Cleanliness in MTH Women’s Hospital built at a cost of 50 crores in Indore, doctors and patients are troubled by foul smell

17.06.2022
एनएमसीएच में एक लैब टेक्नीशियन व एक जीएनएम की छात्रा के कोरोना पॉजिटिव होने से अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। दोनों को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। प्राचार्य डॉ. एचएल महतो ने इसकी पुष्टि की है। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों में बीमारी का लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर की सलाह पर आरटीपीसीआर जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह हालात तब हैं, जब एमजीएम मेडिकल कॉलेज अपने अस्पतालों की सफाई और सुरक्षा सहित मेंटेनेंस पर हर माह एक करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करता है। 500 बेड के एमटीएच महिला अस्पताल का प्रोजेक्ट केंद्र सरकार नमंजूर किया था। इसे पूरा होने में 50 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसे शुरू हुए ज्यादा समय भी नहीं हुआ फिर हर छोटी-मोटी समस्या के लिए बार-बार पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को बुलाते हैं।पिछले दिनों यहां पर ऑपरेशन इसलिए कैंसल किए गए थे, क्योंकि ओटी की नाली चोक हो गई थी। स्थिति अभी भी ऐसी ही है। यहां न ब्लड बैंक शुरू हो पाया और न स्टोरेज यूनिट बन पाई। मरीजों, उनके परिजन को विभिन्न तरह की जांच के लिए बार-बार एमवायएच की दौड़ लगाना पड़ती है।लगातार शिकायतें मिलने पर चोक हुई नाली व ड्रेनेज ठीक कर दी जाती है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही स्थिति बन जाती है। फिलहाल इस अस्पताल में 250 कर्मचारी हैं, अव्यवस्था देखकर तो यही लगता है कि ये भी कम पड़ने लगे हैं। नया अस्पताल होने से इसके लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है, यह भी कारण है कि यहां व्यवस्थाएं बिगड़ी हुई हैं।एमटीएच पहली बारिश ही नहीं झेल पाया था। निर्माण का जिम्मा प्लानिंग इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) को दिया गया था। इसने बिल्डिंग बनाने में ही सात साल से ज्यादा समय लगा दिया। काम की गुणवत्ता देखें तो पहली बारिश में ही तलघर में पानी भर गया था और लिफ्ट बंद करनी पड़ी थी। डेढ़ माह बाद फिर समस्याओं की बाढ़ आ गई। ठीक तरह से प्लंबिंग न होना भी यहां बड़ी समस्या है। जब मरीज शिकायत करते हैं तो पीडब्ल्यूडी को सूचना दे दी जाती है।

Government Maharaj Tukojirao Kholkar (MTH) Hospital of Indore lost power due to rat entering the feeder, the hospital depended on generator for 6 hours

13.06.2022
सरकारी महाराज तुकोजीराव होलकर (एमटीएच) अस्पताल में शनिवार को अजीब स्थिति बन गई। अचानक बिजली गई तो जनरेटर शुरू हो गया, लेकिन इसके बाद जब बिजली वापस आई तब भी जनरेटर का बैकअप कट नहीं हुआ। बिजली का जो फीडर लगा है, वह चालू नहीं हुआ। डॉक्टर्स व स्टाफ परेशान होते रहे। स्थिति यह हो गई कि डीन को खुद रात को अस्पताल जाना पड़ा। करीब छह घंटे मशक्कत चली। फीडर को जांचा गया तब जाकर पता लगा कि उसमें चूहा घुस गया है।मेडिकल कॉलेज के अधिकारी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को बार-बार फोन लगाते रहे। रात करीब साढ़े तीन बजे चूहा पकड़ में आया तब जाकर अस्पताल कर्मियों ने राहत की सांस ली। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि बार-बार बिजली फॉल्ट होने की सूचना मिली थी। जनरेटर चालू था, लेकिन फीडर में कुछ परेशानी थी, जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी। मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई। हम सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं की जांच करवा रहे है।एमटीएच में बिजली फीडर के साथ जनरेटर भी उपलब्ध है। इसकी क्षमता आठ से दस घंटे की है। शनिवार को बारिश शुरू होने के करीब छह घंटे तक बिजली फॉल्ट बना रहा। जब फीडर से बिजली बैकअप नहीं आया तो सभी का ध्यान गया। यदि थोड़ी देर यही स्थिति रहती तो अस्पताल में सभी परेशानी में आ जाते। यहां रोजाना 70 से 80 प्रसव होेते हैं।

ACR/PAR Initiation and Hierarchy management

quarantine leave

doctor got notice even after proper duty

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