Organized blood donation camps in Karauli
उपखंड क्षेत्र में 1200 युवाओं की टीम मानवता की मिसाल पेश कर रही हैं। जीवन ज्योति फाउंडेशन के बैनर तले काम कर रही इस टीम के सदस्यों ने खुद व अन्य लोगों को प्रेरित कर 5 साल में करीब 7550 लोगों की रक्तदान करके जिंदगी बचाई है। 5 साल में करीब 25 रक्तदान शिविरों का आयोजन कर 1100 यूनिट रक्त भी एकत्र किया गया। जिन्हें जयपुर, करौली व भरतपुर ब्लड बैंक भेजा गया। कोरोना काल से अब तक अस्पताल में रोटी बैंक के माध्यम से 20 हजार जरूरतमंद मरीजों को भोजन के पैकिट भी उपलब्ध करवाए गए हैं। टीम की ओर से सोशल मीडिया ग्रुप भी बनाए हुए हैं। ग्रुप में किसी का मैसेज भी रक्त की जरुरत के लिए आता हैं तो युवा टीम के सदस्य बिना देर किए मरीज को रक्तदान करने पहुंच जाते हैं। चाहे मरीज दिल्ली हो या जयपुर या फिर करौली। मरीज को रक्तदान करने के लिए आने जाने का खर्च भी टीम के सदस्य खुद वहन करते हैं। हिंडौन के खेड़ी हैवत निवासी ओमप्रकाश डागुर ने बताया कि जून 2017 में जीवन ज्योति फाउंडेशन की शुरुआत की। उनकी पहल रंग लाई और इसके बाद टीम जीवन ज्योति फाउण्डेशन के सदस्यों ने जरूतमंदों को रक्त मुहैया कराने के लिए मुहिम चलाई। वर्ष 2017 से अब तक टीम के सदस्यों ने खुद एवं 7550 लोगों से रक्तदान कराकर लोगों की जान बचाई है। संस्था ब्लड कैंप लगाकर भी ब्लड बैंक को रक्त की कमी से दूर रखने का प्रयास करती है। इस पहल को समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों का भरपूर सहयोग समर्थन मिल रहा है। ब्लड डिमांड की अनजान कॉल पर ही रक्तदाता तुरंत अस्पताल में भर्ती मरीज के अटेंडेंट से मिलकर रक्त मुहैया कराने में आगे रहे हैं।
चार प्रकल्प किए जा रहे हैं संचालित : युवाओं की टीम की ओर से चार प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। इनमें रोटी बैंक , रक्तदान, चल प्याऊ व नेत्र ज्योति प्रकल्प शामिल हैं। रोटी बैंक संचालक रमेश सिंहल ने बताया कि 16 अप्रेल 2021 से इस प्रकल्प की शुरुआत की गई और अब तक 20 हजार मरीजों को भोजन के पैकिट उपलब्ध करवाए गए। नेत्र ज्योति प्रकल्प के संचालक ओमप्रकाश पीटीआई ने बताया कि जून 2022 से शुरु किए गए प्रकल्प में दो शिविर आयोजित कर 250 मरीजों को उपचार उपलब्ध करवाया गया है।
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