Kidney patients increased two and a half times in a year in Raipur, 15 new victims daily in OPD

18.07.2022
एम्स में जुलाई 2020 से जून 2021 तक जहां 2039 नए मरीज सामने आए थे, वहीं जुलाई 2021 से जून 2022 तक इसकी संख्या बढ़कर 4889 हो गई। अगर फॉलोअप के मरीजों को जोड़ा जाए तो क्रमश: यह 4502 से बढ़कर 10635 हो गए हैं। एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग में रोजाना किडनी से संबंधित 70 से 80 मरीज पंजीकृत होते हैं, जिसमें 10 से 15 नए मरीज होते हैं। ये ऐसे मरीज होते हैं जो पहली बार किडनी की समस्या लेकर या किसी अन्य हॉस्पिटल से रेफर होकर एम्स पहुंचते हैं। नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनय राठौर बताते हैं, लगभग सभी आयु वर्ग में किडनी संबंधित बीमारियां देखने मिल रही है।डॉ. राठौर बताते हैं, जन्मजात विकृत या बीमारी के कारण नवजातों एवं शिशुओं में किडनी की समस्या देखी जा रही है। किडनी में इन्फेक्शन और ऑटो इम्यून बीमारियों जैसे एसएलई, मेम्ब्रेंनस नेफ्रोपैथी के कारण और बदलते जीवन शैली के कारण भी इसके मरीज बढ़े हैं। हाइपर टेंशन (बीपी), शुगर, गुर्दे के रोग भी मुख्य कारण है। कुछ अज्ञात कारणों से भी इसके मरीज बढ़े हैं, जैसे सुपेबेड़ा और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।

साल केस नए मरीज

1/7/2019 से 30/6/2020 5753 2800

1/7/2020 से 30/6/2021 4502 2039

1/7/2021 से 30/6/2022 10635 4889

अगस्त अंत तक शुरू हो सकता है किडनी ट्रांसप्लांट

स्टाफ की व्यवस्था के साथ ही इसके लिए जगह चयनित हो चुका है। मशीनों को इन्स्टाल भी किया जा रहा है। ये अतिविशिष्ट प्रकार की सर्जरी होगी, जिसमें नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, एनेस्थिसिया और अन्य विभागों के सर्जन मिलकर पूरा करेंगे।

एम्स में किडनी रोगी के मरीज पिछले साल की तुलना में दोगुने हुए हैं, लेकिन इसके पीछे मुख्य कारण एम्स में रेफर केसेस का आना और एम्स के प्रति लोगों की जागरुकता है। यहां किडनी से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज हो रहा है।

डॉ. विनय राठौर, एचओडी नेफ्रोलॉजी विभाग, एम्स

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