Increasing fees for Foreign Medical Graduate Examination (FMGE) and all medical examinations to be conducted in India by doing MBBS from abroad
27.06.2022
प्रवेश और पात्रता परीक्षाओं की फॉर्म फिलिंग फीस में पिछले चार सालों में काफी बढ़ोतरी हुई है। खासतौर पर मेडिकल एग्जाम्स में। विदेश से एमबीबीएस करके भारत में प्रैक्टिस के लिए होने वाले एफएमजीई एग्जाम की फीस 7 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। अब यह राशि 7080 रुपए (18 प्रतिशत जीएसटी सहित) है। दिसंबर 2019 तक यह फीस 5500 रुपए थी। वहीं एमबीबीएस के बाद पीजी में प्रवेश के लिए होने वाले नीट पीजी का एग्जाम फॉर्म भरने के लिए अब 4250 रुपए का शुल्क देना पड़ता है। 2020 तक यह राशि 3750 रुपए थी। इसी तरह नीट एसएस के लिए फॉर्म फिलिंग फीस 2019 में 3750 थी। जिसे 2020 में जीएसटी लगाकर 4425 रुपए किया गया। 2021 में जीएसटी हटा फिर भी फीस 4250 ही रही। वहीं साल 2020 तक नीट एमडीएस के लिए फीस 3750 थी जो 2022 में 4250 रुपए हो गई। वहीं कुछ परीक्षाएं ऐसी भी हैं जिनके आवेदन शुल्क में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है।उदाहरण के तौर पर आईआईएम में प्रवेश के लिए होने वाले कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) में 2019 से 2021 के बीच 300 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। 2019 में इसकी फीस 1900 थी, जो 2021 में बढ़कर 2200 रुपए हो गई। इसी तरह इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड व मेडिकल एंट्रेंस नीट यूजी में मात्र 200 रुपए बढ़े हैं। 2019 तक एडवांस्ड की फॉर्म फीस 2600 रुपए थी जो अब 2800 रुपए है। इसी तरह 2019 में नीट यूजी की फीस 1400 थी जो 2022 में 1600 रुपए है।
हिसाब ही नहीं देती परीक्षा करवाने वाली एजेंसियां
एनबीई से जब एग्जाम में होने वाले खर्च का ब्यौरा पूछा गया तो अधिकारियों का कहना था कि वे खर्च का ब्यौरा नहीं रखते। वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी अब ऑडिट करवाने वाली है, जबकि एनटीए के गठन को लंबा समय हो गया है। मेडिकल की मुख्य परीक्षाएं करवाने की जिम्मेदारी एनटीए और एनबीई की होती है। वहीं काउंसलिंग मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की ओर से आयोजित की जाती है।
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