The doctor will have to keep records for three years from the last treatment of the patient, it is mandatory in OPD and IPD, new rules prepared by the Medical Commission

27.06.2022
पंजीकृत चिकित्सकों के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर आपत्तियों की समय सीमा बुधवार को पूरी हो गई। (पेशेवर आचरण) विनियमन, 2022 में कई बड़े बदलाव हुए हैं। इसमें एनएमसी की नैतिकता और डॉक्टर के कर्तव्य के प्रति जवाबदेही को और प्रभावी बनाया गया है। अब डॉक्टर को मरीज के अंतिम इलाज से तीन साल का रिकॉर्ड रखना होगा। ओपीडी और आईपीडी में यह अनिवार्य है। आपात स्थिति में मरीजों के परिजनों का यह रिकॉर्ड उसी दिन उपलब्ध कराना होता है। इसका भुगतान सामान्य आधार पर अधिकतम पांच दिनों में करना होगा। ड्राफ्ट जारी होने के तीन साल के भीतर मरीज के डेटा को डिजिटाइज किया जाना चाहिए।नशे में मरीज को देखने पर डॉक्टर को तीन साल तक के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। इलाज शुरू करने से पहले मरीज की फीस की जानकारी देनी होगी। आपात स्थिति में मरीज का इलाज करते समय शुल्क का भुगतान नहीं करने पर इलाज से इनकार नहीं किया जा सकता है। एनएमसी ने 23 मई को मसौदा जारी किया था और 22 जून तक इस पर टिप्पणी मांगी थी।इस मसौदे में आरएमपी को जेनेरिक नामों से दवा लिखने की सलाह दी गई है। दिशानिर्देश 8 का मसौदा रोगी रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए एक प्रारूप प्रदान करता है। इसमें डॉक्टरों को मरीज का नाम, उम्र, लिंग, पता, पेशा, अंतिम मुलाकात की तारीख, मामले की क्लिनिकल नोट (सारांश), जांच, निदान, सलाह सहित विवरण रखना सुनिश्चित करना होता है।

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