KGMU में कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण की कीमतें बढ़ीं
केजीएमयू में दिव्यांगों का दर्द बढ़ गया है। यहां कृत्रिम अंग व सहायक उपकरणों की कीमतों में पांच से 10 फीसदी का इजाफा हो गया है। नतीजतन अब दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंगों के एवज में अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि उपकरणों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के बाजार मूल्य में वृद्धि हुई है। इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ी।
केजीएमयू के पीएमआर विभाग में कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण बनाए जाते हैं। प्रदेश भर से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं। डॉक्टरों की सलाह पर दिव्यांगों को कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण बनाए जाते हैं जो कि बाजार व निजी संस्थानों से काफी सस्ते हैं। उपकरणों को तैयार करने में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हुआ। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने वर्ष 2013 के बाद कृत्रिम अंग व सहायक उपकरणों की कीमतों में इजाफा का फैसला किया है। इससे गरीब मरीजों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। कुछ उपकरणों में 100 से लेकर चार हजार रुपये तक का इजाफा किया गया है। घुटना, खास तरह के जूते, कृत्रिम हाथ आदि शामिल हैं।