5 people got new life from a brain dead patient at Chandigarh’s Post Graduate Institute of Medical Education and Research (PGIMER)

17.06.2022
पी.जी.आई. में ब्रेन डेड मरीज से 5 लोगों को नई जिंदगी मिली। उसकी उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। युवक का हार्ट पी.जी.आई. में मैच नहीं हुआ। ऐसे में पी.जी.आई. रोटो ने दिल्ली में मैचिंग रिसीपियंट खोजा। पी.जी.आई. मैडिकल सुप्रिडेंट प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि यहां हार्ट का मैचिंग रिसीपियंट नहीं मिला। इसके बाद नोटो (राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) से संपर्क किया गया। दिल्ली के आर. एंड आर. में दाखिल मरीज से हार्ट की मैचिंग हुई।
पी.जी.आई. से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट भेजा गया। चंडीगढ़ और मोहाली ट्रैफिक पुलिस विभागों और हवाईअड्डा अधिकारियों के सक्रिय सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। वही नैफ्रोलॉजी और हैपेटोलॉजी विभागों ने कई मरीजो की पहचान की, जिन्हें जल्द से जल्द रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। वहीं, लिवर और किडनी एक मरीज को लगाई गई। यह पी.जी.आई. का दूसरा ऐसा केस है जब एक ही मरीज़ को लिवर और एक किडनी ट्रांसप्लांट हुई है। इससे पहले साल 2018 में 3 फरवरी को ऐसा पहला केस किया गया था। कॉर्निया भी पी.जी.आई. में मरीजों को लगाए गए हैं।6 जून को फरीदकोट से रैफर होकर पी.जी.आई. लाया गया था घायल युवक,इलाज के बावजूद युवक की हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा था। इसके बाद डॉक्टर्स ने सभी प्रोटोकॉल को देखते हुए 14 जून को ब्रेन डैड डिक्लेयर कर दिया। परिवार से जब ऑर्गन डोनेशन के बारे में पूछा गया तो उन्हें अपनी रजामंदी दी। परिवार ने इस दु:ख की घड़ी में भी साहस भरा फैसला लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है उनके बेटा किसी मकसद के लिए दुनिया में आया था। ऑर्गन डोनेशन के लिए हां कहना सबसे मुश्किल था, लेकिन किसी तरह, हमें लगा कि यह कुछ ऐसा है जो हमें करना चाहिए। किसी और को बचाया सकता है।

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