4 मेडिकल कॉलेजों में बनेगी डीएनए टेस्ट व फिंगर प्रिंट लैब
कोटा सहित प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेजों में अब डीएनए फिंगर प्रिंट लैब शुरू होगी। इसके बाद इन चारों मेडिकल कॉलेजों के स्तर पर विभिन्न आपराधिक मामलों में डीएनए टेस्ट किया जा सकेगा। प्रदेश में अब तक मेडिकल कॉलेज स्तर पर डीएनए टेस्टिंग की सुविधा नहीं है, पूरे स्टेट में सिर्फ जयपुर एफएसएल डीएनए करती है। इसके लिए राज्यभर के जिलों से पुलिस वहीं सैंपल भेजती है, जिसकी रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है।
अब सीएम की बजट घोषणा के तहत कोटा, जयपुर, जोधपुर व उदयपुर मेडिकल कॉलेजों में डीएनए फिंगर प्रिंट लैब शुरू की जा रही है, चाराें लैब के लिए 23.40 कराेड़ का बजट स्वीकृत किया गया है और जरूरी विशेषज्ञाें के पद भी सृजित किए गए हैं।
प्रत्येक लैब के लिए 4 साइंटिफिक ऑफिसर, 2 सूचना सहायक और एजेंसी के माध्यम से 4 सिक्योरिटी गार्ड के पद भी सृजित किए गए हैं। अन्य विशेषज्ञों की जरूरत मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध विशेषज्ञों से पूरी की जाएगी।
रेप, मर्डर और पितृत्व संबंधी केस में स्थानीय स्तर पर हाेगा डीएनए टेस्ट कोटा मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अशोक मूंदड़ा ने बताया कि लैब के खुलने के बाद रेप, मर्डर या अन्य मामलों में यहीं पर डीएनए टेस्ट कर पाएंगे, साथ ही किसी गुमशुदगी के मामले में भी डीएनए से पता लगाया जा सकेगा। अब तक डीएनए की सुविधा राज्य स्तर पर जयपुर एफएसएल में ही है, इसके अलावा कहीं नहीं है। मेडिकल कॉलेजों के स्तर पर पहली बार यह सुविधा विकसित की जा रही है। डीएनए फिंगर प्रिंटिंग एक प्रयोगशाला तकनीक है, जिसका उपयोग आपराधिक जांच में जैविक साक्ष्य और एक संदिग्ध के बीच लिंक स्थापित करने के लिए किया जाता है।