Corona infection increasing in Patna, 40 new patients found

18.06.2022
पटना में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को राज्य के विभिन्न जिलों में करीब चार महीने बाद कोरोना के 72 नए मरीज मिले हैं जबकि पटना में 115 दिन बाद कोरोना के 40 नए मरीज मिले हैं। सबसे अधिक मरीज पटना में ही मिले हैं। इसके पहले 19 फरवरी को राज्य में कोरोना के 71 मरीज मिले थे जबकि छह फरवरी को पटना में 45 मरीज मिले थे। इस वर्ष पहली बार शुक्रवारस को राज्य और पटना में कोरोना के इतने मरीज मिले हैं।राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 234 जबकि पटना में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 149 हो गई है। शुक्रवार को आरटी-पीसीआर और ट्रू-नेट से 60,011 सैंपल की जांच की गई जबकि रैपिड एंटीजन से 87,589 सैंपल की जांच की गई। सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह के मुताबिक संक्रमित मरीज घर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। कोरोना संक्रमित सिर्फ दो मरीज का इलाज पटना एम्स में चल रहा है। एक मरीज ब्रेन स्ट्रोक लेकर इलाज के लिए गया था। जांच होने पर वह कोरोना संक्रमित निकला है।शुक्रवार को जो मरीज मिले हैं। उसमें दो लोगों का ट्रैवल हिस्ट्री है। एक संक्रमित कोलकाता से आया है तो दूसरा बनारस से। बनारस से आने वाला मरीज राजीवनगर का रहने वाला है। राज्य में एक दिन में इतने मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।

Members of All India Mobile Retailer Association (Emra) organized a blood donation camp on the first death anniversary of their beloved leader Bhavesh Solanki in Jaipur.

18.06.2022
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन (एमरा )के सदस्यों ने अपने प्रिय लीडर भावेश सोलंकी की प्रथम पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर लगाया। जिसमें बहुत से रक्तवीरों ने हिस्सा लिया। मौके पर जिले के मोबाइल दुकानदार कंपनी के अधिकारी ब्रांड के डिस्ट्रीब्यूटर उनके इंप्लाइज फाइनेंस कंपनियां सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया। सुबह 9:30 बजे से ही लोग शिविर की तैयारियों में लगते दिखाई दिए मोबाइल व्यापारियों में गजब का उत्साह देखने को मिला ।सभी मोबाइल व्यापारी हर साल इसी दिन 17 जून को महा रक्तदान कर स्वर्गीय भावेश सोलंकी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शिविर का शुभारंभ एमएलसी अशोक कुमार अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर के आरम्भ किया। जयपुर में 584 यूनिट और अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर सहित पूरे प्रदेश से करीब 2052 यूनिट ब्लड एकत्र किया गया। इस दौरान कैलाश लखियानी, अरविंदर सिंह, विभूति प्रसाद ,दीपक शर्मा आदि मौजूद रहे।

Located at Lilsar Gram Panchayat Headquarters, Barmer, 150 to 200 OPDs daily in Primary Health Center (PHC), need to be upgraded to Community Health Center (CHC).

18.06.2022
ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अब पीएचसी को सीएचसी में क्रमोन्नत करने की जरूरत है। आसपास के कई गांवों के लोगों की स्वास्थ्य सेवा महज इस एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भरोसे हैं। लीलसर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने की मांग लंबे समय से की जा रही है।पीएचसी के क्रमोन्नत नहीं होने से लोगों को उपचार के लिए 30 से 50 किलोमीटर का सफर तय कर चौहटन, धोरीमन्ना व बाड़मेर पहुंचना पड़ता है। दूर दराज के चिकित्सा केंद्रों पर पहुंचने के लिए लोगों को साधन भी नहीं मिल पाते हैं। वहीं खस्ताहाल सड़कों पर सफर करने में भी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। कई वर्षों की मांग के बावजूद सरकार की ओर से पीएचसी को क्रमोन्नत नहीं करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों में रोष है।दरअसल, चौहटन विधानसभा क्षेत्र की बड़ी ग्राम पंचायतों में से लीलसर एक है। लीलसर गांव की आबादी भी करीब 10 हजार से अधिक है। 90 के दशक में सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत कर चिकित्सक समेत अन्य कार्मिकों के पद स्वीकृत किए थे। इसके बाद यहां चिकित्सा सुविधाओं में कोई विस्तार नहीं किया गया। जबकि, पिछले 30 वर्षों में आबादी काफी बढ़ गई। ऐसे में उपचार को लेकर हर दिन मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है।यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से दर्जनों गांवों के लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। लीलसर पीएचसी से पंवारिया, मुकने का तला, इसरोल, बाछडाऊ ग्राम पंचायतों समेत दर्जनों राजस्व गांव जुड़े हुए हैं। ऐसे में इन गांवों की हजारों की आबादी चिकित्सा सुविधाओं से महरूम है।लीलसर पीएचसी में रोजाना सैकड़ों मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। पीएचसी में सामान्य दिनों में उपचार के लिए रोजाना 150 से 200 मरीज पहुंचते हैं। मौसमी बीमारियों के प्रकोप पर यह आंकड़ा 300 तक पहुंच जाता है। ऐसे में पीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने की जरूरत महसूस की जा रही है। क्षेत्र में नजदीक में कोई बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों को निजी चिकित्सालयों में मुंह मांगे दाम चुकाकर उपचार करवाना पड़ता है।

11 new doctors and 40 MNM deployed in Jaisalmer, medical service will improve

18.06.2022
जैसलमेर जिले में 11 एमबीबीएस डॉक्टर हैं। वहीं, राज्य सरकार द्वारा 40 एएनएम भी स्थापित की गई हैं। पिछले अप्रैल में जिले में 18 रिक्त पदों पर आपात आधार पर भर्ती की गई थी। इनमें से 16 का चयन किया गया। 16 एमबीबीएस डॉक्टरों में से 11 ने ज्वाइन कर लिया है और उन्हें पोस्टिंग दी गई है।जवाहर अस्पताल, पोकरण में 3 उप जिला अस्पताल, पीएचसी खिन्या, चिन्नू, भाखरानी, ​​घुइयाला और सीएचसी भनियाना और फालसुंड में नए एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं। जिससे जवाहर अस्पताल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार होगा। वहीं अभी तक 40 एएनएम ने ज्वाइन नहीं किया है। रिक्तियों के अनुसार जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में भी 40 एएनएम की तैनाती की जाएगी।जैसलमेर जिले में कुल 377 एएनएम पद स्वीकृत हैं। इनमें से 261 रिक्तियां भरी गई हैं। वहीं 116 पद रिक्त हैं। कई मेडिकल संस्थानों में एएनएम के रिक्त पदों के कारण एएनएम की सुविधा भी नहीं है। जिससे ग्रामीणों को छोटी-बड़ी बीमारियों के लिए नजदीकी सीएचसी व पीएचसी जाना पड़ता है। अब जैसलमेर जिले को राज्य सरकार की ओर से 40 एएनएम दी गई हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को काफी राहत मिलेगी। 40 एएनएम ज्वाइन करने के बाद भी 76 सीटें खाली रहेंगी।जैसलमेर जिले में कई वर्षों से डॉक्टरों की कमी है। वर्तमान में चिकित्सा विभाग यूटीबी के माध्यम से 11 डॉक्टरों को नियुक्त करता है। वहीं 40 एएनएम राज्य सरकार से मिल चुकी हैं. ऐसे में चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस डॉक्टरों के जो रिक्त पद थे, उन्हें अब भर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों से मिलने से चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार होगा।

Corona blast in Ajmer, there was a stir in the medical department after getting 11 patients

18.06.2022
जिले में कोरोना ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। शहर में एक ही दिन में एक साथ आए 11 पॉजिटिव केस ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अजमेर में कोरोना संक्रमण की एक बार फिर आहट बढ़ गई है। अजमेर जिले में 11 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। सप्ताह में पहले जहां एक-एक पॉजिटिव केस आ रहे थे वहीं, अचानक एक ही दिन में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ने के साथ विभाग व प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।विभाग ने कहा कि कोरोना गाइड लाइन को लेकर आमजन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। कोरोना रोगी सामने आने के बाद अजमेर जिले में चिकित्सा टीमें क्षेत्र की स्कैनिंग में जुट गई हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अन्य जिलों की बात करें तो अलवर में 14, जयपुर में 29, चुरू में 6 और बीकानेर में 4 पॉजिटिव के सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण पर नजर डाले तो संक्रमण की संख्या बढ़ती नजर आ रही है। सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील कर कहा है कि मास्क लगाएं। संक्रमण से बचने का यह आसान तरीका है।

After 3 months in Bhopal, the number of active corona patients crosses 100

17.06.2022
कोरोना मरीजों की संख्या में जारी इजाफे का असर यह हुआ है कि राजधानी में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 105 पर पहुंच गई है। तीन महीने बाद एक्टिव मरीजों की संख्या 100 के पार हुई है। यही नहीं प्रदेश में एक्टिव मरीज 400 हो गए हैं।
इससे पहले 9 मार्च को भोपाल में एक्टिव मरीजों की संख्या 108 थी, जबकि 16 मार्च को प्रदेश में कुल 420 एक्टिव मरीज थे। राहत की बात यह है कि वर्तमान में शहर में जो कोरोना मरीज हैं, उनमें से महज 4 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया गया है। बाकी 101 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है।गुरुवार को शहर में 20 तो प्रदेश में 60 नए मरीज सामने आए हैं। चिंता की बात यह है कि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मरीजों के मुकाबले कम ही है। गुरुवार को प्रदेश में महज 53 मरीज ही ठीक हुए हैं। राजधानी में सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। 18 नए मरीजों के साथ इंदौर दूसरे नंबर पर रहा। इसके अलावा ग्वालियर, जबलपुर और रायसेन में पांच-पांच नए मरीज मिले हैं। डिंडौरी और नरसिंहपुर में दो-दो मरीज मिले।प्रदेश में संक्रमण दर महज 0.8 प्रतिशत- राहत की बात यह है कि प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर महज 0.8 प्रतिशत रही। गुरुवार को प्रदेश में कुल 7164 संदिग्ध मरीजों के कोरोना सैंपल लिए गए। इनमें से 42 सैंपल रिजेक्ट हुए और 7104 सैंपल की जांच की गई। इनमें से 60 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

In Indore’s largest institute School of Excellence for Eye, allegation of giving appointments without the guidelines of the government

17.06.2022
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में शासन की गाइड लाइन का उपयोग नहीं करते हुए नियुक्तियां की जा रही हैं।यह आरोप मध्य प्रदेश ऑप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने लगाए हैं। उन्होंने बताया कि पैरामेडिकल के अंतर्गत अनेक पदों के लिए सूचना जारी की गई थी। इसमें ऑप्टोमेट्रिस्ट, फार्मेसिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, ओपीडी अटेंडेंट, लैब टेक्नीशियनस आदि के पद शामिल थे। सूचना में ऑप्टोमेट्रिस्ट पद के लिए योग्यता में विसंगतियां थी। इसके खिलाफ मध्य प्रदेश ऑप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन ने आपत्ति दर्ज कराते हुए संभागायुक्त एवं डीन को एक ज्ञापन दिया था। मामले की शिकायत शिक्षा स्वास्थ्य मंत्री से भी की थी। परिणाम स्वरूप इस सूचना एवं पदनियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था। अब 2 वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी नहीं सूचना जारी नहीं की गई है। गोस्वामी के अलावा फेडरेशन सचिव राजेश मिश्रा, उपाध्यक्ष परविंदर सिंह होरा और मनीष भटनागर ने बताया कि शासन से हमारी मांग है कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए अन्यथा प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल को जल्द मिलेगा स्किन बैंक

17.06.2022

The skin bank would come up at the additional floor of the under-construction burn unit building at SRN Hospital at a cost of ₹3.6 crore.Swaroop Rani Nehru (SRN) Hospital of Prayagraj will soon have a ‘skin-bank’ that will aid in better treatment of burn victims.Officials of Moti Lal Nehru Medical College (MLNMC), under which the SRN Hospital falls, said a proposal in this regard has been sent to the state government for approval.Skin banking is a process in which skin grafts are harvested from a cadaveric donor and stored for future use. Just like cornea donations after death skin from a donor is harvested within 6 hours of death. It is stored in glycerol and then taken to a skin bank. There it undergoes processing and is then stored at -70° Celsius. It can be preserved for up to one year,” said Dr Mohit Jain, head of the department of plastic surgery, MLNMC.He said this skin can be used for patients having large areas affected by burn injury and needing grafting.Dr Jain further said “The burnt skin is removed and skin stored in a skin-bank is applied over the wound. This helps in saving the life of the patient as the skin stays for 10-12 days which are the most critical days for the burn patient. This can prevent water loss, infection and pain and is extremely advantageous for the survival of burn patient.”He added that proposed skin bank would come up at the additional floor of the under-construction burn unit building being built at a cost of ₹3.6 crore.“If approved, we will need few things like chemicals and freezers among others,” he added.Dr Jain said “A 26-bed burn unit is under construction at SRNH under state government sponsored Rani Lakshmi Bai Mahila Samman Yojana and Centre-sponsored National Programme of Prevention and Management of Burn Injuries. Our proposal is an extension of this facility which is under construction.”In India, more than a million cases of burn injuries are reported every year, and most of them require skin cover and grafts. In case of deficient donor skin, immediate early excision and cover can be done with allograft which can be used for coverage of wound or it can be used with autograft as “sandwich technique.”

तेलंगाना HC ने मानसिक रूप से बीमार को अस्पताल से स्थानांतरित करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

17.06.2022
The Telangana high court on Tuesday reserved its judgment in a petition by an NGO questioning the state’s move to shift its (NGO’s) mentally ill patients from the Sanga Reddy Government Hospital to Erragadda. The state has said that it wants to upgrade the Sanga Reddy hospital and requires the space being used by the NGO.The NGO, Integrated New Life Society for Education and Development (INSED), claimed that it was attending to the mentally ill orphans at the Sanga Reddy hospital and wanted a dedicated space to run an exclusive mental health facility. M Manohar of the NGO said they were treating 57 patients at the hospital and questioned the attempts to remove them from their care.Advocate General BS Prasad said the state would be shifting all of them to the state-run mental health facility at Erragadda. “The state government wants to upgrade the Sanga Reddy district hospital into a full-fledged government medical college and hospital,” the AG said.Petitioner’s counsel P Padma Rao, however, said that the mental health patients at Sanga Reddy would suffer if they were shifted to Erragadda as it was already struggling for space.Seeking directions to the NGO to vacate, the DME claimed the NGO had not registered itself with the state mental health authority and also did not possess basic facilities for a mental health centre. Justice A Abhishek Reddy reserved his orders after hearing both sides.

अधिकारियों ने एमसीएच में नए क्रिटिकल केयर कॉम्प्लेक्स की योजना बनाई

17.06.2022
Kochi: A new critical care complex will soon be constructed at Government Medical College Hospital, Ernakulam. The construction of the new complex with an area of 40,000 sqft can be completed at an estimated cost of Rs 23.75 crore, the hospital authorities informed.
Four emergency trauma operation theatres, four minor operation theatres, 20 ICU beds, 50 high-dependency beds, etc., will come up in the new complex. The medical college which is the only government medical college in Ernakulam district lacks adequate emergency trauma operation theatres. There had been demands for setting up more such facilities in the medical college.Once the work on the complex is completed, casualty, pharmacy, etc. will be shifted to the building. As part of construction of the new complex, a team led by the officials of John Hopkins Programme for International Education in Gynaecology and Obstetrics, New Delhi, and National Health Mission visited the medical college on Wednesday.The team gave their nod for the land identified by the medical college authorities for constructing the new complex. The plan presented by the medical college authorities has also been approved by the team.