Crisis deepens in Sri Lanka: No diesel left to run ambulance; Speaker said – President left the country and then reversed the statement

12.07.2022
श्रीलंका में सियासी और आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और सचिवालय में धावा बोल दिया है और यहां से हटने से मना कर दिया है। इनका कहना कि जब तक प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देंगे, हम नहीं हटेंगे।देश में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं बचा है। एंबुलेंस सर्विस ने जनता से कॉल न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम सेवा देने में असमर्थ हैं।इस बीच स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धन ने कहा कि राष्ट्रपति गोटाबाया ने देश छोड़ दिया है और वे बुधवार तक लौट आएंगे। हालांकि, बाद में स्पीकर पलट गए और कहा कि उन्होंने गलती से कहा कि राष्ट्रपति ने देश छोड़ दिया है। वे यहीं हैं।

बुधवार को पद छोड़ देंगे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने स्पीकर को सूचित किया है कि वह बुधवार को पद छोड़ देंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ सौदे में देरी होने की आशंका है। विदेशी आर्थिक मदद के बिना श्रीलंका की हालत हर दिन बदतर होती जा रही है।दूसरी तरफ, मुख्य विपक्षी दल ने अंतरिम राष्ट्रपति पद के लिए सजिथ प्रेमदासा का नामांकन करने का फैसला किया है। विपक्षी दल एसजेबी के पास 50 सांसद हैं और उन्हें 113 सांसदों का समर्थन चाहिए। यदि राष्ट्रपति गोटाबाया 13 जुलाई को पद छोड़ देते हैं तो 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चयन किया जाएगा।

अच्छे से नहीं मिल पा रहा एक वक्त का खाना
लोगों को एक वक्त का खाना भी अच्छे से नहीं मिल पा रहा है। खाने-पीने वाले प्रोडेक्ट के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। दाल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि यहां भुखमरी और कुपोषण जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। डीजल नहीं होने की वजह से नावें समुद्र में नहीं जा पा रही हैं, जिससे मछलियां भी नहीं पकड़ी जा रहीं। कई लोगों के लिए यह संकट महीनों से बना हुआ है।

पेट्रोल-डीजल की है भारी कमी
श्रीलंका में अधिकतर पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं, क्योंकि पेट्रोल-डीजल ही नहीं है। जिन जगहों पर खुले हुए हैं, वहां बहुत लंबी-लंबी लाइन लग रही हैं। इतना ही नहीं पेट्रोल पंप की निगरानी के लिए पुलिस और आर्मी तैनात कर दी गई है।

पेट्रोलियम मंत्री ने सोमवार को स्पष्ट किया कि 15-17 जुलाई को डीजल और 22-24 जुलाई के बीच पेट्रोल की खेप आने की उम्मीद है। यानी इससे पहले स्थिति में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है।

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