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11 new doctors and 40 MNM deployed in Jaisalmer, medical service will improve
18.06.2022
जैसलमेर जिले में 11 एमबीबीएस डॉक्टर हैं। वहीं, राज्य सरकार द्वारा 40 एएनएम भी स्थापित की गई हैं। पिछले अप्रैल में जिले में 18 रिक्त पदों पर आपात आधार पर भर्ती की गई थी। इनमें से 16 का चयन किया गया। 16 एमबीबीएस डॉक्टरों में से 11 ने ज्वाइन कर लिया है और उन्हें पोस्टिंग दी गई है।जवाहर अस्पताल, पोकरण में 3 उप जिला अस्पताल, पीएचसी खिन्या, चिन्नू, भाखरानी, घुइयाला और सीएचसी भनियाना और फालसुंड में नए एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं। जिससे जवाहर अस्पताल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार होगा। वहीं अभी तक 40 एएनएम ने ज्वाइन नहीं किया है। रिक्तियों के अनुसार जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में भी 40 एएनएम की तैनाती की जाएगी।जैसलमेर जिले में कुल 377 एएनएम पद स्वीकृत हैं। इनमें से 261 रिक्तियां भरी गई हैं। वहीं 116 पद रिक्त हैं। कई मेडिकल संस्थानों में एएनएम के रिक्त पदों के कारण एएनएम की सुविधा भी नहीं है। जिससे ग्रामीणों को छोटी-बड़ी बीमारियों के लिए नजदीकी सीएचसी व पीएचसी जाना पड़ता है। अब जैसलमेर जिले को राज्य सरकार की ओर से 40 एएनएम दी गई हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को काफी राहत मिलेगी। 40 एएनएम ज्वाइन करने के बाद भी 76 सीटें खाली रहेंगी।जैसलमेर जिले में कई वर्षों से डॉक्टरों की कमी है। वर्तमान में चिकित्सा विभाग यूटीबी के माध्यम से 11 डॉक्टरों को नियुक्त करता है। वहीं 40 एएनएम राज्य सरकार से मिल चुकी हैं. ऐसे में चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस डॉक्टरों के जो रिक्त पद थे, उन्हें अब भर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों से मिलने से चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार होगा।
Doctors of Bhopal Memorial Hospital and Research Center (BMHRC) performed a complex surgery, gave life to a 22-year-old youth.
18.06.2022
बीएमएचआरसी में जटिल सर्जरी,दरअसल, सह युवक बचपन से ही थैलीसीमिया से पीड़ित था। उसकी उम्र तो बढ़ रही थी, लेकिन शरीर का विकास नहीं हो रहा था और न वजन बढ़ रहा था।परिजन युवक को बीएमएचआरसी लेकर पहुंचे थे। यहां सीटी स्कैन में पता चला कि उसके पेट मे तिल्ली (स्पलीन) का आकार बेतहाशा बढ़ गया है। सामान्यतौर पर तिल्ली 12 सेमी लंबी और 170 ग्राम वजनी होनी चाहिए, लेकिन युवक के पेट में 25 सेमी लंबी और 2.5 किलो वजन की तिल्ली थी। जबकि, मरीज के पेट की लंबाई ही करीब 30 सेमी है।इसी वजह से उसे हर हफ्ते ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराना पड़ रहा था। ऐसे में गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रभारी एचओडी डॉ. प्रमोद वर्मा ने अपनी टीम के साथ युवक की सर्जरी की और बढ़ी हुई तिल्ली को निकाला। मरीज अब स्वस्थ है उसे जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। उसे हर हफ्ते की बजाय डेढ़ से दो महीने बाद ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने की जरूरत होगी। डॉ. वर्मा ने बताया कि तिल्ली का आकार 20 सेमी होने पर ही जान को खतरा हो सकता है।एनेस्थीशिया विभाग की प्रोफेसर डॉ. सारिका कटियार ने बताया कि थैलेसीमिया मरीजों की सर्जरी में सबसे बड़ी चुनौती उनके हीमोग्लोबिन स्तर को मेंटेन रखना होती है। इस मरीज का हीमोग्लोबिन 7.5 ग्राम था। पेट से निकाली गई तिल्ली में करीब 500 मिली ब्लड था। इसलिए हीमोग्लोबिन के स्तर को कम होने से रोकने लगातार मॉनिटरिंग की। जरूरत के मुताबिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया।
In Indore’s largest institute School of Excellence for Eye, allegation of giving appointments without the guidelines of the government
17.06.2022
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में शासन की गाइड लाइन का उपयोग नहीं करते हुए नियुक्तियां की जा रही हैं।यह आरोप मध्य प्रदेश ऑप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने लगाए हैं। उन्होंने बताया कि पैरामेडिकल के अंतर्गत अनेक पदों के लिए सूचना जारी की गई थी। इसमें ऑप्टोमेट्रिस्ट, फार्मेसिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, ओपीडी अटेंडेंट, लैब टेक्नीशियनस आदि के पद शामिल थे। सूचना में ऑप्टोमेट्रिस्ट पद के लिए योग्यता में विसंगतियां थी। इसके खिलाफ मध्य प्रदेश ऑप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन ने आपत्ति दर्ज कराते हुए संभागायुक्त एवं डीन को एक ज्ञापन दिया था। मामले की शिकायत शिक्षा स्वास्थ्य मंत्री से भी की थी। परिणाम स्वरूप इस सूचना एवं पदनियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था। अब 2 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी नहीं सूचना जारी नहीं की गई है। गोस्वामी के अलावा फेडरेशन सचिव राजेश मिश्रा, उपाध्यक्ष परविंदर सिंह होरा और मनीष भटनागर ने बताया कि शासन से हमारी मांग है कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए अन्यथा प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
Health department has posted new place of 59 doctors and nursing workers in Sikar.
17.06.2022
स्वास्थ्य विभाग ने फैसला लेते हुए अधिशेष डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों का नई जगह पद स्थापन कर दिया है। यह जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पद ना होने के बावजूद कार्यरत थे। स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों वाले स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्ति दी है। ज्यादातर का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी-पीएचसी पर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले से 13 डॉक्टरों को एसके अस्पताल छोड़कर फील्ड के स्वास्थ्य केंद्रों में ड्यूटी देनी होगी। जबकि 21 डॉक्टरों को खाली पदों वाले स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा है। 15 डॉक्टरों को दूसरे जिलों में नियुक्ति दी है। इनमें सबसे ज्यादा आठ डॉक्टरों को नागौर भेजा है। चार डॉक्टरों की नियुक्ति चूरू जिले के स्वास्थ्य केंद्र में हुई है तथा 2 को भरतपुर भेजा है। एक डॉक्टर की ड्यूटी हनुमानगढ़ लगाइ है। जबकि 22 नर्सिंगकर्मियों को भी अलग-अलग जगह पर भेजा है, नर्सिंगकर्मी भी अधिशेष थे। इसके चलते जिले की सीएचसी पीएचसी पर कार्यरत 20 डॉक्टरों को भी नई जगह जॉइन करना पड़ेगा।
Doctor surprised to see Rahul’s normal BP, pulse in hospital after removing Rahul who fell in borewell in Janjgir Champa, Chhattisgarh
16.06.2022
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन बाद मंगलवार देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया। रेस्क्यू के फौरन बाद उसे बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। राहुल शुक्रवार को दोपहर करीब 2 बजे 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। प्रशासन, SDRF, NDRF और सेना ने इस ऑपरेशन को बिना रुके अंजाम दिया। ये देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है। इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रिंस को 50 घंटे में बचाया गया था।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। वो राहुल के परिजनों के संपर्क में थे। मंगलवार रात उन्होंने सोशल मीडिया पर रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब होने की जानकारी दी। CM ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गड्ढे में एक सांप भी आ गया था। मगर खतरा टल गया। काफी लोग घटनास्थल के पास मौजूद थे।जैसे ही राहुल को बाहर निकाला गया जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। लोगों ने रेस्क्यू टीम के लिए तालियां बजाईं और पटाखे चलाए। लोगों ने SDRF, NDRF और सेना के जवानों को गोद में उठा लिया।
For the first time, a camp was organized in the Government Hospital of Mount Abu on World Blood Donor Day, judge-lawyer and CI also reached to donate blood
15.06.2022
माउंट आबू शहर में विश्व रक्तदाता दिवस पर पहली बार सरकारी अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें अपना ब्लड डोनेट करने के लिए शहरवासियों के साथ मजिस्ट्रेट व पुलिस के अधिकारी भी आगे आए। शहर के सरकारी अस्पताल में मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व विधिक सेवा प्राधिकरण तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार चौहान समेत एडवोकेट, डीएसपी योगेश शर्मा, सीआई किशोर सिंह भाटी समेत अन्य कर्मचारियों की टीम भी सामने आई और रक्तदाता दिवस के अवसर पर ब्लड डोनेट किया। शिविर तालुका विधिक सेवा समिति और सरकारी अस्पताल के तत्वाधान में आयोजित हुआ, जहां 2 घंटे में 30 सदस्यों ने अपना रक्तदान किया और सरकारी अस्पताल में 30 यूनिट ब्लड दिया।इस मौके थानाधिकारी किशोर सिंह भाटी, सरकारी अस्पताल के प्रभारी अधिकारी लक्ष्मण मेडतवाल, डॉ. नवीन शर्मा, वरिष्ठ नर्सिंग प्रकाश, तालुका विधिक सेवा समिति के सचिव जेठाराम, एडवोकेट भूपेंद्रसिंह जैन, गौरव कौशिक, बद्रीलाल काबरा , गजेंद्र सिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी, कृष्णा कुमार, भरत सिंह, सोहनलाल, नवीन कुमार रेलवे रिजर्वेशन काउंटर, पवन सिंह, भंवरलाल, सवाराम, दलपत सिंह, मोहन चौधरी, सरजीत सिंह, भारत सिंह, रामकुमार समेत सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ने रक्त दान दिया।