सरकारी सीट पर पीजी करके फरार हो चुके डॉक्टरों के पीछे पड़ा चिकित्सा विभाग

गौरतलब है की चिकित्सक पीजी कोर्स करके बड़े डॉक्टर बनना चाहते हैं और फिर जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, पीजी करने का आसान तरीका है की पहले ग्रामीण सेवा ज्वाइन करो फिर कोटे से (अब बोनस अंक) आसान प्रवेश लेकर पीजी करलो | इस आसान प्रवेश के बदले में सरकार चाहती है की वापस आकर ये चिकित्सक ग्रामीण जनता की सेवा करें, इसलिए वो पांच साल की कम से कम सेवा इनसे चाहती है अन्यथा पच्चीस लाख का बांड (वर्तमान में) भरवाती है | पिछले कई सालों में बहुत से चिकित्सकों ने सरकारी कोटे से पीजी पूर्ण की है और वापस से सेवा ज्वाइन की है लेकिन करीब तीस फीसदी चिकित्सक बिना बांड के पैसे दिए ही सेवा छोड़कर चंपत हो गए हैं, अब विभाग इन्हें तलाश रहा है और चाहता है की या तो ये वापस आकर सेवा ज्वाइन कर लें अथवा बांड की राशी दे जाएँ | इनमें से अधिकांश चिकित्सक ऐसी ब्रांचों से हैं जिनमें वो सरकारी के बजाय प्राइवेट में जाकर, बड़े से भी बहुत बड़ा कर सकते हैं | इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो मनचाही जगह पोस्टिंग न मिलने अथवा सरकारी सिस्टम से आहत होकर नौकरी छोड़ गये हैं | विभाग ने पिछले चार सालों में गायब हुए चिकित्सकों को नोटिस जारी किये हैं |

चार सालों के नोटिस संलग्न हैं –

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