In most of the health sub centers and APHC of Patna, neither doctors, nor beds, nor medicines, how will the treatment be done.
29.06.2022
कोरोना की तीन लहरों के बावजूद हमारे ग्रामीण अस्पतालों की स्थिति अब भी दयनीय है। पटना में 67 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 स्वास्थ्य उप केंद्र हैं। 113 में से 70 से अधिक स्वास्थ्य उप केंद्र अभी भी बदहाल हैंं। 67 में से 50 से अधिक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों के भवन अच्छे हो गए हैं, लेकन 40 से अधिक में डॉक्टर नहीं आते। दैनिक भास्कर के 13 रिपोर्टर ने पांच दिनों तक लगातार पटना के गावों में पड़ताल की तो ये खुलासे हुए….।नौबतपुर के अजवां पंचायत भवन के एक छोटे से कमरे में 25 वर्ष से स्वास्थ्य उप केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। कागज पर यह पांच बेड का अस्पताल है लेकिन यहां न बेड है न दवा और न ही इलाज का कोई संसाधन। छह माह पूर्व तक सप्ताह में एक दिन एक आयुष डॉक्टर आते थे। अब वे भी नहीं आते हैं। अन्य कर्मी कभी नहीं आते हैं। पूर्व पंचायत समिति सदस्य वशिष्ठ कुमार बोले-अस्पताल का अपना भवन वर्ष 2001 से बनकर तैयार है। लेकिन आज तक चालू नहीं किया गया। उद्घाटन के पूर्वे सिलिंग और अन्य भाग गिर रहे हैं
शेरपुर एपीएचसी के डॉक्टर डेपुटेशन पर, सफाईकर्मी के हवाले गोपालपुर एपीएचसी
मनेर के शेरपुर में किराये के मकान में चल रहे एपीएचसी में एक आयुष चिकित्सक डॉ मणिशंकर हैं, तो दूसरे एमबीबीएस डॉ चंदन। डॉ चंदन का डेपुटेशन मनेर पीएचसी में कर दिया गया है। लिहाजा यहां की सारी जवाबदेही डॉ मणिशंकर पर है। मनेर का दूसरा एपीएचसी कमला गोपालपुर में है। किराये के मकान में चल रहे इस एपीएचसी में भास्कर की टीम पहुंची तो देखा कि केंद्र पर बूढ़ी औरत सफाई कर्मी फुलपतिया देवी मौजूद थी।कमरे में बैठने की कौन कहे खड़ा होने की भी जगह नहीं थी। ग्रामीणों ने बताया कि यहां कोई आता – जाता नहीं है। डॉक्टर तो छोड़िए एएनएम भी नहीं आना चाहती। कोई दवा भी उपलब्ध नहीं रहता है।सिर्फ टीकाकरण किया जाता है। नया भवन 1 करोड़ 7 लाख की लागत से बनकर तैयार है।
मसौढ़ी व धनरुआ के एपीएचसी की स्थिति अच्छी
मसौढ़ी प्रखंड में दो एपीएचसी हैं। इनमें एक भगवानगंज और दूसरा लहसुना गांव में है। इन दोनों एपीएचसी में स्टाफ नर्स की नियुक्ति हो चुकी है और वे रोज ड्यूटी भी करती हैं। इन दोनों एपीएचसी में दो डॉक्टर हैं। यहां हर तरह की दवाएं भी उपलब्ध हैं। वहीं, धनरुआ में कुल तीन एपीएचसी हैं। इसमें वीर , बांसबिगहा और सिम्हारी एपीएचसी शामिल है। तीनों केंद्रों पर स्टाफ नर्स की नियुक्ति है। इन केंद्रों पर 10 से 15 तरह की दवाएं ही उपलब्ध है।
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