6915 Remdesivir injections kept in the stores of Sriganganagar, Bharatpur, Dhailpur and Jhunjhunu health centers including Sikar expired, health department lost Rs 1.94 crore

20.06.2022

सीकर सहित श्रीगंगानगर, भरतपुर, धाैलपुर और झुंझुनूं स्वास्थ्य केंद्र के स्टाेर में रखे 6915 रेमडेसिविर इंजेक्शन अवधि पार हाे गए हैं। सिपला कंपनी के एक इंजेक्शन की कीमत 2812 रुपए और जायडस इंजेक्शन की कीमत 900 रुपए थी। इससे स्वास्थ्य विभाग काे 1.94 कराेड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

हनुमानगढ़, चूरू और अलवर के जिले के स्वास्थ्य केंद्राें में रखे 1000 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन अक्टूबर में अवधि पार हाे जाएंगे। अब यहां के स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों ने आरएमएससीएल काे चिट्ठी लिखकर राय मांगी है। लेकिन अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

नवंबर 2021 में लहर-3 का अंदेशा हुआ ताे एडवांस में स्वास्थ्य केंद्राें में स्टाॅक जमा कर लिया था। अब वैक्सीन डिपाे में रखी काेविशील्ड की 3.48 लाख डाेज के एक्सपायर हाेने का खतरा बढ़ गया है। ये 3.48 लाख डाेज सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, अलवर, भरतपुर और धाैलपुर जिलाें के वैक्सीन डिपाे में हैं।वायरल इंफेक्शन, हेपेटाइटिस-सी व इबाेला में काम आया इंजेक्शन

चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रहलाद दायमा के अनुसार पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन वायरल इंफेक्शन के मरीजों को ठीक करने में काम लिया जाता था। हालांकि यह ऐसे मरीजों पर ज्यादा कारगर नहीं हुअा। इसलिए मेडिकल साइंस विशेषज्ञाें ने वायरल इंफेक्शन पर इंजेक्शन काम लेना बंद कर दिया।

इसके अलावा हेपेटाइटिस-सी और इबाेला मरीजाें काे भी रेमडेसिविर लगाया जाने लगा। इन बीमारियाें के मरीजाें की संख्या कम हाेने के बाद ये इंजेक्शन अब काम नहीं आ रहे है। चूंकि इबोला के मरीज तो भारत में न के बराबर मिले थे। हेपेटाइटिस-सी भी ज्यादा नहीं होता है।

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