Now Indira Gandhi Maternity Nutrition Scheme implemented in entire Rajasthan, 6 thousand rupees will be available on having second child
18.06.2022
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य को 1 अप्रैल से कई सौगात दी है,जिसमें इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना भी शामिल है। राज्य में आज से इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का दायरा बढ़ाकर प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दी गई है। इससे पहले यह योजना प्रदेश के केवल 5 जिलों तक की सीमित थी। 1 अप्रैल से इस योजना का लाभ पूरे राजस्थान की महिलाएं ले सकती हैं।बता दें कि 23 फरवरी को बजट घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना का दायरा बढ़ाने का ऐलान किया था,जिसके बाद 1 अप्रैल से इसे लागू कर दिया गया है। इस योजना के राज्य भर में लागू होने के बाद अब प्रदेश की 3 लाख 50 हजार गर्भवती महिलाएं इसका लाभ ले सकती हैं। जिसके लिए हर साल सरकार 210 करोड़ रुपये खर्च करेगी, आइए जानते हैं यह क्या योजना है और आप कैसे ले सकते हैं इसका लाभ।5 किश्तों में मिलते हैं 6 हजार रूपये\19 नवंबर 2020 को सीएम गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की 103वीं जयन्ती पर राजस्थान में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत महिलाओं को दूसरी संतान के जन्म पर 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।अब तक यह योजना प्रदेश में प्रतापगढ, बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर और बारां में लागू थी. सरकार का यह कहना था कि यह पिछड़े इलाके हैं इसलिए यहां आर्थिक रूप से महिलाओं को संबल मिलना जरूरी है।इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के तहत 6 हजार रूपये 6 किश्तों में दिए जाते हैं जहां शुरूआत में 1 हजार रुपये महिला को गर्भावस्था जांच और रजिस्ट्रेशन कराने के समय दिए जाते हैं. वहीं दूसरी किश्त के 1 हजार रुपये प्रसव से पहले जांच में, तीसरी किश्त महिला के प्रसव के समय और चौथी किश्त के 2 हजार रुपये बच्चे के जन्म के 105 दिन तक और पांचवीं किश्त के 1 हजार रुपये बच्चे के जन्म के तीन महीने के भीतर परिवार नियोजन में सरकार के मिशन में सहायता देने के लिए दिए जाते हैं।
A woman suffered a heart attack during a hip transplant operation in a hospital in Barmer, doctors saved her life.
13.06.2022
बाड़मेर के एक अस्पताल में ऑपरेशन करते वक्त 83 वर्षीय वृद्धा की हार्ट अटैक आने से धड़कनें रुक गई। उस वक्त वहां मौजूद एनेस्थीसिया डॉक्टर्स टीम डॉ. जगदीश कुमावत, डॉ.महेश चौधरी तथा ऑपरेशन थिएटर स्टाफ ने सीपीआर देकर वृद्ध की सांसे वापस लाई और क्रिटिकल आईसीयू में 3 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा। हार्ट अटैक की वजह से वृद्ध महिला के किडनी भी कमजोर हो गई थी। वृद्ध महिला को 5 यूनिट खून भी चढ़ाया गया। 13 दिन के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ हैं। परिजनों ने बिल्कुल आशा ही छोड़ दी थी, परंतु अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने वृद्धा को एक नया जीवनदान दिया है