Occupying the allotted places for Mohalla clinics in Raipur, only 32 out of 70 opened due to lack of space
24.06.2022
लोगों को घर के करीब इलाज, दवाइयां और जांच की सुविधा मिले, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने मोहल्ला क्लीनिक योजना बनाई और प्रदेशभर में करीब एक हजार तथा राजधानी में 70 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के टारगेट पर काम शुरू किया। राजधानी की ही बात करें तो क्लीनिक खोलने के सारे संसाधन नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के पास हैं, लेकिन सामुदायिक या सरकारी भवनों का सामाजिक तथा अन्य संस्थाओं को पहले से आवंटित होना या ऐसी जगहों पर कब्जा इन्हें शुरू करने में सबसे बड़ी रुकावट बना है।पड़ताल में खुलासा हुआ कि राजधानी में 70 मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने थे, ज्यादातर के लिए जगह भी तय हो गई लेकिन भवन खाली नहीं होने के कारण क्लीनिक खुल ही नहीं सके। 50 दिन (डेढ़ माह से अधिक) बीतने के बाद भी राजधानी में 70 में 32 क्लीनिक ही खुल पाए हैं। आधा दर्जन से ज्यादा क्लीनिकों के लिए तो आवंटित जगहों पर संस्थाएं काबिज हैं।हांडीपारा में प्रिंटिंग प्रेस का सामान पड़ा होने की वजह से एक क्लीनिक हफ्तेभर चलकर खाली करवा लिया गया है। राजधानी में अप्रैल-मई यानी दो माह में 52 क्लीनिक खोले जाने थे। इनमें से कई में क्लीनिक के लिए जगह को लेकर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग, दोनों को ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल क्लीनिक के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिन जगहों का चयन किया, वहां सरकारी या सामाजिक संस्थाएं पहले से ही काबिज हैं। इस वजह से क्लीनिकों को शिफ्ट करने की नौबत भी आई है।इसी वजह से किराए के भवन जैसे विकल्पों पर भी स्वास्थ्य विभाग ने विचार शुरू किया है। कुछ मामले में क्लीनिकों के लिए दोबारा जगह तलाशनी पड़ गई है। जो क्लीनिक खुले हैं, छोटी मोटी बीमारियों के इलाज और जांच जैसी सुविधाओं लोगों को मिल रही है। अफसरों का कहना है कि जहां जगहों को लेकर विवाद हो रहे हैं वहां जल्द ही समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए अगले 15 दिनों में नई भर्तियां भी होने जा रही है।
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