवन के बगल में चल रहा है।

Medical care hospital block to be built in Patna’s AIIMS (All India Institute of Medical Science), Union Health Minister Mansukh Mandawariya ordered

06.06.2022
बिहार दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने पटना एम्स (Patna AIIMS) को नई सौगात दी है. रविवार को उन्होंने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफास्ट्रकचर मिशन के तहत एम्स पटना मेडिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का शिलान्यास किया,साथ ही उन्होंने आवासीय परिसर और शैक्षणिक खंड का भी शिलान्यास किया व सभागार एम्स पटना का भी लोकार्पण करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि पटना एम्स ने व्यवस्थित ढंग से कार्य शुरू कर दिया है,आने वाले दिनों में बिहार के किसी भी मरीज को इलाज के लिए दिल्ली जाने की आवश्यकता न हो इसके लिए सभी जरूरी मेडिकल डिवाइस और आधुनिक मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।उन्होंने कहा कि बिहार के मरीजों को अब उनके ही राज्य में समुचित इलाज मिल सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने दरभंगा एम्स को भी जल्द शुरू करने की बात कही,वहीं, इस अवसर पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जल्द ही पटना एम्स को 25 एकड़ जमीन मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर यह पटना एम्स के विस्तार के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है, उन्होंने मरीजों के परिजनों की सहूलियत के लिए उनके रहने के लिए एक परिसर भी बनाने की बात कही है।

After corona in Patna, now its side effects are being seen in people, more than 100 such patients are reaching every month

06.06.2022
देश में कोरोना लगभग खत्म सा हो गया है परंतु अभी भी कहीं ऐसी जगह है, जहां उसने अपने पैर पसारे हुए हैं। ऐसा ही कुछ हाल पटना का है, जहां कोरोना व उसके बाद में होने वाले साइड इफेक्ट्स से यहां के लोग को काफी परेशान हो रही है। साइड इफेक्ट से ग्रसित हर महीने 100 से 150 लोगों का आंकड़ा अस्पताल में देखा जा रहा है।उल्टी, सिर दर्द, थकान जैसे साइड इफेक्ट्स की वजह से लोग सिर दर्द की दवा खा रहे हैं।आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. अशोक कुमार के मुताबिक, बीमारियों की पहचान के बाद इलाज में आसानी होती है। मेनिनजाइटिस और न्यूरो सिस्टेसाइकोसिस के बीच अंतर के लिए रिसर्च की आवश्यकता है। पंजाब और दिल्ली में आईसीएमआर की मदद से किया जा रहा है। इससे बीमारियों की पहचान के साथ ही इलाज में मदद मिल रही है। मेनिनजाइटिस झिल्लियों को कहते हैं, जो मस्तिष्क की सुरक्षा कवच होती है, झिल्लियों में सूजन आने के चलते मेनिनजाइटिस से संक्रमित व्यक्ति में सिरदर्द, बुखार, उल्टी, त्वचा और होंठ का पीला होना, ठंड लगना आदि लक्षण पाए जाते हैं। जबकि, न्यूरो सिस्टेसाइकोसिस में मानसिक एकाग्रता कमी होती है। न्यूरो फिजिशियन डॉ. विनय कारक का कहना है कि कोविड संक्रमण से ठीक हुए व्यक्तियों को भी मानसिक, शारीरिक बीमारियां हुई हैं। राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के न्यूरो विभाग के अनिल कुमार के मुताबिक कोविड के प्रभाव से चेस्ट रोगियों की संख्या में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन के हेड अशोक कुमार के मुताबिक, ब्रेन टीबी से पीड़ित को सिरदर्द, उल्टी, थकान, बुखार, गर्दन में अकड़न, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, बार-बार बेहोश होने की शिकायत रहती है। ऐसे मरीजों को तत्काल डॉक्टरों से सलाह लेकर इसका पता लगाने के लिए सीएसए, एक्सरे, सीबी नेट, ब्लड टेस्ट, एमआरआई, सिटी स्कैन करवाना चाहिए।कमजोर इम्युनिटी वाले रोगियों के साथ शराब और सिगरेट पीने वाले मरीजों को सबसे अधिक ब्रेन टीबी का खतरा रहता है। इसके साथ ही फेफड़े के टीबी मरीजों को ब्रेन टीबी का सबसे अधिक खतरा रहता है।

Voluntary blood donation camp organized by Maheshwari Samaj on Mahesh Navami in Bhopal

06.06.2022
महेश नवमी के अवसर पर माहेश्वरी समाज द्वारा नैनागढ़ रोड स्थित माहेश्वरी भवन में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 155 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।कार्यक्रम की शुभारंभ आराध्य देव भगवान शिव के मंदिर में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।तत्पश्चात रक्तदाताओं ने अपना रक्त जरूरतमंद को काम आवे इस सेवा भाव से दान दिया। साथ ही यह संकल्प भी लिया कि भविष्य में भी आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान हमेशा जारी रहेगा।

Guests who came to Kota’s Government Medical College program were trapped in the lift, pulled out after half an hour

06.06.2022
कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी विंग की बिल्डिंग में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मेहमान लिफ्ट में फंस गए। लिफ्ट के अचानक बंद हो जाने के चलते करीब 20 मिनट तक लोग लिफ्ट में ही फंसे रहे। बाद में अस्पताल के कर्मियों और टेक्निकल कर्मचारियों ने जैसे-तैसे कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को बाहर निकाला।लिफ्ट में अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर निलेश जैन, समाजसेवी राजेश मीणा समेत करीब आधा दर्जन लोग फंस गए थे। दरअसल एस एस बी ब्लॉक में सिंधु यूथ सर्किल की तरफ से सेवा कार्य का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में भाग लेने समाजसेवी और कोटा नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेश बिरला, जीएम अध्यक्ष राकेश जैन, सिंधु यूथ सर्किल अध्यक्ष दीपक राजानी सेवा काम के लिए अस्पताल पहुंचे। कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सभी लिफ्ट से वापस आ रहे थे। इसी दौरान लिफ्ट बीच में ही बंद हो गई,इस पर एसएसबी अधीक्षक नीलेश जैन ने अस्पताल प्रशासन को जानकारी दी। अस्पताल की लिफ्ट में लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। अस्पताल प्रशासन के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और निकालने के प्रयास शुरू किए गए।तकनीकी कर्मियों को भी मौके पर बुलाया गया और लिफ्ट शुरू करने के प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके चलते करीब 20 मिनट तक आधा दर्जन लोग लिफ्ट में ही फंसे रहे। उन का दम घुटने लगा। जैसे तैसे कर लिफ्ट का दरवाजा खोला गया और फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया।

Government’s insensitive decision, 16 types of over the counter (OTC) medicines will now be available without a doctor’s prescription in Jaipur

06.06.2022
देखा जाए तो सरकार के ऐसे फैसले काफी गलत हैं,बुखार, खांसी, नेजल स्प्रे, घाव,फंगल इन्फेक्शन, मसूड़ों की सूजन,कील-मुंहासे जैसी 16 तरह की बीमारियां कम नहीं है, इन जैसी बीमारियों के लिए डॉक्टरी सलाह का होना बेहद जरूरी है, परंतु दुर्भाग्य है कि अब से मरीजों को बिना डॉक्टर की पर्ची के ही इन बीमारियों की दवाएं मेडिकल स्टोर पर आराम से मिल जाएंगी । यह सारी दवाएं ओवर द काउंटर यानी ओटीसी दवाएं कहलाई जाती हैं, जिन्हें फार्मासिस्ट बिना डॉक्टर की पर्ची के ही बेच सकेंगे, लेकिन ओटीसी कैटेगरी के लिए शर्तों की पालना करनी पड़ेगी। इसमें ओरल डिहाइड्रेशन सॉल्यूशन को शामिल नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार की सलाहकार समिति ड्रग्स टेक्निकल एडवायजरी बोर्ड (डीटीएबी) नई दिल्ली ओटीसी दवाओं के लिए मंजूरी दे दी है। इसके बाद में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मसौदा तैयार कर लिया गया है।

Doctors got success in Chomu’s Jan Kalyan Hospital, operated on patients with spinal cord and saved them from paralysis

06.06.2022
शहर के कचौलिया रोड स्थित जनकल्याण हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने 6 मरीजों की रीड की हड्डी का ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की है, छह के छह मरीज स्वस्थ हैं व बिना किसी सहारे आराम से चल फिर सकते हैं। जनकल्याण हॉस्पिटल के संस्था प्रबंधक निदेशक एनसी निठारवाल व वरिष्ठ सर्जन डॉ भानु कुमार व डॉ पंकज कुमार ने बताया कि हमारे इस अस्पताल में लगातार रीड की हड्डी,कूल्हा प्रत्यारोपण, घुटने के जोड़ प्रत्यारोपण के अनेक सफल ऑपरेशन नई-नई तकनीकों द्वारा लगातार किए जा रहे हैं जिससे अस्पताल का काफी नाम भी है। यहां पर लोगों का हड्डी के ऑपरेशन के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है जिससे यह उनकी पहली पसंद बन चुका है।

In Sirohi district hospital, the post of radiologist is vacant for the last two years, sonography is being done by certificate holder doctors.

06.06.2022

पिंडवाड़ा सीएचसी में नियुक्त रेडियोग्राफर डॉ. जयप्रकाश दरवर 14 महीने से गैर हाजिर रहकर जिला मुख्यालय के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर सेवाएं दे रहे हैं। दूसरी ओर जिला अस्पताल में भी यह पद खाली पड़ा है। विभाग के मुखिया सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार 14 महीनों कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। कार्रवाई करने की बजाय वे उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखने का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे। मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सिरोही के जिला अस्पताल में पिछले दो साल से रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली होने के कारण यहां सर्टिफिकेट धारी डॉक्टर गौरव भट्टाचार्य और डॉक्टर राहुल खन्ना से सोनोग्राफी करवाई जा रही है। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के कारण मरीजों को बड़ी जांचों के लिए डॉ जयप्रकाश दरवर जैसे निजी सेंटरों में महंगे दामों में जांच कराने जाना पड़ता है। डा. दरवर को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में पोस्टिंग देने के बजाय उसे ऐसे अस्पताल में लगाया गया जहां सोनोग्राफी मशीन ही नहीं है। पिछले 14 महीनों से ना तो इस डॉक्टर पर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई।विभाग के नियमों के विपरीत इसलिए : विभागीय नियमों के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर निजी प्रैक्टिस के लिए निजी जांच सेंटर पर तभी सेवाएं दे सकते हैं जबकि उनके ऐसा करने से राजकीय काम प्रभावित ना हो रहा हो। राजकीय काम प्रभावित होने पर उनके खिलाफ राज्यादेश की अवहेलना में अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन इस मामले में विभाग के मुखिया डॉ राजेश कुमार ने चिट्ठी लिखने के अलावा कोई कार्रवाई ही नहीं की है। इस बारे में पक्ष जानने के लिए डॉ जयप्रकाश दरवर को कई बार फोन और मैसेज किए गए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके साथ ही चिकित्सा विभाग के डायरेक्टर पब्लिक हैल्थ डॉ वी के माथुर को भी किए गए फोन का जवाब नहीं मिला।