Under the CM Livestock Free Medicine Scheme in Jaipur, a scam of 30 crores in the purchase of medicines
21.06.2022
विधानसभा की जनलेखा समिति ने 2020 में व पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में बनी दो कमेटी ने (2021 व 2022) माना था कि 2016-17 अफसरों ने 2 निजी फर्मों को फायदा देने के लिए 637% ऊंची दरों पर 54 करोड़ की दवाएं खरीदकर 30 करोड़ का घोटाला किया। जनवरी 2021 में अफसरों ने सीएमओ में आवेदन देकर दोबारा जांच की मांग की थी।जिसके बाद पशुपालन विभाग शासन सचिव ने नई कमेटी बनाई। रिपोर्ट में लिखा कि अफसरों का दोबारा जांच का आवेदन असत्य व कार्रवाई से बचने मामले को लंबित रखने की मंशा से ओत-प्रोत है। जिन अफसरों को चार्जशीट दी जानी है, उनमें पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भवानी सिंह अब राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के सीईओ हैं। विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. नरेंद्र मोहन सिंह का भी नाम हैं। पशुपालन निदेशक डॉ. अजय गुप्ता ने वीआरएस ले लिया।
मंत्री की रिपोर्ट पर शासन सचिव ने कहा-चार्जशीट दें
पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने शासन सचिव को 1 जनवरी 2022 को वित्त विभाग की टिप्पणी के निर्देश दिए। इस पर तत्कालीन शासन सचिव आरुषी मलिक ने 10 फरवरी को रिपोर्ट भेज दी। इसमें लिखा कि जांच समिति ने 7 जून 2021 को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।इसमें चार्जशीट देने व विभाग के अतिरिक्त अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिखा, लेकिन अभी तक किसी भी अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 5 अप्रैल 2022 को सीएमओ संयुक्त निदेशक ने शासन सचिव को दोषी अधिकारियों को चार्जशीट देकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सवा महीना बीत जाने के बाद भी चार्जशीट नहीं दी गई।
इन अधिकारियों को दी जानी है चार्जशीट...
पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भवानी सिंह, दवा प्रकोष्ठ के अतिरिक्त निदेशक डाॅ. एनएमसिंह, प्रयोगशाला उपनिदेशक डॉ. सीमा मिढढा, उपनिदेशक डॉ. हमेंद्र शर्मा, एसवीओ डॉ. लवकुमार गोरसी, डॉ. लेनिन भट्ट, एसवीओ डॉ. रमेश चौधरी, कुक्कुट उपनिदेशक डॉ. आशुतोष अरोड़ा, कनिष्ठ लिपिक पवन व्यास। जनलेखा समिति ने किया था खुलासा: दैनिक भास्कर के पास विधानसभा की जनलेखा समिति सहित सभी जांच रिपोर्ट मौजूद है। समिति ने 17 फरवरी 2020 को रिपोर्ट पेश की
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