Dr. Abhishek Goyal sheds light on brain tumor on World Tumor Day in Alwar

08.06.2022
ट्यूमर पर रोशनी डालते हुए डॉ. अभिषेक गोयल ने कहा कि कुछ समय पहले तक लाइलाज मानी जाने वाली यह बीमारी समय रहते इलाज से ठीक हाे रही है। लाेगाें में जागरुकता लाने के लिए ही यह दिवस मनाया जाता है। विश्व में एक लाख आबादी में 6 से 7 लाेगाें में ब्रेन ट्यूमर की बीमारी हाेती है। भारत में हर साल 25 हजार से अधिक नए ब्रेन ट्यूमर के मामले सामने आते हैं।दिमाग की गांठ काे लाेग कैंसर मान लेते है लेकिन ज्यादातर ट्यूमर बिना कैंसर वाले हाेते हैं। इलाज में लापरवाही के कारण माैताें में ब्रेन ट्यूमर एक बड़ा कारण है। लेकिन समय पर पता लग जाए ताे बीमारी लाइलाज नहीं है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हाे सकती है। यह गांठ छाेटे मस्तिष्क में हाेती है। यह गांठ दिमाग की झिल्ली, तंत्रिका तंतु व शरीर अन्य हिस्सों से भी दिमाग में पहुंच सकती है। डाॅॅॅ. गोयल ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर का पता सीटी स्कैन एवं एमआरआई से लगता है। ब्रेन ट्यूमर ग्रेड-1, ग्रेड-2, ग्रेड-3 और ग्रेड-4 तरह का हाेता है। ग्रेड-1 में रेडियाे और कीमाेथैरेपी की जरूरत नहीं पड़ती। ग्रेड -2,3 और-4 में रेडियाे और कीमाे की जरूतर पड़ती है। इस बीमारी के इलाज का पहला पार्ट सर्जरी है। इसमें पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को ब्रेन से निकाल दिया जाता है।सर्जरी के दौरान संक्रमण और ब्लीडिंग जैसे खतरे भी होते हैं। अब माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के जरिए सर्जरी को आसान और बेहतर बना दिया है। दूसरा कीमोथैरेपी से ब्रेन ट्यूमर का इलाज किया जाता है। इसके अलावा रेडिएशन थैरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का उपयोग किया जाता है।

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