223 drug stores opened in Chhattisgarh under Pradhan Mantri Jan Aushadhi Yojana, out of which 100 centers have been locked.

22.06.2022
आम मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध हों, इसके लिए केंद्र सरकार ने 2016 में प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का शुरुआत की और छत्तीसगढ़ में 223 स्टोर भी खुले, लेकिन पिछले दो-तीन साल में इनमें से 100 स्टोर में ताले लग चुके हैं।पड़ताल में यह बात सामने आई कि बीते एक साल में 123 जनऔषधि स्टोर्स से 15 करोड़ रुपए की दवाइयां बिकी हैं। अगर यह सामान्य दुकानों से खरीदी जातीं तो 75 करोड़ रुपए से ज्यादा की होतीं, इस तरह जनऔषधि केंद्रों ने मरीजों के करीब 60 करोड़ रुपए बचा लिए हैं। अफसरों और कारोबारियों के मुताबिक सौ स्टोर बंद नहीं होते और वहां बिक्री इतनी ही होती तो मरीजों के 60 करोड़ रुपए और बच सकते थे। छत्तीसगढ़ में जनऔषधि सेंटरों से दवाइयों की बिक्री बढ़ने लगी है।मिले आंकड़ों के मुताबिक मई 2022 में देशभर में संचालित जनऔषधि केंद्रों से 100 करोड़ की दवाएं बिकीं, लेकिन इनमें से 2.5 करोड़ रुपए की दवाइयां छत्तीसगढ़ में ही बिक गई हैं। यहां मांग बढ़ रही है, यही वजह है कि नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ के 4 जिलों में तत्काल नए जनऔषधि केंद्र खोलने के निर्देश दिए हैं, ताकि मरीजों की जेब पर दवाइयों का बोझ कम पड़े।रायपुर में चल रहे जनऔषधि केंद्रों तक पहुंची। यहां रुटीन में इस्तेमाल में आने वाली बीपी, शुगर और हाईपरटेंशन समेत अन्य जरूरी दवाएं कॉम्बिनेशन के साथ उपलब्ध हैं। 700 दवाओं की सूची चस्पा है। उधर, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोले हैं। इन स्टोर में भी सस्ती दवाइयां मुहैया करवाई जा रही हैं।

जनसेवा केंद्रों पर80 प्रतिशत तक सस्ती दवा मिलती है
जनऔषधि केंद्रों की दवाओं में 50 से 80 प्रतिशत तक की छूट होती है। इन दवाओं की खरीदी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा की जाती है, जो नॉन ब्रांडेड होती हैं। सिर्फ फॉर्मूला बेस्ड होती हैं। इन दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए केंद्रीय मंत्रालय की स्पेशल टीम काम करती है।

गौरतलब है, 22 मार्च 2022 को जनऔषधि दिवस पर पीएम मोदी ने कहा था – जनऔषधि केंद्रों से 800 करोड़ की दवाएं बिकी हैं। सरकार मध्यम वर्ग के लोगों की जेब से धन बचाकर उन्हें फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। यह मेडिसिन रिवोल्यूशन है।’

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