Not a single government hospital in Muzaffarpur is up to the standard of health department
सदर अस्पताल समेत मुजफ्फरपुर जिले का एक भी सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के स्टैंडर्ड के अनुरूप नहीं है। यहां तक कायाकल्प योजना के तहत अनुशंसित मुरौल सीएचसी भी। जबकि, राज्यस्तरीय एसेसमेंट(मूल्यांकन) के लिए मुरौल सीएचसी को तैयार करने को लेकर बिल्डिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन, मुरौल सीएसची समेत जिले के किसी भी सीएचसी-पीएचसी में 24 घंटे जांच, ब्लड स्टोरेज यूनिट, बीपी जांच के लिए ऑपरेटर, वजन मशीन, प्राइवेसी, कॉर्डिएक मॉनिटर की सुविधा नहीं है।
शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर में भी 24 घंटे जांच की सुविधा नहीं है। पिछले वर्ष कायाकल्प योजना के तहत जिले से सदर अस्पताल के एमसीएच के एसेसमेंट की अनुशंसा की गई थी। लेकिन, सरकार की सूची से यह बाहर हाे गया। इस वर्ष मुराैल सीएचसी को कायाकल्प प्रमाणीकरण के लिए तैयार किया गया। इसके बाद सिविल सर्जन ने 12 मार्च काे राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी काे पत्र लिखकर कायाकल्प के तहत अस्पताल के एसेसमेंट की अनुशंसा की।वहीं, 27 मई काे डीएम प्रणव कुमार ने राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक काे पत्र लिखकर मुराैल पीएचसी का कायाकल्प याेजना के लिए एसेसमेंट कराने की अनुशंसा की। डीएम ने लिखा था कि तीन माह तक मुराैल पीएचसी काे मानक में लाने के लिए तैयार किया गया है। बावजूद इसके 26 जुलाई काे जब राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से कायाकल्प के तहत एसेंसमेंट कराने के लिए कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जो सूची जारी की, उसमें मुजफ्फरपुर जिले का एक भी अस्पताल शामिल नहीं है।
इस बोर्ड के झांसे में न आएं : सिर्फ दिखावे के लिए हैं, सुविधाएं मयस्सर नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य कल्याण एवं परिवार मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए कायाकल्प योजना की शुरुआत की है। इसके तहत स्वच्छता, साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण के उच्च मानकों को हासिल करने वाले जिला अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को उनके कार्यों के आधार पर पुरस्कार दिया जाता है। स्वास्थ्य सचिव या मिशन डायरेक्टर स्तर की कमेटी अस्पताल में सुविधाओं का एसेसमेंट करती है। प्रथम स्थान अस्पताल को 50 लाख का पुरस्कार दिया जाता है।
कायाकल्प याेजना के लिए सदर अस्पताल के एमसीएच और मुराैल सीएचसी काे तैयार किया गया है। इसके लिए तत्कालीन सिविल सर्जन और फिर डीएम की ओर से राज्यस्तरीय एसेसमेंट कराने के लिए अनुशंसा की गई थी। सरकार की जाे लिस्ट नहीं है, उसे अभी तक देखा नहीं है। अब फिर से दाेनाें अस्पतालाें में जाे भी मानक में कमियां हाेंगी, उसे पूरा कर एसेसमेंट के लिए अनुशंसा की जाएगी।
-डाॅ. यूसी शर्मा, सिविल सर्जन।
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