जहर खरीदने के लिए पैसे नहीं, कैसे दूं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में उपस्थिति ? सरकारी डॉक्टर !

जहर खरीदने के लिए पैसे नहीं, कैसे दूं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में उपस्थिति…. ये शब्द किसी आम इंसान के नहीं बल्कि एक चिकित्सा अधिकारी के हैं। जो जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में उपस्थिति को लेकर आर्थिक समस्या का हवाला देते है।….जी हां जालौर जिले के करडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक ने एक पत्र के माध्यम से सरकार को यह बात बताइ कि उन्हें पिछले कई महीनों से नहीं मिल रही तनख्वाह ।  जालौर जिले में रानीवाड़ा और भीनमाल ब्लॉक के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे में कार्यरत कर्मचारियों एवं चिकित्सकों को वेतन समय पर नहीं मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि करड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी धनंजय मीणा ने सरकार को पत्र लिखकर अवांछनीय कदम उठाने की चेतावनी दे डाली… मामला जालौर जिले के करडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां के चिकित्सक ने पिछले कई महीने से वेतन नहीं मिलने का हवाला देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जालौर को पत्र लिखते हुए बताया कि वह जिला मुख्यालय पर होने वाले कार्यक्रमों में भाग नहीं ले सकते इसका कारण आर्थिक परेशानी बताया एवं अपने खाते का बैलेंस एक रूपया 77 पैसे बता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं ।साथ में इतने पैसे से जहर भी नहीं खरीदा जा सकता चिकित्सा अधिकारी ने प्रतिलिपि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम भी भेजा है। मामले को लेकर रानीवाड़ा के ब्लॉक सीएमएचओ ने बजट का हवाला देते हुए पत्र का जवाब भी दिया है देखा जाए तो वेतन नहीं मिलने के हालात करडा सीएचसी सहित रानीवाड़ा के व भीनमाल ब्लॉक के अधिकतर चिकित्सकों का वेतन पिछले कई महीने से देय नहीं हो रहा है ऐसे में इन कर्मचारियों एवं अधिकारियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भीनमाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुम्बडिया के कर्मचारियों व अधिकारियों के भी ये ही हालात हैं जहां पिछले 3 महीने से उनको वेतन नहीं मिल रहा कर्मचारियों का कहना है कि जब भी भीनमाल ब्लॉक कार्यालय में वेतन संबंधी मांग की जाती है तो बजट का हवाला देकर टरका दिया जाता है… ऐसे ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि इन विकट आर्थिक परिस्थितियों से गुज़र रहे डॉक्टरों की माँग को लेकर सरकार कितनी गंभीर होगी और कितने दिनों में इनको सैलरी मिल पाएंगी ये आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी ….! डॉक्टर धनंजय मीणा ने बताया कि उसको सैलरी नहीं मिलने की वजह से कई प्रकार की घरेलु परेशानीयों का सामन करना पड़ रहा है। डॉक्टर ने बताया कि पैसों के अभाव में राशन के सामान के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है… डॉक्टर ने बताया कि मेरे पर्सनल लोन की किस्त भी ओवरडूयू हो चुकी है.. ऐसे में अब भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.. उन्होने बताया कि मैं घर से 500 किलोमीटर दूरी पर यहाँ पर बैठा हूँ ऐसे में मुझे सैलरी नहीं मिलेगी तो मैं खाना कैसे खाऊँगा…. डॉक्टर ने बताया कि उसके साथ साथ उसके अस्पताल में कार्यरत क़रीब स्टाफ़ भी पिछले दो महीने से सैलरी नहीं बन रही है जिसके चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की गंभीर पीड़ा अगर सोशल मीडिया पर वायरल होती है तो ज़ाहिर सी बात है कि विभाग के आलाधिकारियों पर सवाल खड़े होना लाज़मी है… ।

# डॉ. धनंजय मीणा, कॉलेज के ज़माने से ही बेबाक और दबंग स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, ये जयपुर के सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हैं |

हम सब अधिकारियों और कर्मचारियों के हक की लड़ाई है ये कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या बैर नही है ।हमारी लड़ाई राज से है अधिकारी और राज के प्रितिनिधि से है अतः इसे कोई व्यक्तिगत न ले।
जब पुलिस में वेतन महीने की अंतिम तारीख को मिल जाता है तो हमको क्यों नही क्या राज्य को हमारी जरूरत का पता नही है
हम भी आपातकालीन सेवा में है तो हमको सुविधा भी तो हो ,ओर कुछ नही तो वेतन तो समय पर मिले।
अगर सरकार के पास पैसा नही है तो फिर पुलिस और सेक्रेतिरेट में ओर मंत्रालयों में वेतन समय पर क्यों।
ऐसा नियम क्यों नही की जिलाधिकारी का वेतन जिले में प्रत्येक कर्मचारी का वेतन मिलने के बाद मिलेगा। ये ही मांग हैं कि वेतन समय पर मिले।
एकता सदा विजेयता। जय हिंद जय संगठन।।।।।।।।।सभी से सहयोग की आशा में।।।।

आपका
डॉ धनंजय मीणा 

Rajasthan : DACP promotion chaos

/
सरकारी डॉक्टरों पर बाबूराज…

⇓ Share post on Whatsapp & Facebook  ⇓

Facebook Comments