राजमेडिकोन 2019 : चिकित्सक संगम, आयोजन और विवाद, पूरी कहानी
राज-मेडिकोन 2019, आइएमए और अरिसदा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चिकित्सक महासंगम का आयोजन 29-30 जून को जयपुर के बिड़ला ऑडीटोरियम में हुआ । आयोजन एतिहासिक था, जिसमें करीब 2500 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया, इन चिकित्सकों में प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के थे, चूँकि यह अरिसदा का पहला अधिकारिक संगम भी था । दो दिन के आयोजन में बहुत सी सेलेब्रिटीज और चिकित्सा जगत के नामी जनों के सेशन्स थे जिनका चिकित्सकों ने भरपूर आनंद लिया, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन एवं ऑफलाइन थी, नाश्ते, खाने का आयोजन बहुत ही शानदार बताया गया (बटरचिकन नहीं था), हालांकि ड्रिंक्स के दो कूपन मिलने पर चिकित्सक चर्चा करते देखे गये कि इनका क्या उद्देश्य है, साथ ही रेजिडेंट डॉक्टरों को ड्रिंक्स कूपन नहीं मिलने कि चर्चा एवं शिकायत गलियारों में रही । चिकित्सकों ने आयोजन को सराहा और भविष्य में ऐसे आयोजन चिकित्सक एकता की दिशा में करते रहने की आवश्यकता जताई । सरकारी डॉक्टरों के लिए आयोजन में भाग लेने को ड्यूटी माने जाने के आदेश विभाग की तरफ से जारी किये गए, जिससे चिकित्सकों में उत्साह दिखा । एक प्राइवेट लेब कि तरफ से चिकित्सकों कि लिपिड और डायबिटीज प्रोफाइल मुफ्त में जाँची जा रही थी जिसकी रिपोर्ट देखकर भी कई चिकित्सक माथा और पेट पकड़े हुए, सुबह उठकर दौड़ने का प्लान बना रहे हैं ।
कार्यक्रम की आयोजन कमेटी
रजिस्ट्रेशन फीस
साथ ही गारंटी ली गयी थी कि अगर मजा नहीं आये तो पूरा पैसा वापस दिया जायेगा, कुछ चिकित्सकों का कहना है, उन्हें उतना मजा नहीं आया, वे कूपन लेकर डोल रहे हैं, सो अब वे इस गारंटी को भुनाने के प्रयास जल्द ही आयोजनकर्ताओं से मिलकर करेंगे ।
कार्यक्रम का अजेंडा और सेशन
अवार्ड्स
निम्न केटेगरीज में करीब सौ से ज्यादा अवार्ड थे, जिनमें से कई चयन विवादित रहे, नजदीकीवाद दिखा ।
विवाद
निश्चित रूप से इतना बड़ा आयोजन होता है तो कुछ न कुछ छोटा मोटा विवाद से नाता हो ही जाता है लेकिन दैनिक भास्कर के फ्रंट पेज पर न्यूज छप जाने के बाद अंदर कि बातें सार्वजनिक हुई, पहले दिन मंत्रीजी के आंकड़ों के बारे में खबर छपी तो दुसरे दिन मारपीट और बाबा की खबर । बिना फाइनेंस कमेटी और ट्रेजरार कमेटी के आयोजन पर भी कई सवाल अंत में हुई जीबीएम में खड़े हुए, आइएमए सचिव डॉ. जैन शरीर का ताप बढ़ जाने के कारण, समापन जीबीएम में अनुपस्थित रहे । कुछ आइएमए के वरिष्ठ भी साइडलाइन किये जाने से चुपचाप दिखे |
विवाद 1. बेटी-सालीवाद
निश्चित रूप से आयोजनकर्ता का हस्तक्षेप आयोजन प्रक्रिया, अवार्ड्स, सेशन्स, सेलेब्रिटी चयन में रहता है लेकिन उन्हें इस तरह कि स्थिति से जितना हो सके बचना चाहिए, लेकिन जैन शाहब बच नहीं पाए, सपरिवार महामहिम पूर्व राष्ट्रपति के साथ फोटो खिंचवाने, खुद की बेटी जो कि मुंबई में चिकित्सक है उस से महामहिम को स्वागत बुके भेंट करवाने को लेकर सयानों में चर्चा रही लेकिन सबसे अजीब और विकट स्थिति तब उत्पन्न हुई जब शाहब कि साली शाहीबा जो कि एक आरएएस अधिकारी हैं, भ्रष्टाचार में एसीबी में रंगे हाथ पकड़ी गयी थी, अभी सस्पेंड चल रही हैं, उनसे राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह को स्वागत बुके भेंट करवा दिया गया, घटना से चिकित्सक सतब्ध रह गये लेकिन डायस पर पूर्व राष्ट्रपति के होने के कारण चुप्पी साध गए, सयानों का कहना है कि सस्पेंड साली को इस आयोजन से दूर रखा जाना चाहिए था, उसकी फेसवेल्यु बढाने के लिए इस आयोजन का इस्तेमाल न किया जाए, आयोजन के दो दिन पहले राज्य के एक बड़े मीडिया हाउस ने इसका खुलासा भी कर दिया था कि एक भ्रष्ट अधिकारी राजमेडिकोन में अहम रोल अदा कर रही है, तत्पश्चात आयोजकों ने कहा था कि वे इस अधिकारी से किनारा करेंगे लेकिन ऐन मौके पर बेटीसालिवाद फैलाया गया जिस मुद्दे पर शाम 7 बजे के करीब ऑडीटोरियम की सीढ़ियों पर आयोजकों एवं कुछ चिकित्सकों में तनातनी हुई, तत्पश्चात ड्रिंक काउंटर बंद कर दिए गए तो कई चिकित्सकों ने विरोध दर्ज किया, आयोजक बिगड़ते माहौल को देख गाड़ी में भागने लगे तो कुछ लोगों ने गाड़ी को जाने नहीं दिया, लेकिन अरिसदा अध्यक्ष और आईएमए के सयानों के हस्तक्षेप से श्री जैन रवाना हुए और काउंटर, खाना आदि चले, आधी रात तक ।
विवाद 2. बाबावाद
अक्षरधाम अहमदाबाद में बाबा ज्ञानवत्सल जी का मोटिवेशन एवं टेंशनमुक्ति पर सेशन था, पूरा सभागार खचाखच था, अचानक बड़े ही रूड तरीके से अनाउंस किया गया कि आगे कि सात रो से सभी महिला चिकित्सकों को हटाकर पीछे भेज दिया जाए क्यूंकि बाबाजी का प्रोटोकोल है कि वे अपने से करीब दस मीटर तक किसी भी महिला कि उपस्थिति नहीं चाहते, इस अनाउंसमेंट से पूरा ऑडिटोरियम सकते में आ गया, चिकित्सक महिला हो जा पुरुष कैसा भेद ? जब चिकित्सक ही किसी के साथ भेद नहीं करते तो उनके साथ क्यूँ ? वो भी एलाईट डॉक्टर समुदाय में । कई तर्क दिए जाने लगे कि, बाबा फ्लाईट या ट्रेन में नहीं जाते क्या या अपनी माँ से पैदा भी तो हुए हैं, डाउनलोड थोड़े ही हुए हैं । आयोजकों की समझाईस पर यह बात मान ली गयी कि आगे कि दो रो में कोई नहीं बैठेगा, पीछे सब समान तरीके से बैठेंगे, इसी बाबाजी स्टेज पर एक सेकंड से भी कम समय के लिए आये और चलते बने, जो कि फिर अगले दिन दैनिक भास्कर के मुख्य पेज पर आकर रुके । डेलिगेट्स ने आयोजकों के इस बाबा बुलावन को गलत ठहराया ।
“कुछ बड़ा करना हो तो अटैक करना सीखिए – राजस्थान कि महिला चिकित्सकों से”
विवादों को साइड में कर दें तो आयोजन बेहतरीन रहा, डॉ. वीके जैन का मुंबई से आया मेरा दोस्त वाला, डॉ. अजय चौधरी का जोशीला भाषण और डॉ. वशिष्ठ का बाबा पश्चात कंट्रोल डेमेज सेशन चर्चा में रहे ।
आशा है भविष्य में ऐसे आयोजन सादगी से बिना किसी विवाद के होंगें और चिकित्सा एकता एक अलग ऊंचाई पर जाएगी ।
⇓ Share post on Whatsapp & Facebook ⇓