Big Negligence in Bhopal: More than 400 Hospitals, Near Temporary NOC 225
राजधानी भोपाल में 400 से ज्यादा छोटे-बड़े हॉस्पिटल हैं। इनमें से टेम्प्रेरी NOC करीब 225 के पास है। बाकी के पास प्रोविजनल NOC है। चूंकि, आगजनी की 90% घटनाएं शॉर्ट सर्किट से होती हैं, इसलिए अब फायर के साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी भी देखी जाएगी। वहीं, हॉस्पिटलों ने प्रोविजनल के बाद टेम्प्रेरी NOC क्यों नहीं ली, इसका भी नगर निगम सर्वे करेगा। टीमें हकीकत जाने के लिए मैदान में उतरेंगी।जबलपुर के हॉस्पिटल में हुई आगजनी की घटना ने फायर सेफ्टी की पोल खोल दी है। ऐसा ही एक हादसा भोपाल में भी पिछले साल हो चुका है, जब प्रदेश के सबसे बड़े हमीदिया हॉस्पिटल के चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी थी और कई नवजात जिंदा जल गए थे। जबलपुर हादसे के बाद भोपाल में एक बार फिर हॉस्पिटलों में आग से निपटने के इंतजामों पर फोकस किया जाने लगा है। इसके चलते राजधानी के सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में फायर ऑडिट किया जाएगा, ताकि हकीकत सामने आ सके। इसे लेकर बुधवार को अपर आयुक्त कमलेंद्र सिंह परिहार ने फायर ऑफिसरों की मीटिंग ली और हॉस्पिटलों की जांच करने के निर्देश दिए।
फायर के साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी का भी ऑडिट
शहर में हर रोज एवरेज 5 से 6 आगजनी की घटनाएं होती हैं। गर्मी में आंकड़ा 200% तक बढ़ जाता है। इनमें से 90% हादसे शॉर्ट सर्किट की वजह से होते हैं। यही कारण है कि अब हॉस्पिटलों में फायर के साथ इलेक्ट्रिक सेफ्टी पर भी ध्यान दिया जाएगा।नगर निगम के अपर आयुक्त कमलेंद्र सिंह परिहार ने बताया, इसी साल मार्च, अप्रैल-मई में चार टीमों ने साढ़े 3 सौ बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। इनमें कई में खामियां पाई गई थीं। इस पर निगम ने नोटिस भी दिए थे। इन बिल्डिंगों में हॉस्पिटल भी शामिल थे। अब फिर से टीमें अलर्ट होगी और अपने-अपने एरिये के हॉस्पिटल में जाकर फायर और इलेक्ट्रिक सेफ्टी देखेगी।
जब नई बिल्डिंग बनाई जाती है तो उसके लिए प्रोविजनल एनओसी ली जाती है। यह एनओसी निगम देता है। एक साल के भीतर टेम्प्रेरी एनओसी निगम देता है। यह तब देता है जब निगम सारे पैमानों की जांच कर लेता है। प्रोविजनल एनओसी नक्शे पर दी जाती है। बिल्डिंग परमिशन, मालिकाना हक समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों के आधार पर दी जाती है।
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