32 doctors honored with Health Pride Award in Raipur, their work is commendable

07.06.2022
हेल्थ प्राइड अवॉर्ड फंक्शन रायपुर के होटल सयाजी में रखा गया।इस दौरान शहर के तमाम प्रसिद्ध डॉक्टर का सम्मान किया गया । ऐसे चिकित्सकों को भी इस सम्मान समारोह में शामिल किया गया, जिन्होंने कोविड-19 के मुश्किल वक्त के बीच लोगों की सेवा की। कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे रायपुर के महापौर एजाज ढेबर पद्मश्री डॉ एटी दाबके, डॉक्टर पीएस देशपांडे ने प्रसिद्ध चिकित्सकों को सम्मानित किया।कार्यक्रम में महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि कोविड-19 के वक्त में डॉक्टरों ने जो किया उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। रायपुर के डॉक्टरों की सेवा का ही नतीजा है कि आज हम सब एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं । एजाज ने कहा कि मैंने भगवान को तो नहीं देखा है मगर भगवान के रूप में डॉक्टर को देख रहा हूं। कार्यक्रम में डॉ संदीप दवे ने डॉक्टर दाबके और डॉक्टर पीएस देशपांडे की सादगी की तारीफ करते हुए उनके अनुभवों को भी साझा किया।सीनियर डॉक्टर एटी दाबके, डॉक्टर पीएस देशपांडे को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। इसके बाद हेल्थ प्राइड अवार्ड के तहत शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर संदीप दवे,डॉक्टर सुनील खेमका, डॉक्टर पीके हरि कुमार, डॉ यूसुफ मेमन, डॉक्टर देवेंद्र नायक, डॉक्टर जऐश शर्मा, डॉक्टर विवेक केसरवानी, डॉक्टर सुशील शर्मा, डॉक्टर प्रकाश कुमार खुटे, डॉक्टर नलिनी मढ़रिया, डॉक्टर हर्षवर्धन गुप्ता, डॉक्टर मनोज अग्रवाल, डॉ. निखिल मोतीरमानी, डॉक्टर विवेक पांडेय, डॉक्टर राहुल अहलूवालिया, डॉक्टर गरिमा राजिम वाले, डॉ आशीष मित्तल डॉक्टर राज मनहरे, डॉ विजय गुलिया, डॉक्टर नवीन बागरेचा, डॉक्टर खुशबू अरोरा, डॉ गौरव त्रिपाठी, डॉ प्रशांत सिंह , डॉक्टर पूर्वा गुप्ता, डॉक्टर साजन अग्रवाल, डॉक्टर मुनमुन अग्रवाल, रिम्स हॉस्पिटल रायपुर, डॉक्टर जितेंद्र सराफ़, डॉक्टर सुनील रमनानी, डॉक्टर पीके निगम को सम्मानित किया गया

Chandigarh’s Dhanas and Maloya got hospital gift, with the help of Infosys, the health department will build a hospital

07.06.2022
इंफोसिस की मदद से स्वास्थ्य विभाग पुनर्वास कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोगों के लिए 50 बेड का अस्पताल बनाएगा। 50 बेड का यह अस्पताल धनास और मलोया में बनाया जाएगा। इसका बड़ा कारण यह है कि धनास और मलोया में लाखों लोग रहते हैं। यह लोग इलाज के लिए पूरी तरह शहर के दो बड़े चिकित्सा संस्थान जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर 50 बेड का एक हॉस्पिटल इन दोनों इलाके के नजदीक बना दिया जाए, तो जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 अस्पताल पर से मरीजों का कुछ बोझ कम होगा, क्योंकि लोगों को अपने घर के नजदीक ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी। सांसद किरण खेर ने भी वर्ष 2017 में मलोया में 50 बेड के हॉस्पिटल के निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन यह प्रोजेक्ट अब तक सिरे नहीं चढ़ सका। अब स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने इस प्रोजेक्ट को लेकर डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए स्वास्थ्य निदेशक डा. सुमन सिंह को निर्देश दिए हैं। इस प्रोजेक्ट में इंफोसिस भी मदद करेगा। जल्द से जल्द अस्पताल बनकर यहां रहने वाले लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।

44th organ donation in MP’s Indore, kidney and liver of brain dead person transported by green corridor, two people got life donation

07.06.2022
इंदौर में 44वीं बार अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना,जिससे ब्रेन डेड मरीज के अंगों के प्रत्यारोपण से दो मरीजों को नई जिंदगी मिल गई। खरगोन निवासी 52 वर्षीय किराना दुकानदार को ब्रेन हैमरेज हुआ था। उनकी मौत के बाद परिजनों ने उनकी किडनी और लिवर दान करने का फैसला किया। किडनी और एक लिवर दो मरीजों को प्रत्यारोपित की गई, जिससे उन्हें नई जिंदगी मिल गई। परिजनों की सहमति के बाद, सर्जन ने मृतक के शरीर से उनका लिवर और दोनों किडनी निकाल लिए। शहर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि अलग-अलग अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान बिरला का लिवर एक 48 वर्षीय पुरुष को प्रत्यारोपित किया गया जो सिरोसिस, बाई ब्लडप्रेशर और हृदय रोग से जूझ रहे हैं। मायाचंद्र बिरला की एक किडनी एक अन्य मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। दीक्षित ने बताया कि तकनीकी कारणों से बिरला की दूसरी किडनी किसी मरीज में प्रत्यारोपित नहीं हो सका।अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में पिछले सात साल के दौरान दिमागी रूप से मृत 44 मरीजों का अंगदान हो चुका है। इससे हार्ट, किडनी, लिवर, स्किन और आंखों के प्रत्यारोपण से मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र के जरूरतमंद मरीजों को नये जीवन की सौगात मिली है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों में हवाई मार्ग से अंग पहुंचाकर उनका प्रत्यारोपण किया गया।

All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Bhopal patients have to wait up to 4 months for surgery, only 10 out of 20 operation theaters (OTs) are functioning

07.06.2022
एम्स की ओपीडी में रोजाना मरीजों की संख्या 2600 तक पहुंच रही है। इसमें हर रोज 3 से 4 मरीज छोटी-बड़ी सर्जरी के आते हैं। ओटी खाली नहीं होने की वजह से मरीज की बीमारी को देखकर आगे की तारीख दे दी जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि यहां पर केवल जरूरी सर्जरी ही की रही है। वर्तमान में 7 बड़े व 5 छोटे ऑपरेशन थिएटर ही चल रहे हैं। एक विभाग के डॉक्टर को सप्ताह में सिर्फ एक दिन ही ओटी में काम करने को मिलता है। 30 माड्यूलर अोटी तैयार हो गई है, इनमें 12 शुरू कर दी जाएंगी।अभी यहां 11 विभागों में सर्जरी की जा रही है। ऑपरेशन थियेटर खाली नहीं होने की वजह से 3 विभागों में 4 माह की वेटिंग चल रही है। वहीं 9 विभागों में 6 महीने तक की वेटिंग है। सबसे लंबा इंतजार मरीजों को न्यूरो सर्जरी विभाग में करना पड़ रहा है। असिडेंट डॉक्टर वाइके गुप्ता ने अस्पताल में मौजूद तमाम ऑपरेशन थियेटरों को चालू करने के निर्देश 2021 जुलाई में ही दे दिए थे,परंतु अभी हालत ज्यों की त्यों ही है, इससे रोजमर्रा सर्जरी कराने आने वाले मरीजों में नाराजगी का माहौल बना हुआ है।

The situation of chaos in the State Community Health Center of Chomu, the patients and their families were forced to stand in the sun for hours.

07.06.2022
इन दिनों खासी तेज धूप पड़ने से चोमू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों व उनके परिजनों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उपचार के लिए आए मरीजों व उनके परिजनों को दवाई लेने के लिए घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है। अस्पताल के दवा वितरण केंद्र पर छाया का कोई खास इंतजाम नहीं है, जिससे कि वहां दवाई लेने आने वाले लोग घंटों लाइनों में खड़े रहते हैं, वह धूप में अपनी बारी का इंतजार करते हैं। 1 सप्ताह में 2350 ओपीडी वाले इस अस्पताल में केवल एक ही दवा वितरण केंद्र है, जिससे यहां उपचार के लिए आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में 2 महीनों पहले दो जगह टिन शेडो का इंतजाम किया गया था।वहां चिकित्सकों व आने वाले मरीजों के परिजन उनके वाहनों को खड़ा कर देते हैं। महिला व पुरुष दवा वितरण केंद्र में घंटों लाइन में लगे रहते हैं, इतने बड़े अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों के लिए पर्याप्त छाया का इंतजाम होना चाहिए, परंतु इस मामले में अस्पताल परिसर कोई भी सुध नहीं ले रहा है। इस संबंध में अस्पताल प्रभारी चिकित्सक सरदार सिंह यादव ने बताया कि अस्पताल में दूसरा दवा वितरण केंद्र शुरू किया गया था, लेकिन 3 साल से फार्मेसिस्ट व 1 साल से नर्सिंग स्टाफ का पद खाली होने से यह वितरण केंद्र खुल नहीं पा रहा है।

Campes organized in Udaipur for the prevention of anemia in women and adolescent girls in hospitals, anganwadi centers and schools.

07.06.2022
एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अब आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी स्कूलों, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में हर मंगलवार को शक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दिन बच्चों, किशोर-किशोरियों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं को एनीमिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस दौरान एनीमिया की स्क्रीनिंग, जांच, इलाज और एनीमिया के प्रति जागरुकता के लिए विभिन्न विभागों की सहभागिता से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।सीएमएचओ डॉ. गजेन्द्र सिंह देवल ने बताया कि कार्यक्रम के लक्षित लाभार्थियों में 6 महीने के बच्चों से लेकर 59 महीने तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों, 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाएं, गर्भवती महिलाएं व धात्री माताओं को शामिल किया गया है।उन्होंने बताया आंगनबाड़ी में आशाओं द्वारा 6 महीने से 59 महीने तक के बच्चों को 1 एमएम आईएफए सिरप पिलाई जाएगी। वहीं 5 से 9 साल के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को आईएफए की गुलाबी गोली खिलाई जाएगी। 10 से 19 साल की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों को आईएफए की नीली गोली खिलाई जाएगी। 6 महीने से 59 महीने तक के बच्चों, 5 से 9 साल के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 साल की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों, 20-24 वर्ष की विवाहित महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं की एनीमिया हेतु स्क्रीनिंग शारीरिक लक्षणों के आधार पर की जाएगी।

Now the services provided to patients in CHC, PHC and sub centers will be strengthened in Sikar.

07.06.2022
जिले में मौजूद 46 सीएचसी पीएचसी एवं सब सेंटरों में मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं को एक नई दिशा मिलने जा रही है, जिसे 31 मार्च 2023 तक देनी होगी। जिससे की मरीजों को उपलब्ध कराने वाली सेवाओं में सुधार होगा। मॉडर्न लेबर रूम व ऑपरेशन थिएटर बनाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टीम का गठन किया गया है जो टीम अस्पताल में जाकर वहां के स्टाफ को ट्रेन करेगी व मरीज के इलाज को लेकर निर्धारित मांगों से अवगत कराएगी। गर्भवती महिला व नवजात के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के तरीके बताया जाएंगे। ओपीडी लेबोरेट्री, ब्लड बैंक व दवा केंद्रों में आने वाले मरीजों को दी जाने वाली सुविधा की क्वालिटी को मेंटेन रखी जाएगी। यह टीम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को मरीजों व उनके परिजनों से बेहतर सलूक किए जाने के तरीक़े समझाएगी

Dr. Rajesh Kumar Chief Medical and Health Officer (CMHO) conducted surprise inspection of Abu Road Community Health Center (CHC)

07.06.2022
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण किया। चिरंजीवी योजना में ज्यादा से ज्यादा लोगों को केसलेश ईलाज दिलवाने के उद्देश्य से सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आबुरोड का निरीक्षण कर सीएचसी की सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान सीएचसी प्रभारीडॉ पीएन गुप्ता को चिरंजीवी योजना में ईलाज के लिए आईपीडी मरीजो की संख्या बढ़ाकर क्षेत्र के लोगों को ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। निरीक्षण में मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना (Mukhyamantri Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) के योजना के क्रियान्वयन के सम्बंध में प्रभारी का ओरियंटेशन करवाया और योजना के क्रियान्वयन के बारे में विस्तार से बतलाया तथा वार्ड, डीडीसी का भी निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में दवाओं की उपलब्धता, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना में की जा रही जांचों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्टाफ को मरीजों के साथ सद्व्यवहार अपनाने की बात कही ताकि मरीजों का विश्वास बढ़े। साथ में ही उन्होंने डिलीवरी के जननी सुरक्षा योजना व मुख्यमंत्री राजश्री योजना का भुगतान समय पर करने निर्देश दिये। साथ ही कोविड टीकाकरण के घर घर दस्तक अभियान 2.0 की समीक्षा कर टीकाकरण की स्थिति जानी।उन्होंने बताया कि चिकित्सा संस्थान के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों को बताया की गर्भवती महिला की अनिवार्य चार जाँच समय रहते करना आवश्यक साथ ही गर्भवती महिला व बच्चों का टीकाकरण शत प्रतिशत करना साथ पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में समय पर एंट्री करवाने के सभी चिकित्साकर्मी को निर्देशित किया। निरीक्षण कर चिकित्सा कर्मियों को निर्देशित किया कि हमारी प्राथमिकता है कि संस्थान में आने वाले प्रत्येक मरीज को उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाए। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी प्रभारी के साथ चिकित्सा अधिकारी व अन्य नर्सिंग कर्मचारी उपस्थिति रहे।

Doctors at Patna’s Indira Gandhi Institute of Medical Sciences have succeeded in removing tumor from the liver of a girl suffering from fever and abdominal pain by performing surgery.

07.06.2022
बुखार व पेट दर्द की समस्या से परेशान एक महिला पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती हुई। महिला के परिजनों का कहना है कि महिला पटना की रहने वाली है उसका नाम आरोही कुमारी बताया गया है जो कि बीते 6 महीने से बुखार और पेट दर्द से परेशान थी। परिजनों ने बताया कि उन्होंने कई जगह पर उसका इलाज कराया लेकिन उसे उसकी परेशानी से कहीं भी निजात नहीं मिली, आखिर में उसे आईजीआईएमएस अस्पताल लेकर आए,जहां उसे डॉक्टर संजय कुमार को दिखाया। डॉक्टर ने सभी जांच करने के बाद बताया कि लीवर में एफएनएच (फोकल नोड्यूलर हाइपरप्लासिया)की शिकायत है। इसलिए वह पेट दर्द और बुखार से पीड़ित रहती है, मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि लीवर में पाए जाने वाले कैंसर गांठ में कुछ बेहद कम प्रसूत होने वाले गांठो में से यह एक है, मरीज के परिजनों को बताया कि संक्रमित लीवर के हिस्से को काटकर निकालना ही पड़ेगा, बेहोश करके लीवर को आधुनिक कुसा मशीन से काटना पड़ेगा,यह काफी महंगी मशीन है।लिवर ट्रांसप्लांट में भी इसी मशीन की आवश्यकता होती है। परिजनों के हां करने पर डॉक्टरों ने 5 घंटे सर्जरी कर सफलता हासिल कर ली है और मरीज को उसकी परेशानी से निजात मिल गई है, फिलहाल मरीज को सर्जरी के बाद आईसीयू में रखा गया है, जहां वह कुछ दिनों तक एडमिट रहेगी।

Early Childhood Development Workshop organized at Auditorium, Center of Excellence, NMCH in Patna

06.06.2022
कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यशाला के मुख्य अतिथि एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह व विशिष्ट अतिथि पीएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं। डॉ. जी. वी. वाश्व राजा, डॉ. अतनु भद्र, डॉ. अमित कुमार, डॉ. चंद्रमोहन कुमार ने भी प्रोजेक्टर की सहायता से इस विषय पर प्रकाश डाला। आईएपी के 50 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि ये सदस्य यहां से सीख कर अपने अपने जिलों में ट्रेनिंग देंगे। इस अवसर पर एनएमसीएच के उपाधीक्षक सह शिशु रोग विभाग के डॉ. सरोज कुमार, डॉ. अनिल तिवारी समेत कई चिकित्सक उपस्थित रहे।समय पर बीमारी की पहचान से बच्चे होंगे स्वस्थ। बच्चों के सकार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं।सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा डीआईसी, एनएमसीएच में चल रहा निर्माण,कुछ बच्चों में देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों में सही समय से बीमारी की पहचान व उपचार के लिए एनएमसीएच के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में डीआईसी (डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर) का निर्माण कार्य चल रहा है। इस संबंध में एनएमसीएच अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि यह सेंटर बिहार का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा। उम्मीद है कि छह-सात माह में बन कर तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण बीएमएसआईसीएल के द्वारा कराया जा रहा है। सेंटर पर बच्चों की स्क्रीनिंग, पहचान व चिकित्सीय सेवा प्रदान की जाएगी। एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट, ऑपथेलमोलाॅजिस्ट, ईएनटी समेत विभिन्न विभागों के डॉक्टर रहेंगे। इसका निर्माण कार्य एमसीएच भवन के बगल में चल रहा है।