Crisis on more than 275 nursing institutions of Rajasthan, big private hospitals will have moonlight
28.06.2022
राज्य में संचालित 345 नर्सिंग शिक्षण संस्थानों में से 275 से अधिक की मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार की नई नीति के बाद 100 बेड का अस्पताल संचालित करने वाले ट्रस्ट या अस्पताल ही आवेदन कर पाएंगे। दूसरे ट्रस्ट के अस्पताल को स्वयं से जोड़कर मान्यता हासिल करने का विकल्प अब समाप्त कर दिया गया है। अस्पताल स्वयं आवेदन करेंगे तो इनके आधार पर पहले से चल रहे दूसरे संस्थानों की मान्यता स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। इन प्रावधानों से जहां छोटे ट्रस्ट दौड़ से बाहर हो जाएंगे, वहीं बड़े अस्पताल समूहों की चांदी होगी।केन्द्र सरकार की ओर से मार्च 2021 में जारी अधिसूचना के अनुसार कोई भी अस्पताल एक से अधिक नर्सिंग संस्थान से नहीं जुड़ सकता। वर्तमान में राजधानी जयपुर के ही करीब आधा दर्जन बड़े अस्पताल समूहों ने दूसरे संस्थानों को अपने अस्पताल के साथ जोड़ा हुआ है। हालांकि नए प्रावधान नए सत्र से लागू होंगे, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार ने अप्रत्यक्ष तौर पर पहले से संचालित कई संस्थानों को बाहर करने की तैयारी की है।
100 बेड का प्रावधान पहले से भी :केन्द्र व राज्य सरकार के पिछले प्रावधानों में भी 100 बेड का अस्पताल अनिवार्य रखा गया था, लेकिन उसमें किसी दूसरे अस्पताल को स्वयं से जोड़कर संस्थान संचालित करने के नियम की गली राहत बनी हुई थी। इस नियम से ही राज्य के करीब 80 प्रतिशत संस्थान संचालित होते आ रहे थे। प्रदेश में इस समय 164 नर्सिंग कॉलेज और 181 जीएनएम नर्सिंग शिक्षण संस्थान संचालित हैं।
सरकार के दर पर कतार होगी कम :
अभी तक के नियमों से नर्सिंग कॉलेज चलाने के लिए अस्पताल समूह या ट्रस्ट ही नहीं कई जनप्रतिनिधि, नेता और अन्य प्रभावशाली लोग भी दौड़ में शामिल रहते थे। लेकिन अब नए नियम से ये स्वत: ही दौड़ से बाहर हो गए हैं।
…नए नियमों के आधार पर ही अब मान्यता दी जाएगी। इसकी विज्ञप्ति जल्द ही जारी करने जा रहे हैं।
शशिकांत शर्मा, रजिस्ट्रार, राजस्थान नर्सिंग काउंसिल
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