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Negligence of administration in the infant unit of Ajmer’s Zanana Hospital, no water for patients to drink

14.06.2022
संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में इस भीषण गर्मी के दौरान पानी की किल्लत आम जनता को परेशान कर रही है। जनाना अस्पताल परिसर में सैकड़ों की संख्या में रोजाना मरीज के परिजन आते हैं, लेकिन उनके लिए कोई पानी की व्यवस्था नहीं है।प्याऊ विगत 2 सालों से बंद पड़ा है और अन्य मशीनें भी सालों से खराब पड़ी है। वाटर कूलर अस्पताल के अंदर लगे हैं, लेकिन उनसे पानी भरने की अनुमति नहीं है। ऐसे में सभी मरीज और उनके परिजन खरीद कर पानी पीने को मजबूर है।गरीब हो या वह अमीर हो सभी अस्पताल के बाहर 1 लीटर पानी के ₹20 दे रहे हैं. कई लोग इसके चलते घंटों तक पानी नहीं पीते. इसके कारण बीमारी का खतरा और बढ़ने लगा है।अजमेर शहर से 8 किलोमीटर दूर अजमेर संभाग का सबसे बड़ा जनाना अस्पताल है, जहां अजमेर ही नहीं भीलवाड़ा नागौर के साथ अन्य क्षेत्रों के मरीज अपने परिजनों के साथ आते हैं, गंदगी और अन्य व्यवस्थाओं से लोग जैसे-जैसे गुजर-बसर कर लेते हैं, लेकिन बिना पानी के रहना सभी के लिए मुश्किल है।प्रशासनिक लापरवाही के कारण अस्पताल में हालात बदलहाल हैं,रोजाना अस्पताल में सैकड़ों मरीज और परिजन आ रहे हैं।ऐसे में पुरुषों को अंदर जाने की अनुमति भी नहीं मिल पाती।बाहर लगी पानी की मशीन पिछले 3 साल से खराब पड़ी है और प्याऊ खंडहर बनी हुई है और कोई पानी पीने का स्थान अस्पताल परिसर में मौजूद नहीं है।वहीं, जहां मरीज के परिजन अपनी प्यास बुझा सके, ऐसे में घंटों तक प्यासे रहने के बाद मजबूरन उन्हें 20 रुपये की बोतल बाहर से खरीदनी पड़ती है। मरीज के परिजनों का कहना है कि सभी नियम और गरीब स्तर के लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आते हैं।ऐसे में वह पानी के लिए भी पैसे खर्च करने को मजबूर है। जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन के साथ ही सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे की आम जनता को परेशानी से निजात मिल सके।

Under the Digital Health Mission, a digital directory of private and government hospitals and doctors is being built in Indore, patients will benefit for treatment.

14.06.2022
देश के कई राज्य जो डिजिटल हेल्थ मिशन लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार इस पर अब काम शुरू कर रही है। इसके तहत निजी व सरकारी अस्पतालों के साथ होम्योपैथी व आयुर्वेदिक हॉस्पिटल्स और डॉक्टरों की डिजिटल डायरी बनाई जा रही है, इसके जरिए मरीजों को पता चल सकेगा की कौन सा इलाज,कब और कहां मिलेगा। हर जिले में दो तरह की डायरेक्टरी बन रही है, एक डायरेक्टरी में निजी व सरकारी अस्पतालों की जानकारी होगी तो वहीं दूसरी में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन आदि की जानकारी होगी। इससे एक ही फोरम से पता चल सकेगा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है, किस जिले में कितने अस्पताल हैं। डायरेक्टरी से सरकार को कितने विशेषज्ञ चिकित्सक ,नर्सिंग कर्मी आदि काम कर रहे हैं,उनकी जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

Fear of fourth wave of corona in Raipur, 18 infected found

14.06.2022
तीन-चार महीने के बाद राज्य में कोरोना के केस 50 के करीब पहुंचे हैं। कोरोना के लगातार बढ़ते केस से चौथी लहर की आशंका बढ़ गई है। इसने चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को राज्य में 43 एक्टिव केस मिले। इसमें रायपुर में सर्वाधिक 18 नए मामले मिले। राहत की बात यही है कि केस जरूर बढ़े हैं लेकिन कोई भी मरीज गंभीर नहीं है। मौत भी नहीं हुई। फिर भी जानकारों का कहना है कि कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है। सावधानी जरूरी है। लापरवाही होने पर यह रोग फैलेगा फिर इसे नियंत्रित करना मुश्किल होगा।कोरोना की तीसरी लहर के बाद स्थिति कुछ संभली थी। अप्रैल व मई में कोरोना के मामले कम थे। रफ्तार धीमी थी। अप्रैल के पूरे महीने में डेढ़ सौ से कम और मई के महीने में दो सौ से कम मरीज मिले। लेकिन जून के शुरुआती दिनों से ही कोरोना के मामले बढ़ने लगे। 1 से 13 जून तक राज्य में कुल 226 केस मिले।इसमें सर्वाधिक रायपुर में 83 कोरोना केस हैं। पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना के 3677 लोगों की जांच की गई। इसमें से 43 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। संक्रमण दर 1.17 प्रतिशत रहा। रविवार को भी संक्रमण दर एक प्रतिशत से अधिक था। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि अगले दस दिन महत्वपूर्ण हैं। पूरे ट्रेंड पर नजर बनाए रख रहे हैं। अगर केस में आगे भी ऐसी ही बढ़ोत्तरी दिखी तो सख्ती भी बढ़ायी जाएगी।वहीं डॉ. सुभाष मिश्रा, डायरेक्टर एपिडेमिक का कहना है किमरीजों की संख्या लगातार बढ़ना चौथी लहर की ओर इशारा कर रहा है। इसलिए सावधान हो जाए। मास्क का उपयोग करें। लक्षण होने पर टेस्ट करा लें। घबराएं नहीं। अधिकांश मरीज घर से ही ठीक हो रहे हैं। अस्पतालों, केयर सेंटर में बिस्तर पर्याप्त हैं।

Cancer Institute will be built in Jodhpur, will be built in 3 phases on 13 acres of land of ground water department headquarter located in Shastri Nagar.

14.06.2022
शहर में बनने वाले महत्वाकांक्षी रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है। इंस्टीट्यूट शास्त्रीनगर स्थित भूजल विभाग के मुख्यालय की 13 एकड़ जमीन पर तीन फेज में बनेगा। इस पर 75 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। पहले फेज में 6.7 एकड़ (27,000 वर्गमीटर) जमीन पर रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट की 7 मंजिला (बी+जी+5) मुख्य इमारत तैयार होगी। इसके बाद दूसरे फेज में 6.1 एकड़ जमीन पर डेंटल कॉलेज तथा तीसरे फेज में 2.93 एकड़ जमीन पर पब्लिक हेल्थ कॉलेज भी बनेगी। फिलहाल निर्माण एजेंसी द्वारा रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत बनना ही प्रस्तावित है। इसके लिए दिल्ली के एक आर्किटेक्ट ने निगम दक्षिण में बी+जी+5 मंजिला इंस्टीट्यूट की मुख्य इमारत का प्रस्तावित मानचित्र पेश किया। इसमें कुछ संशोधन के पश्चात नक्शा पारित कर दिया गया है।. फर्स्ट फेज: 27000 वर्गमीटर में मुख्य इमारत, ग्रीन स्पेस व पार्किंग,प्रस्तावित मैप में निर्माण एजेंसी ने 6.7 एकड़ जमीन पार्किंग, ग्रीन स्पेस व एडमिन ऑफिस व कैंटीन बनाई जाएगी। फर्स्ट फेज की सात मंजिला मुख्य इमारत के लिए फिलहाल 18 करोड़ रु. का बजट स्वीकृत हुआ है। मानचित्र पारित होने के साथ ही युद्धस्तर पर इसका निर्माण होगा। सैकंड फेज: 24913 व.मी. में बनेगा डेंटल कॉलेज व स्टाफ क्वाटर्स कैंसर इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत के बाद दूसरे फेज में 6.1 एकड़ (यानी 24913 वर्गमीटर जमीन पर डेंटल कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। कॉलेज की इमारत के आगे बड़ा ग्रीन स्पेस व पार्किंग बनेगी। इसके अलावा आवासीय व स्टाफ क्वाटर्स के साथ गेस्ट हॉस्टल भी बनना प्रस्तावित है।थर्ड फेज: 11886 वर्गमीटर में बनेगा पब्लिक हेल्थ कॉलेज,इंस्टीट्यूट की मुख्य इमारत के समीप 2.93 एकड़ (यानी 11886 वर्गमीटर) जमीन पर पब्लिक हेल्थ कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा आवासीय क्वाटर्स व पार्किंग भी बनाई जाएगी।B+G+6 मंजिल का मैप, एक मंजिल अस्वीकृत,दिल्ली की आर्किटेक्ट कंपनी ने निगम दक्षिण बी+जी+सिक्स मंजिला इंस्टीट्यूट का नक्शा पेश किया। हालांकि निगम दक्षिण ने छठी मंजिल काे नामंजूर करते हुए मानचित्र पारित कर दिया है। निगम दक्षिण महापौर वनिता सेठ व आयुक्त अरुणकुमार पुरोहित ने इसकी गंभीरता को समझते हुए इंस्टीट्यूट के मानचित्र की पत्रावली को तुरंत चलाकर पारित करने को कहा। एसटीपी व एटीपी सहित सिविल विंग ने भी पेश मानचित्र को पारित करने की कार्रवाई अमल में लाई। हालांकि आर्किटेक्ट से कुछ तकनीकी जानकारी (मानचित्र में अस्पष्ट दिख रही) भी मांगी है, लेकिन मानचित्र को पारित कर दिया है।

Nursing worker threatened to kill the doctor in Shergarh, Jodhpur

14.06.2022
डॉ. गजेंद्र जीनगर जोकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शेरगढ़ में कार्यरत है। 7 जून को दोपहर बाद 3:15 बजे आपातकालीन ड्यूटी पर थे। इसी दौरान नर्सिंगकर्मी धर्मवीर सिंह ने शराब के नशे में उनके साथ मारपीट की व परिजनों को जान से मारने की धमकी दे डाली। स्टाफ ने किसी तरह से बीच-बचाव किया। डॉक्टर गजेंद्र जीनगर ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पहले भी इस आदतन शराबी आरोपी की ऐसी हरकतों की शिकायत अधिकारियों से की जा चुकी है,परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। डॉ.गजेंद्र जीनगर पर हाथ उठाने के बाद अब लगता है, कि उस पर कुछ कार्रवाई हो। इसलिए पुलिस अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

Case of lack of space in dialysis center in Begusarai Sadar Hospital due to more patients

13.06.2022
गरीब मरीजों के लिए संजीवनी का काम कर रही सदर अस्पताल का डायलिसिस सेंटर अब मरीजों की संख्या को देखते हुए छोटा पड़ने लगा है। सात बेड वाले पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर पर रोजाना 23 मरीजों का डायलिसिस होता है। एक मरीज के डायलिसिस में तीन से चार घंटे लगते हैं तथा एक मरीज को सदर अस्पताल में डायलिसिस कराने से 40 हजार रुपए की बचत होती है।बलिया के शशिभूषण ने बताया कि 8 महीने से उनकी डायलिसिस हो रही है अगर मुझे प्राइवेट में डायलिसिस करानी पड़ती तो साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च होते और मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि मैं इतना खर्च कर पाता। बेगूसराय जिला के अलावे खगड़िया, समस्तीपुर, सिमरी बख्तियारपुर, मोकामा, लखीसराय के किडनी मरीज डायलिसिस कराने पहुंच रहे है, जिसकी वजह से डायलिसिस के लिए 7 बेड भी अब कम पड़ने लगा है।इसको लेकर तीन डायलिसिस बेड लगाने के प्रस्ताव जगह की कमी के कारण ठंडा बस्ता में पड़ा हुआ है, तो दूसरी ओर किडनी के 10 मरीजों का बेड की कमी होने के कारण उनका डायलिसिस ही नहीं हो पा रहा है, क्योंकि पूर्व से 65 मरीज यहां नियमित रूप से सप्ताह में दो बार और कुछ मरीजों का सप्ताह में तीन बार डायलिसिस सेवा देनी पड़ रही है। साथ ही पांच हेपेटाइटिस सी से प्रभावित मरीजों को भी यहां निशुल्क डायलिसिस सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

In a research conducted at Jaipur’s Women’s Hospital Sanganeri Gate and Janana Hospital Chandpol, a team of doctors administered umbilical cord blood to 168 critically ill newborns soon after birth, increased blood levels in 4 months, gave life

13.06.2022
कोख में बच्चे को नाभि के जरिए मां से जोड़ने वाली गर्भनाल को शिशु के जन्म के बाद काटकर फेंक दिया जाता है लेकिन चिकित्सा विज्ञान में हुए नए शोध के आधार पर गर्भनाल का खून नवजात के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। जयपुर के महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट और जनाना अस्पताल चांदपोल में हुए शोध में जन्म के तुरन्त बाद 168 नवजात को गर्भनाल का खून चढ़ाया गया। चार माह बाद डॉक्टरों की टीम के शोध में खुलासा हुआ कि बच्चे में खून की कमी नहीं हुई।गंभीर हालत में भी बच्चे को आईसीयू में या ऑक्सीजन पर नहीं लेना पड़ा। साइड इफेक्ट भी नहीं मिला। टीम में डॉ. सुनील गोठवाल, डॉ. कैलाश मीणा, डॉ. आनंद कुमावत, डॉ. विवेक अडवानी शामिल रहे। यह शोध राष्ट्रीय स्तर के जर्नल ऑफ पेरिनेटोलोजी में अप्रेल-2022 में प्रकाशित हुआ है।

A woman suffered a heart attack during a hip transplant operation in a hospital in Barmer, doctors saved her life.

13.06.2022
बाड़मेर के एक अस्पताल में ऑपरेशन करते वक्त 83 वर्षीय वृद्धा की हार्ट अटैक आने से धड़कनें रुक गई। उस वक्त वहां मौजूद एनेस्थीसिया डॉक्टर्स टीम डॉ. जगदीश कुमावत, डॉ.महेश चौधरी तथा ऑपरेशन थिएटर स्टाफ ने सीपीआर देकर वृद्ध की सांसे वापस लाई और क्रिटिकल आईसीयू में 3 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा। हार्ट अटैक की वजह से वृद्ध महिला के किडनी भी कमजोर हो गई थी। वृद्ध महिला को 5 यूनिट खून भी चढ़ाया गया। 13 दिन के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ हैं। परिजनों ने बिल्कुल आशा ही छोड़ दी थी, परंतु अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने वृद्धा को एक नया जीवनदान दिया है

The arbitrariness of the Mahatma Gandhi Memorial Medical College (MGM) administration, Indore, despite posting two doctors in the Department of Microbiology and Pharmacology, to get them post-mortem done

10.06.2022
अस्पताल में दोनों डॉक्टर अपनी विशेषज्ञता अनुसार अपने-अपने विभागों में जाना चाहते हैं परंतु उनसे अभी भी अस्पताल प्रबंधन पोस्टमार्टम करवा रहे हैं, एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के विरोध में चेतावनी के बाद एमजीएम कॉलेज प्रशासन ने दोनों डॉक्टरों को पोस्टमार्टम विभाग से हटाकर माइक्रोबायोलॉजी और फार्मोकोलॉजी विभाग पदस्थ करना दिखाया है। डीन ने लिखित में आदेश कर दोनों को पद स्थापित कर तो दिया है परंतु उनसे अभी भी पोस्टमार्टम करवा रहे हैं। दोनों डॉक्टर अपनी योग्यता के हिसाब से अपने-अपने विभाग में जाना चाहते हैं और अपनी सेवा देना चाहते हैं, परंतु उन्हें अपने विभाग में ही काम नहीं मिल रहा है जिससे कि वह खासा नाराज और नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं।

Post Graduate Institute of Medical Education and Research (PGI) in Chandigarh will now get appointment by message

09.06.2022
PGI हॉस्पिटल द्वारा मरीजों के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट की सुविधा जारी कर दी गयी है। अब ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने के लिए मरीज किसी भी शहर से आवेदन कर सकते है। इसके साथ मरीजों को रोगी जॉब कार्ड भी दिया जाएगा, जिसके लिए उन्हें 10 रुपये शुल्क भुगतान करना होगा। PGI चंडीगढ़ में ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट आधिकारिक वेबसाइट (www.pgimer.edu.in) पर जा कर ले सकते हैं।ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट का उद्देश्य मरीजों को सुविधा प्राप्त करवाना है। सभी मरीज जो पीजीआई हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं वे घर बैठ कर कर सकते हैं। इसके लिए मरीजों को डॉक्टर से मिलने के लिए हॉस्पिटल में लम्बी लाइनों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। कई बार लाइनों में लगने के बाद भी कुछ मरीजों को अप्वाइंटमेंट नहीं मिल पाता है। इन सब समस्याओं को देखते हुए अप्वाइंटमेंट करने के लिए ऑनलाइन सुविधा जारी की गयी है।