Central government is bringing TMR scheme one medicine one price policy can be implemented from 15
आम लोगों को बीपी, शुगर, कैंसर और दिल की बीमारी सहित अन्य दवाओं की कीमतें कम करने के लिए केंद्र सरकार 15 अगस्त से टीएमआर (ट्रेड मार्जिन रेशनालाइजेशन) स्कीम लाने जा रही है। एक दवा, एक दाम थीम से जुड़े योजना का खाका तैयार कर लिया गया है और 15 से इसे लागू करने की तैयारी है। इस संबंध में पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश के विभिन्न औद्योगिक संगठनों से चर्चा भी की थी।इंदौर लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों ने भी इसमें हिस्सा लिया था। औद्योगिक संगठन सस्ती दवाएं देने के तो पक्ष में हैं। उनका कहना है इस स्कीम से देश में बड़ी फार्मा कंपनियों को तो फायदा मिलेगा, लेकिन प्रतिस्पर्धा में छोटी और मध्यम उद्योगों (MSME) को बड़ा नुकसान होगा। ट्राइबल, रूरल सहित पहाड़ी इलाकों में दवाओं का वितरण और उपलब्धता प्रभावित होगी। बिना वितरण व्यवस्था जाने इसे लागू करने से एमएसएमई को बड़ा नुकसान होगा।9हजार करोड़ का कारोबार है मप्र में दवाओं का41 हजार होलसेल और रिटेल लाइसेंस होल्डर हैं
दरों के बजाय दवाओं के मार्जिन तय करना चाहिए
ऑल इंडिया ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजीव सिंघल का कहना है दवाओं के दाम कम होना ही चाहिए, आम जनता को राहत मिलेगी, लेकिन दवा के एक कॉम्बिनेशन की दरें एक करने से बड़ी कंपनियां तो सर्वाइवर कर जाएंगी, लेकिन छोटे उद्योगों को मुशिक्ल होगी। दरों के बजाए दवाओं के मार्जिन तय करना चाहिए।
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