Cancer Institute will be built in Jodhpur, will be built in 3 phases on 13 acres of land of ground water department headquarter located in Shastri Nagar.
14.06.2022
शहर में बनने वाले महत्वाकांक्षी रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है। इंस्टीट्यूट शास्त्रीनगर स्थित भूजल विभाग के मुख्यालय की 13 एकड़ जमीन पर तीन फेज में बनेगा। इस पर 75 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। पहले फेज में 6.7 एकड़ (27,000 वर्गमीटर) जमीन पर रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट की 7 मंजिला (बी+जी+5) मुख्य इमारत तैयार होगी। इसके बाद दूसरे फेज में 6.1 एकड़ जमीन पर डेंटल कॉलेज तथा तीसरे फेज में 2.93 एकड़ जमीन पर पब्लिक हेल्थ कॉलेज भी बनेगी। फिलहाल निर्माण एजेंसी द्वारा रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत बनना ही प्रस्तावित है। इसके लिए दिल्ली के एक आर्किटेक्ट ने निगम दक्षिण में बी+जी+5 मंजिला इंस्टीट्यूट की मुख्य इमारत का प्रस्तावित मानचित्र पेश किया। इसमें कुछ संशोधन के पश्चात नक्शा पारित कर दिया गया है।. फर्स्ट फेज: 27000 वर्गमीटर में मुख्य इमारत, ग्रीन स्पेस व पार्किंग,प्रस्तावित मैप में निर्माण एजेंसी ने 6.7 एकड़ जमीन पार्किंग, ग्रीन स्पेस व एडमिन ऑफिस व कैंटीन बनाई जाएगी। फर्स्ट फेज की सात मंजिला मुख्य इमारत के लिए फिलहाल 18 करोड़ रु. का बजट स्वीकृत हुआ है। मानचित्र पारित होने के साथ ही युद्धस्तर पर इसका निर्माण होगा। सैकंड फेज: 24913 व.मी. में बनेगा डेंटल कॉलेज व स्टाफ क्वाटर्स कैंसर इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत के बाद दूसरे फेज में 6.1 एकड़ (यानी 24913 वर्गमीटर जमीन पर डेंटल कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। कॉलेज की इमारत के आगे बड़ा ग्रीन स्पेस व पार्किंग बनेगी। इसके अलावा आवासीय व स्टाफ क्वाटर्स के साथ गेस्ट हॉस्टल भी बनना प्रस्तावित है।थर्ड फेज: 11886 वर्गमीटर में बनेगा पब्लिक हेल्थ कॉलेज,इंस्टीट्यूट की मुख्य इमारत के समीप 2.93 एकड़ (यानी 11886 वर्गमीटर) जमीन पर पब्लिक हेल्थ कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा आवासीय क्वाटर्स व पार्किंग भी बनाई जाएगी।B+G+6 मंजिल का मैप, एक मंजिल अस्वीकृत,दिल्ली की आर्किटेक्ट कंपनी ने निगम दक्षिण बी+जी+सिक्स मंजिला इंस्टीट्यूट का नक्शा पेश किया। हालांकि निगम दक्षिण ने छठी मंजिल काे नामंजूर करते हुए मानचित्र पारित कर दिया है। निगम दक्षिण महापौर वनिता सेठ व आयुक्त अरुणकुमार पुरोहित ने इसकी गंभीरता को समझते हुए इंस्टीट्यूट के मानचित्र की पत्रावली को तुरंत चलाकर पारित करने को कहा। एसटीपी व एटीपी सहित सिविल विंग ने भी पेश मानचित्र को पारित करने की कार्रवाई अमल में लाई। हालांकि आर्किटेक्ट से कुछ तकनीकी जानकारी (मानचित्र में अस्पष्ट दिख रही) भी मांगी है, लेकिन मानचित्र को पारित कर दिया है।