Special medical team constituted at airports as per NCDC’s instructions to check monkeypox disease among passengers in Tamil Nadu

तमिलनाडु के मंत्री मा सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि यात्रियों में मंकीपॉक्स बीमारी की जांच के लिए NCDC के निर्देशानुसार स्पेशल मेडिकल टीम का गठन किया है। हालही में केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद सुब्रमण्यम ने विभिन्न जगहों से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए चेन्नई हवाईअड्डे पर किए गए उपायों का निरीक्षण किया। सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने 22 मई से अब तक तमिलनाडु में विभिन्न गंतव्यों से पहुंचे 4.84 लाख लोगों की जांच की है। उन्होंने कहा कि अकेले चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मई से अब तक 3.67 लाख लोगों की जांच की गई है।

स्पेशल वार्ड रखने की दी गई सलाह
सुब्रमण्यम ने कहा, ”सभी जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मंकीपॉक्स रोग के लिए स्पेशल वार्ड रखने की सलाह दी गई है। उन वार्ड में मरीज़ों के इलाज के लिए विशेष डॉक्टर्स को तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।” उन्होंने बताया, चिकित्सा दलों को उन रोगियों को अलग करने के लिए कहा गया है जिनमें मंकीपॉक्स रोग के लक्षण नज़र आए हैं। उन्होंने कहा, ”ऐसे रोगी, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनके नमूने एकत्र किए जाने चाहिए। इसके बाद उन्हें राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला, NCDC और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी(NIV), पुणे को भी भेजा जाना चाहिए।”
मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान होते हैं
मई के बाद से 63 देशों में लगभग 9,647 लोगों में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिनमें से 86 प्रतिशत लोग यूरोपीय देशों से हैं, जबकि 11 प्रतिशत अमेरिका से हैं। उन्होंने कहा, ”यह बीमारी ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, सिंगापुर, फ्रांस, इटली में भी फैल रही है।” देश में 14 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आया था। WHO के अनुसार मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है। मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान होते हैं।

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