Private doctors on strike tomorrow against the new rules of fire safety in Surat
21.07.2022
कोरोनाकाल में अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटना के बाद जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अस्पताल में फायर एनओसी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई नियम जारी किए गए हैं। स्थानीय निकायों ने अस्पतालों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। इसमें एक नियम यह है कि आईसीयू भूतल पर ही होना चाहिए। लगातार बैठकों के बाद भी कोई उचित निर्णय नहीं आने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने 22 जुलाई को ओपीडी और इमरजेंसी बंद कर हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन फायर सेफ्टी कमेटी ने बताया कि बुधवार को शहर के 3500 प्राइवेट डॉक्टर अपने अस्पताल बंद रखकर हड़ताल पर जाएंगे। हाल में स्थानीय प्रशासन ने निजी अस्पतालों के नियमों को लेकर नए नोटिस जारी किए हैं। इसमें कई नियम ऐसे हैं जो अस्पताल पर लागू करने से डॉक्टरों को काफी परेशानी होगी। फायर सेफ्टी कमेटी की को-चेयरमैन डॉ. पारूल वडगामा ने बताया कि मरीजों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय या सरकार का जो भी आदेश है, उसे डॉक्टर मानने को तैयार हैं। लेकिन नियम बनाते समय एक कमेटी बने जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञ होने चाहिए। नए नियमों पर तुरंत रोक लगाने की मांग के साथ ही शहर के निजी अस्पताल के साढ़े तीन हजार डॉक्टर शुक्रवार को ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं बंद करके हड़ताल पर जाएंगे। इस दिन आने वाले सभी केसों को ट्रस्ट या सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा।पिछले साल फायर सेफ्टी का नियम लाया गया और डॉक्टरों ने उसका पालन किया है। अब फिर से जो नए नियम सामने आए हैं, उनका सभी डॉक्टर पालन करने में सक्षम नहीं हैं। राज्य सरकार द्वारा बार-बार जारी किए गए नियमों से गुजरातभर के डॉक्टरों में नाराजगी है। सूरत समेत आइएमए ने राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।चिकित्सकों ने बताया कि नए नियम में पर्दों, बेडशीट, छत और दीवारों में गैरज्वलनशील कपड़े, हर माह वेंटिलेटर की सेवा, एसी का मासिक रखरखाव, बिजली के तारों के लिए ईएलसीबी और एमसीबी आदि प्रत्येक विद्युत बिंदु पर स्थापित करना शामिल है। आईसीयू की मासिक चेकिंग, आईसीयू में स्प्रिंकलर सिस्टम और मासिक सर्विसिंग, आईसीयू ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए और बेड पास करने के लिए दरवाजे चौड़े और एक से अधिक होने चाहिए। इमरजेंसी लाइट और ऑटो स्टार्टिंग सेंस अनिवार्य, सीढिय़ों से सभी कांच की बाधाओं को हटाना, अस्पताल की ऊंचाई, बाहर कांच का उपयोग नहीं करना आदिश शामिल है। इन नियमों का पालन करने के लिए केवल सात दिन का समय दिया गया है।
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