Continuous increase in the number of active patients of Corona in 27 districts of Madhya Pradesh

17.06.2022
मप्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बीते दस दिनों में ही कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 37 फीसदी बढ़ गई है। 6 जून को एमपी में कोरोना के मात्र 254 एक्टिव केस थे। गुरुवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में यह आंकड़ा बढ़कर 400 पर पहुंच गया है। प्रदेश के 27 जिलों में कोरोना के मरीज सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में पड़ोसी राज्यों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंचायत और नगरीय चुनाव में संक्रमण बढ़ने की संभावना भी बढ़ रही है।पिछले महीने 30 मई को स्वास्थ्य आयुक्त ने डेली कोविड टेस्टिंग का टारगेट तय करते हुए प्रदेश में रोजाना 25 हजार जांच करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद सिर्फ छह-सात हजार संदिग्ध मरीजों की यानी रोज सिर्फ एक चौथाई जांच ही हो रही है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में एक हफ्ते में जितने सैंपल जांचे गए हैं, उतनी जांच अकेले एक दिन में करने का टारगेट है। इसके बावजूद 15-20 फीसदी जांच हो पा रही है।पिछले दस दिनों में कोरोना के 147 एक्टिव केस बढ़े हैं। 6 जून से 16 जून तक भोपाल में 59, इंदौर में 58, जबलपुर में 26, डिंडोरी में 10, ग्वालियर, सीहोर में छह-छह, हरदा में पांच, होशंगाबाद में चार, कटनी, निवाड़ी में तीन-तीन, मंडला, रतलाम, सागर में दो-दो और सतना-टीकमगढ़ में एक- एक एक्टिव केस बढ़ा है।

Lab technician and nursing student Corona positive at Nalanda Medical College and Hospital (NMCH), Patna.

17.06.2022
एनएमसीएच में एक लैब टेक्नीशियन व एक जीएनएम की छात्रा के कोरोना पॉजिटिव होने से अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। दोनों को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है। प्राचार्य डॉ. एचएल महतो ने इसकी पुष्टि की है। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों में बीमारी का लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर की सलाह पर आरटीपीसीआर जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पटना में गुरुवार को कोरोना के 40 मरीज मिले हैं। इनमें 20 पटना के हैं। फुलवारीशरीफ में एक ही परिवार के तीन लोग संक्रमित हुए हैं। जिन इलाकों में मरीज मिले हैं, उसमें आनंदपुरी, रूकनपुरा, फुलवारीशरीफ, जमाल रोड, हनुमाननगर, फतुहा आदि शामिल हैं। दूसरे नंबर पर औरंगाबाद है, जहां पांच मरीज मिले हैं। मधुमेह से पीड़ित 10 साल का बच्चा भी संक्रमित हाे गया है। उसे पटना एम्स में भर्ती कराया गया है। अभी एम्स में कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग और एक बच्चे का इलाज चल रहा है।कोरोना संक्रमित बुजुर्ग भी मधुमेह और बीपी से पीड़ित हैं। गुरुवार को जाे संक्रमित मिले हैं, उनमें कुछ की दिल्ली, मुंबई से आने की ट्रैवल हिस्ट्री भी है। इनके संपर्क में आने वालों की कांटैक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, हवाई अड्‌डा और बस स्टैंड पर जांच की संख्या बढ़ाई गई है। सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह के मुताबिक कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। घर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। उनकी मॉनिटिरिंग कराई जा रही है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 178 र पटना में 117 हाे गई है। अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना के मरीजों के लिए एमसीएच में एक सौ बेड रिजर्व रखे गए हैं। सभी बेडों पर ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन की सुविधा है। फिलहाल कोविड का कोई भी मरीज भर्ती नहीं है

Seminar on health was organized in the IMS department of Devi Ahilya University in Indore, the program honored the students of IMS who provided courageous health services during the time of Covid-19.

17.06.2022
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के आईएमएस विभाग में स्वास्थ्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आईएमएस के उन वर्तमान और पूर्व स्टूडेंटों का सम्मान किया गया जिन्होंने कोविद के समय साहसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं ने जन स्वास्थ्य में उभरते रुझान, स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती और जन स्वास्थ्य विषय पर अपनी बात रखी।कार्यक्रम में कुलपति रेणू जैन ने कहा कि कोविद की वजह से हमने बहुत से प्रोफेसर और कर्मचारी अधिकारियों को खोया है। लेकिन यूनिवर्सिटी के बच्चों ने कोरोना काल में अच्छा काम किया है। मुझे इस पर गर्व है। वहीं एमजीएम के डॉ. संजय दीक्षित ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं पर मैनेजमेंट के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहिए। वहीं हेल्थ अफोर्डेबल और एक्सेप्टेबल होना चाहिए।सीएमएचओ ने स्टूडेंट से बात करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हर किसी ने अपने किसी ना किसी को खोया है। लोगों को पब्लिक हेल्थ सिस्टम से उम्मीद नहीं थी। लेकिन हमने कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा अच्छे से काम कर खुद को साबित किया है। इंदौर ने कोरोना वैक्सीनेशन में भी टॉप किया है।

A case of deteriorating health and death during treatment after injecting a newborn in Sultania Hospital, Bhopal

16.06.2022
राजधानी के सुल्तानिया अस्पताल में जन्मे एक नवजात की कमला नेहरू अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस मामले में परिजनों ने सुल्तानिया अस्पताल के स्टाफ पर नवजात के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नवजात को बुखार होने के बावजूद नर्सिंग स्टाफ ने टीका लगा दिया। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई। फिलहाल प्रसूता आयशा अली को स्वजनों ने नवजात की मौत की खबर नहीं दी है, क्योंकि बच्चा आपरेशन से पैदा हुआ था। प्रसूता फिलहाल सुल्तानिया में ही भर्ती है। उसकी हालत न बिगड़ जाए, इसलिए उसे जानकारी नहीं दी है बल्कि यह बताया है कि नवजात कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है।बाग फरहत अफजा निवासी 21 वर्षीय आयशा अली को डिलीवरी के लिए 10 जून को सुल्तानिया महिला अस्पताल में भर्ती किया था। 13 जून को सुबह 11 बजे सिजेरियन डिलीवरी हुई और आयशा ने बेटे को जन्म दिया था। आयशा के पति अनस अली ने आरोप लगाया है कि 14 जून की सुबह डाक्टर राउंड पर आई तो उन्होंने बच्चे को हल्का बुखार बताया था। थोड़ी देर बाद नर्सिंग स्टाफ ने टीके लगाने की बात कही। आयशा ने उनसे कहा कि बच्चे को बुखार है तो अभी टीके नहीं लगाएं। फिर भी स्टाफ तीन इंजेक्शन लगाकर चली गईं। इसके कुछ देर बाद ही नवजात के शरीर की त्वचा नीली पड़ने लगी थी। गंभीर हालत को देखते हुए उसे मंगलवार को ही कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी। आयशा की पहली बेटी है। इस बार उसके घर बेटे का जन्म हुआ था। इस मामले में डाक्टरों का कहना है कि टीका लगने से मौत नहीं हो सकती। मौत की वजह कुछ और हो सकती है।

Action will be taken against 18 hospitals who do fraud under the guise of Ayushman Bharat scheme in Bhopal

16.06.2022
आयुष्मान योजना में इम्पैनल प्रायवेट हॉस्पिटल्स में चल रहे फर्जीवाडे़ को पकड़ने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी की अलग-अलग 20 टीमों ने भोपाल के करीब 47 निजी अस्पतालों पर छापामार कार्रवाई की थी। मंगलवार देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान SHA द्वारा बनाई गई डॉक्टरों की टीमों ने करीब 18 अस्पतालों में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। अब इन अस्पतालों की आयुष्मान योजना से संबद्वता खत्म करने, पैसे की रिकवरी और पंजीयन खत्म करने जैसी कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।लोटस अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी।2. नवजीवन अस्पताल योजना से बाहर 3.अनंतश्री अस्पताल योजना से बाहर 4. अपेक्स अस्पताल योजना से बाहर 5. आयुष्मान भारत अस्पताल योजना से बाहर 6. गुरु आशीष अस्पताल योजना से बाहर 7. पीबीजीएम अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर योजना से बाहर 8. आयुष्मान अस्पताल योजना से बाहर 9. आरआर अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 10.नवोदय कैंसर अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 11.नवोदय हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 12. भोपाल मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल योजना से बाहर 13. राजदीप अस्पताल योजना से बाहर 14. किशनानी अस्पताल योजना से बाहर 15.सर्वोत्तम अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 16.आधार हास्पिटल मल्टी स्पेशलिटी यूनिट योजना से बाहर 17. जीवनश्री अस्पताल योजना से बाहर 18.वीसीएच हास्पिटल योजना से बाहर

Tap connection in 9580 health centers of Rajasthan, first place in the country

16.06.2022
प्रदेश में 9,580 हैढल्थ सेंटर्स पर नल कनेक्शन देकर राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। जल जीवन मिशन के बाद 86,217 स्कूलों में से 60,772 यानी करीब 68 फीसदी स्कूलों में भी नल कनेक्शन दिए हैं। स्कूलों को नल कनेक्शन के मामले में राजस्थान पांचवें स्थान पर है। जल जीवन मिशन में अब तक 31,208 आंगनबाड़ी को नल कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है।जल जीवन मिशन में 26.30 लाख घरों में नल कनेक्शन दिए हैं। जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि सर्वाधिक 10,438 विद्यालय उदयपुर रीजन के छह जिलों में नल कनेक्शन से जोड़े गए हैं। उदयपुर रीजन के छह जिलों में 4324 आंगनबाड़ी नल कनेक्शन से जोड़ी जा चुकी हैं।जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन से दो महीने में एक लाख 6 हजार 97 जल कनेक्शन हुए है। इनमें 78 हजार कनेक्शन छोटी पेयजल परियोजनाओं और 28 हजार कनेक्शन बड़ी पेयजल परियोजनाओं से दिए हैं।केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश दिसम्बर 2019 में जारी किए थे। मिशन से अभी तक राजस्थान में 14.56 लाख परिवारों को जल कनेक्शन दिए गए हैं।

Fire broke out due to short circuit while changing cylinder in oxygen plant located outside Gangauri Hospital premises in Jaipur.

16.06.2022
राजधानी जयपुर के गणगौरी अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सिलेंडर बदलते समय ऑक्सीजन प्लांट में आग लग गई,ऑक्सीजन सिलेंडर बदल रहा कर्मचारी भागकर ऑक्सीजन प्लांट से बाहर आ गया। वहीं, अस्पताल में आग की सूचना से मरीज और उनके परिचितों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर सिविल डिफेंस और पुलिस मौके पर पहुंची और महज 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, गनीमत यह रही की आगजनी के चलते कोई भी हताहत नहीं हुआ।आग लगने की वजह से अस्पताल में दस मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई रोकनी पड़ी।अधीक्षक डॉ. लिनेश्वर हर्ष, फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस टीम मौके पर पहुंची।फायर बिग्रेड की टीम ने कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। उधर आग लगने से दस मिनट तक अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकनी पड़ी। हालांकि, उस दौरान मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिसके चलते किसी भी मरीज को परेशानी नहीं उठानी पड़ी।

Free medicines available under CM Free Medicine Scheme in Sawai Mansingh Hospital (SMS) of Jaipur, patients are not getting it.

16.06.2022
मरीजों को लगता है कि अगर राज्य सरकार ने सभी दवाएं मुफ्त कर दी हैं, तो उन्हें एसएमएस अस्पतालों में मिलनी चाहिए, लेकिन अस्पताल में शायद ही कोई ऐसा मरीज आया हो जिसने कहा हो कि उसे सारी दवाएं मिल गई हैं।एसएमएस अस्पताल के आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) में रोजाना 10,000 मरीज आते हैं। अस्पताल में अक्सर 30% -40% दवाओं की कमी होती है।वहीं अलवर जिले के थानागाजी के 17 वर्षीय मरीज राकेश कुमार सैनी को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के मूत्र रोग विशेषज्ञ ने दवाएं दीं। घंटों लाइन में लगने के बाद जब वह अस्पताल में दवा वितरण केंद्र की खिड़की पर मुफ्त दवा लेने पहुंचे तो बताया गया कि एक दवा उपलब्ध नहीं है।सीकर जिले के श्रीमाधोपुर की 23 वर्षीय थायरॉयड रोगी फूलराम यादव ने कहा कि उन्हें भी अस्पताल के डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा नहीं मिली।

National Eligibility cum Entrance Test-Super Specialty (NEET SS) cut off marks to be reduced in Jaipur

16.06.2022
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट एसएस की खाली सीटों को भरने के लिए एक और माप-अप राउंड का आयोजन करने के लिए सहमति प्रदान कर चुका है। नीट एसएस की कटऑफ को भी कम किया जाएगा। इस साल सुपर स्पेशलिटी की काउंसलिंग पूरी होने के बाद भी सरकारी संस्थानों में करीब 930 सीटें खाली रह गई थी। इस संबंध में मंत्रालय में नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र भी लिखा है। दरअसल, नीट एसएस की अधिक कटऑफ के कारण सभी सीटें नहीं भर पाई थी। कटऑफ कम करने की मांग डॉक्टर कर रहे थे। इसके बाद मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Bhopal will conduct brain cancer and brain tumor operations with the help of gamma knife from next few months.

16.06.2022
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में अगले कुछ महीनों में दिमाग के कैंसर और और ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन गामा नाइफ की मदद से किए जाएंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स में गामा नाइफ के लिए स्वीकृति दी है। इस सुविधा के शुरू होने से ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को महीनों दर्द सहन नहीं करना पडे़गा। इस एडवांस तकनीक से होने वाली सर्जरी में मरीजों को जल्दी अस्पताल से छुट्‌टी मिल सकेगी। एम्स भोपाल मप्र में पहला और देश में छठवां ऐसा सरकारी चिकित्सा संस्थान होगा जहां इस अत्याधुनिक गामा नाइफ का उपयोग किया जाएगा।एम्स प्रबंधन की मानें तो करीब 85 करोड़ रूपए की लागत से गामा नाइफ मशीन खरीदी जाएगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से वित्तीय सहमति भी मिल गई है। इस मशीन से ऑपरेशन के बाद इन्फेक्शन रेडियस 0.01 प्रतिशत ही रह जाता है। इसमें ब्रेन की ट्रेडिंग वेन यानी खून ले जाने वाली शिरा को छेड़े बिना सीधे टयूमर के डीएनए को नष्ट किया जाएगा। इससे ब्रेन में ना सूजन आएगी। इस नाइफ से होने वाली सर्जरी में ना कोई घाव होगा ना ही मरीजों को ब्रेन हेमरेज का खतरा होगा। मरीज को अस्पताल से भी जल्दी छुट्‌टी मिल जाएगी।एम्स भोपाल की तरफ से केन्द्र सरकार को गामा नाइफ का प्रस्ताव 2019 में भेजा गया था। लेकिन कोरोना के संकट के कारण मामला अटक गया था। अब इसे मंजूरी मिली है। इससे पहले एम्स दिल्ली, सफदरजंग अस्पताल, पीजीआई चंढीगढ़ सहित अन्य अस्पतालों में गामा नाइफ की सुविधा है। इस मशीन के जरिए दिमाग के अंदरूनी हिस्से में भी छुपे कैंसर कारक ट्यूमर को खुद खोजता कर उसे खत्म कर देता है। गामा नाइफ से ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन कैंसर, ट्रिगमाइनल न्यूरेलजिया (नस की बीमारी), एकोस्टिक न्यूरोमा (नस की बीमारी) जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज हो सकेगा।