Chetan Kumar Chauhan became the 80th brain dead organ donor under treatment in Ahmedabad‘s Civil Hospital, Asia’s largest
21.07.2022
एशिया के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में उपचाराधीन चेतन कुमार चौहाण 80वां ब्रेनडेड अंगदाता बना है। वर्तमान में भले ही ये 80 दाता इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी वजह से 230 लोगों को नया जीवन मिला है। चेतन के दान में मिले चार अंगों में से हृदय को 42 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया गया। 30 वर्षीय चेतन ने कम आयु में ही अपने माता-पिता की छत्रछाया खो दी थी। गत 12 जुलाई को वह सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ था।जटिल स्थिति में उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सात दिनों तक गहन उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अस्पताल की टीम ने चेतन के परिजनों को अंगदान के महत्व के बारे में बताया। स्वीकृति मिलने पर दो किडनी, लिवर और हृदय का दान किया गया।चेतन के हृदय को मुंबई स्थित अस्पताल में ले जाया गया। सिविल अस्पताल से हवाई अड्डे तक ग्रीन कॉरिडोर कर पहुंचाया गया। मुंबई में 42 वर्षीय मरीज में चेतन के हृदय को प्रत्यारोपित किया गया। जबकि दो किडनी और लीवर को सिविल मेडिसिटी कैंपस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिस एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) में तीन मरीजों को प्रत्यारोपित किया गया। इस तरह से चेतन के अंगों से चार लोगों को नया जीवन मिला है।
बना मदद का अभियान
सिविल अस्पताल में शुरू किया गया अभियान अब जन-जन में मदद के रूप अंगदान की मुहिम बन गई है। समाज में व्याप्त अंगदान के प्रति जागरुकता के चलते अनेक लोग बिना परामर्श के ही अंगदान की स्वीकृति दे दे देते हैं।
डॉ. राकेश जोशी, चिकित्सा अधीक्षक
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