Allegations of disturbance in the tender order for the purchase of furniture worth about one crore in the medical college
पाली के संवेदक भोमेश्वर थानवी ने मेडिकल कॉलेज में करीब एक करोड़ के फर्नीचर खरीद के टेंडर जारी करने में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। थानवी का कहना है कि निविदा छोड़ने में नियमों को ताक पर रखा गया।उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल को पत्र लिखकर गुड़गांव की एक कम्पनी के जयपुर डीलर पर मिलीभगत व विभाग के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि निविदा की शर्तों में आओटा (आल इंडिया ओकोपेशनल थेरेपिस्ट एसोसिएशन) सटिर्फिकेट की अनिवार्यता की गई, जो कि नहीं था। वेबसाइड की सूची के अनुसार गुड़गांव के आओटा सर्टिफिकेट के आधार पर निविदा भरी है,जबकि गुडगांव का माल दिया ही नहीं है। थानवी का आरोप है कि फर्नीचर खरीद में सारे नियमों की अवहेलना करके 12 में से 11 फर्मो के आवेदन निरस्त कर एक को आदेश दे दिया, जबकि अभी तक माल भी नहीं आया। उनका आरोप है कि गुड़गांव की कम्पनी का जयपुर में कोई डीलर नहीं है।फर्नीचर खरीद में जिला उद्योग केंद्र के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना था, मगर उन्हें भी नहीं लिया गया। इस निविदा आदेश के बारे में जानकारी लेने के लिए आरटीआई के तहत मांगी गई, पर अभी कोई जानकारी नहीं दी है।इस बारे में पूर्व प्रिसिंपल डॉ. एमएम पुकार को फोन किया तो उन्होंने रिसीव नहीं किया, जबकि ये टेंडर उनके कार्यकाल में जारी किया गया था। नए प्रिसिंपल डॉ. बीएल बिनावरा ने कहा कि शुक्रवार को ज्वॉइन किया है। भोमेश्वर थानवी ने आरटीआई में जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने की जानकारी दी। थानवी को जानकारी दी जाएगी। उन्होंने उनको शनिवार को बुलाया है।
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