Vadodara’s Government Sir Sayajirao General (SSG) Hospital is returning the lost smile of 60 children every year
18.07.2022
जन्म के समय से ही कटे हुए होंठ के साथ जन्मे बच्चों की खोई हुई मुस्कान लौटाने का काम वडोदरा का सरकारी सर सयाजीराव जनरल (एसएसजी) अस्पताल कर रहा है। यहां हर साल औसतन कटे होंठ व तालू की खामी वाले 60 बच्चों की प्लास्टिक सर्जरी की जाती है। सर्जरी नि:शुल्क होती है।गुजरात ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से भी लोग अपने बच्चों की खोई मुस्कान लौटाने के लिए इस अस्पताल में पहुंचते हैं। करीब 20 फीसदी मरीजों ऐसे आते हैं जिनकी यह समस्या पहले की गई सर्जरी के चलते बढ़ी होती है। चिकित्सकों का कहना है कि यूं तो गर्भवती महिला की सोनोग्राफी में ही गर्भस्थ शिशु के परीक्षण के दौरान होंठ व तालू की खामी पकड़ में आ जाती है। जिससे लोगों को गर्भवती महिला की सोनोग्राफी अनिवार्य रूप से करानी चाहिए। फिर भी किसी कारणवश यह पकड़ में नहीं आने की स्थिति में इस प्रकार की जन्मजात खामी के साथ बच्चे जन्म लेते हैं, जिनके होंठ व तालू जन्म से ही कटे होते हैं। यदि कोई बच्चा ऐसा जन्म लेता भी है तो जन्म के एक साल के भीतर उसकी सर्जरी कराने पर उसके बेहतर परिणाम मिलते हैं।कटे होंठ होने से बालक के चेहरे की खूबसूरती बिगड़ती है। ऐसे होठ की सर्जरी बच्चे की 6 महीने की आयु तक कराने पर उत्तम परिणाम मिलता है। फटे तालू से बच्चे के बोलने में तकलीफ होती है, ऐसी सर्जरी जन्म के 1 वर्ष में कराने पर उत्तम परिणाम मिलते हैं। देरी करने पर बच्चे की आवाज का विकास हो जाता है उसके बाद यह सर्जरी कराने पर बोलने में खामी करने की संभावना रहती है। इच्छित परिणाम भी नहीं मिलते।
आनुवांशिकता बड़ी वजह
राजस्थान के बीकानेर के मूल के डॉ. शैलेष के. सोनी ने बताया कि माता या पिता में ऐसी खामी होने पर बच्चा ऐसी खामी के साथ जन्म लेता है। पहला बच्चा ऐसी खामी के साथ जन्म लेता है तो दूसरे बच्चे को भी ऐसी तकलीफ हो सकती है। आनुवांशिक कारण इसकी प्रमुख वजह है। गर्भस्थ शिशु की सोनोग्राफी से इसे जल्द पकड़ा जा सकता है।
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