Bariatric surgery of 210 kg patient done for the first time in Asia’s largest Ahmedabad Civil Hospital

19.07.2022
गुजरात के बोटाद निवासी 41 वर्षीय चेतनभाई को आखिर अतिशय मोटापे से राहत मिल जाएगी। 210 किलो वजन के कारण काफी कठिनाइयों का सामना कर रहे चेतन की एशिया के सबसे बड़े अहमदाबाद सिविल अस्पताल में बैरियाट्रिक सर्जरी की गई है।मरीज के मोटापे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे अपनी दैनिक गतिविधियों को ठीक से करने में असमर्थ थे। भारी वजन के बीच उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) भी 78 तक पहुंच गया था। गुजरात में किसी सरकारी अस्पताल में इतने वजन वाले व्यक्ति की बैरियाट्रिक सर्जरी किए जाने की यह पहली घटना है।बोटाद में हीरा घिसाई का काम करने वाले चेतनभाई पिछले काफी दिनों से वजन के कारण परेशान थे। सामान्य कुर्सी पर बैठने में असमर्थ थे। उन्हें ़पिछले सप्ताह सिविल अस्पताल में लाया गया। यहां सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आरआर पटेल के नेतृत्व में डॉ. प्रशांत मेहता, डॉ राकेश मकवाना, डॉ विक्रम मेहता और एनेस्थेटिस्ट की एक टीम ने यह सफल ओबेसिटी बैरियाट्रिक (मिनी गैस्ट्रिक बाईपास) सर्जरी की। ऑपरेशन के एक सप्ताह बाद उनकी हालत अच्छी होने के कारण सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। यह सर्जरी दो घंटे तक चली। निजी अस्पतालों में इस तरह का ऑपरेशन लाखों रुपए के खर्च में होता है। इसके मुकाबले सिविल अस्पताल में यह मामूली खर्च से हो गया।डॉ. प्रशान्त मेहता ने बताया कि बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद बढ़ते वजन से छुटकारा मिलेगा। दिल के दौरा और उच्च रक्तचाप जैसी घातक बीमारियों की आशंका कम होंगी। दैनिक गतिविविधियों में आसानी होगी। जोड़ों पर पड़ने वाले भार से राहत मिलेगी।

सरकारी अस्पताल में इस स्थिति में हो सकता है ऑपरेशन

सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 40 या उससे अधिक है। या फिर 35 है लेकिन साथ में वे उच्च रक्त चाप, स्लीप एपनिया और अन्य श्वसन संबंधी रोगों से पीड़ित हैं तो उनकी बैरियाट्रिक सर्जरी की जा सकती है।

पहली बार की गई ऐसी सर्जरी

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी और अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रजनीश पटेल के अनुसार सिविल अस्पताल में इस प्रकार की सर्जरी पहलीबार की गई है। इससे पहले 500 ग्राम के शिशु से लेकर 210 किलोग्राम तक के मरीजों की अनेक तरह की सर्जरी की जा चुकी हैं। दो सौ किलो से अधिक वजन वाले मरीज की बैरियाटिक सर्जरी पहली बार की है। अस्पताल में नि:शुल्क और नहींवत खर्च से इस तरह के ऑपरेशन किए जाते हैं। निजी अस्पताल मे लाखों रुपए तक खर्च आता है। सिविल अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग ने 2017 से बैरिएट्रिक सर्जरी शुरू की थी। अब तक ऐसी आठ सर्जरी की जा चुकी हैं।

चिकित्सकों के अनुसार वजन काफी अधिक होने के कारण ऑपरेशन में कई चुनौतियां रहीं। ऑपरेशन के दौरान दो टेबल का एक साथ इस्तेमाल किया गया। मरीज को लाने ले जाने, एनेस्थीसिया, ऑपरेशन की जगह उपयोग किए गए लैप्रोस्कॉपी संबधित साधनों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई। ज्यादा चर्बी को भेदने वाले उपकरणों को लाया गया। एक्सरे करने, वजन करने जैसी कई परेशानियों से भी गुजरना पड़ा। सामान्य सर्जरी के दौरान 10-12 कार्बन डाइऑक्साइड के दबाव की आवश्यकता होती है, जबकि ऐसी सर्जरी के लिए 20 से 25 के दबाव की आवश्यकता हुई।

डॉ. प्रशान्त मेहता, चिकित्सक जनरल सर्जरी विभाग अहमदाबाद

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