लक्ष्य पूरा करने के लिए चिकित्सकों की गंभीर लापरवाही
सवाई माधोपुर के चकेरी में चिकित्सा विभाग के अधिकारीयों एवं स्टाफ की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले नसबंदी शिविर को मजाक बनाया जा रहा हैं I शिविर में लापरवाही के कारण महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन करते समय ध्यान से जाँच नहीं की जातीI मात्र नसबंदी ऑपरेशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में निरक्षर महिलाओं को शिविर में लाकर ऑपरेशन कर दिया जाता हैं जिसका खामियाजा पीडिता भुगतती हैं I घटना दिसंबर माह के कुंडेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हैं जहाँ एक महिला की नशबंदी की गई जिसके करीब 23 दिन बाद पीडिता को गर्भवती होने का अहसास हुआ I इसके बाद महिला ने कुंडेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाई तो महिला के गर्भवती होने की पुष्टि हुई I नसबंदी प्रमाण पत्र में महिला की नशबंदी 28 दिसंबर को की गई थी और नसबंदी प्रमाणपत्र में यूपीआई जांच पॉजिटिव 03 दिसंबर दर्शित हैं I अर्थात नसबंदी करने से पूर्व महिला को गर्भवती 3 दिसंबर को ही बता दिया गया था, लेकिन महिला का ऑपरेशन कर नशबंदी कर दी गई I