Cheating with students in AIIMS Bathinda, future of students in dark
26.07.2022
यहां एम्म के करीब 50 मेडिकल विद्यार्थी अजीब पेंच में फंस गए हैंं। उनको बठिंडा एम्स (Bhatinda AIIMS) में पीजी कोर्स में एडमिशन दे दिया गया, लेकिन करीब छह माह बाद खुलासा हुआ कि इसकी यहां पर मान्यता ही नहीं है। अब बठिंडा एम्स का प्रबंधन इनको जूनियर रेजिडेंट बता रहा है।
50 विद्यार्थियों का भविष्य हुआ अंधकारमय,जानकारी के अनुसार,जनवरी, 2022 में देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स में विद्यार्थियों ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी) में दाखिला लिया था। वहीं, अब प्रवेश के छह माह बाद बठिंडा एम्स प्रशासन की तरफ से उनकी मान्यता व प्रवेश को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इससे एम्स में प्रवेश लेने वाले करीब 50 छात्रों का भविष्य अंधकार में है।
बठिंडा एम्स ने 21 जुलाई को मेल कर बताया कि वे पीजी स्टूडेंट नहीं
प्रभावित विद्यार्थियों ने बताया कि 21 जुलाई को बठिंडा एम्स की तरफ से इन सभी 50 विद्यार्थियों को एक मेल के जरिए जानकारी दी गई कि उन्हें पीजी स्टूडेंट नहीं माना जाएगा। संस्थान इन सभी को नान एकेडमिक जेआरएस (जूनियर रिजिडेंट) मानकर चलेगा।
आज हो सकती है छात्रों की एम्स प्रबंधन के साथ बैठक
वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मंगलवार को एम्स प्रबंधन के साथ बैठक हो सकती है। अगर बैठक में कोई हल नहीं निकलता है या फिर विद्यार्थियों को उचित आश्वासन नहीं मिलता है तो उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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