Fifth note of musical scale. A team of doctors in Bengal has found a cheap alternative to plastic surgery with the help of goat, claiming that the cartilage of goat’s ear can be used to heal mutilations in the nose, ears, mouth of humans.
23.06.2022
कभी जन्मजात तो कई बार किसी हादसे के चलते कुछ लोगों के चेहरे पर कई विकृतियां आ जाती हैं, चेहरे पर कट का निशान हो जाता है,चमड़ी खराब हो जाती है। कान कट जाने के भी कई मामले सामने आ जाते हैं। ऐसे में प्लास्टिक सर्दरी के अलावा कोई विकल्प नहीं होता था।जो कि जंब पर भारी पड़ता था। लेकिन अब एक सस्ते इलाज की डॉक्टरों ने खोज कर ली है। फिर से निर्भरता एक जानवर पर होगी।पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेज की टीम ने मिलकर बकरी की मदद से प्लास्टिक सर्जरी का सस्ता विकल्प खोज निकाला है। इस नई रिसर्च में डॉक्टरों का दावा है कि बकरी के कान के कार्टिलेज से इंसानों के नाक, कान, मुंह में कटे-फटे होने को ठीक करने में वहीं काम करेंगे जो अब तक प्लास्टिक सर्जरी करती आई है। 25 लोगों पर इसका परीक्षण भी किया गया जो सफल रहा.पं बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरी साइंसेज के वैज्ञानिकों ने उस कार्टिलेज का इस्तेमाल माइक्रोटिया यानि बाहरी कान की ऐसी समस्या जो जन्मजात होती है, इसके अलावा कटे होंठ और दुर्घटनाओं की वजह से होने वाली बाकी कई शारीरिक विकृतियों को दूर करने के लिए नया इलाज इजात किया गया है।जिसमें बकरी के कान की उपास्थि यानि कार्टिलेज की मदद से ठीक किया जाएगा।सबसे राहतभरी बात तो ये होगी की इस इलाज में खर्च कम आएगा, जिससे आम लोगों की जेब पर भार कम पड़ेगा।
प्लास्टिक सर्जरी का बजट में मिलेगा विकल्प
डॉक्टरों की इस नई रिसर्च का सफल परीक्षण भी हो चुका है। हर प्रोडक्ट की तरह ही इसका ट्रायल भी पहले जानवरों पर क्या गया उसके बाद करीब 25 ऐसे लोग जिन्हे नाक, कान संबंधी समस्या थी उनकी परमिशन लेकर उनपर ट्रायल किया गया।जिसे डॉक्टरों ने पूरी तरह सफल बताया है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. रूप नारायण भट्टाचार्या का कहना है कि इंसानों की बाहरी शारीरिक विकृतिया जिन्हें माइक्रोटिया कहते हैं, इसे ठीक करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करवानी पड़ती है।जिसे अब बकरी के कार्टिलेज के सहारे ठीक का जा सकेगा।तो अब बकरी को निवाला बनाने से पहले हज़ार बार सोचिएगा, क्योंकि स्वाद से ज्यादा इलाज है ज़रूरी।
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