“IT’S A MURDER, NOT SUICIDE”, FAMILY OF DECEASED DR. AASTHA MUNJAL CRIES !
दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल ड्यूटी रूम में संदेहास्पद परिस्थिति में मृत पाई गई डॉ. आस्था मुंजाल के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर चिकित्सक की हत्या का आरोप लगाया है, परिजनों का कहना है कि आस्था ने यहां 5 महीने पहले ही नौकरी ज्वाइन की थी और इस अंतराल में उन्होंने बार-बार अस्पताल में हो रही गलत प्रैक्टिसेज के बारे में आवाज उठाई तथा हाल ही में उन्होंने अस्पताल में कार्यरत सभी चिकित्सकों के स्वाइन फ्लू वैक्सीन लगवाए जाने की मांग की थी इस पर अस्पताल ने कहा था कि बाहर किसी सरकारी अस्पताल से वैक्सीनेशन करवा लीजिए ।
अस्पताल प्रबंधन और पुलिस का मानना है कि यह एक सुसाइड है जबकि परिजनों रिश्तेदारों और दोस्तों के अनुसार यह हत्या है क्योंकि कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है, मृतक के पिता आरके मुंजाल का कहना है कि वह अपने सीनियरों से टकराव के कारण यहां नौकरी नहीं करना चाहती थी ।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टर आस्था मुंजाल ने खुद को 10 मिलीलीटर वाला प्रोपोफॉल का इंजेक्शन लगाया था इस पर विश्वास करना मुश्किल है क्योंकि 5 मिलीलीटर से ही बेहोशी आ जाती है जबकि मृतक के पास से तीन खाली बोतलें बरामद हुई है, अतः परिजनों का मान कि इतनी जल्दी तीन इंजेक्शन नहीं दिए जा सकते, हॉस्पिटल प्रबंधन को बॉडी सुबह 4:50 पर मिली जबकि उन्होंने घर वालों को 6:50 पर बताया, काम में ली गई दवाई हॉस्पिटल की दवा नहीं थी तो क्यों डॉक्टर मुंजाल बाहर से दवा लाई होगी ?
सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता लगता है कि उसके कमरे में घुसने के बाद से ही कमरे की लाइट बंद थी तो अंधेरे में कैसे वो खुद को इंजेक्शन लगा सकती है ?
गेट की सांकल भी अंदर से टूटा हुआ था, घरवालों का कहना है कि जब अस्पताल प्रबंधन के पास कमरे की दूसरी चाबी थी तो उन्होंने क्यों कमरे का दरवाजा तोड़ा और घरवालों ने जब वहां के सुपरवाइजर से इस बारे में जानकारी मांगी तो वह भाग खड़ा हुआ । पूछताछ में यह भी सामने आया है कि रात को 12:30 के आसपास डॉक्टरों की आवाजाही उस इलाके में काफी बढ़ी थी ।
डॉक्टर मुंजाल की बाहों पर चोट के निशान है ऐसा लगता है जैसे इंजेक्शन लगाते समय किसी ने उसे पकड़ रखा हो, स्टाफ की माने तो वह ड्यूटी रूम में सोने गई थी और सुबह उसका शव भी सोती हुई अवस्था में ही मिला यानी किसी और ने इंजेक्शन लगाया होगा, उसके मुंह पर कुछ झाग भी लगे हुए थे जो कि प्रोपूफोल इंजेक्शन से नहीं पैदा होते हैं ।
बहुत से ऐसे सवाल हैं जिनका कोई जवाब नहीं है और फैमिली द्वारा अस्पताल प्रबंधन से कुछ भी पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में घर वालों का मानना है कि उनके साथ गलत हुआ है और उनको न्याय मिलना चाहिए इसके लिए उन्होंने एक ऑनलाइन पिटिशन भी शुरू की है –
Petition link on change.org: http://chng.it/LS7mVKGd4G
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