42,248 units collected and 93,248 supplied in the blood bank of JLN (Jawaharlal Nehru Medical College), Ajmer.

14.06.2022
किसी की जिंदगी को बचाने के लिए खून की क्या अहमियत होती है। यह शायद इन लोगों से बेहतर कोई नहीं जान सकता। रोल के चंद्रशेखर ने बताया कि दोस्त के रिश्तेदार की बच्ची को ब्लड नहीं मिलने की वजह से उनकी जान चली गई। इसी वजह से चार लोगों ने मिलकर डेढ साल पहले ग्रुप बनाया। लोग रक्तदान के लिए जुड़ते गए तो रजिस्टर में एंट्री करके ऑन कॉल सेवा दिलाते रहे।लेकिन संख्या बढ़ी और रिकॉर्ड रखना मुश्किल हुआ तो गूगल पर एप्लिकेशन बनवा दी, नाम रखा मौसंबी ग्रुप। यह नाम मौसंबी फल की तर्ज पर रखा गया कि रक्तदान के समय मौसंबी का ज्यूस पीने से व्यक्ति रिकवर होता है। इसलिए फल के नाम से ही ग्रुप बना लिया। यह एप्प कुछ समय पहले ही लाँच किया गया और लगातार काम चल रहा है।इस ग्रुप से देशभर में लोग धीरे-धीरे जुड़ रहे है। हालांकि प्रदेश में सबसे ज्यादा जयपुर, जोधपुर, नागौर और अजमेर से ब्लड की मांग के लिए कॉल आते है और उनकी सेवा करते है।आईएएस डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने 2018 में रक्तदान के लिए फाउंडेशन बनाया था। जिसके लिए वेबसाइट, एप्प आदि से राज्य भर से लोगों को जोड़ा गया। इस फाउंडेशन ने चार साल में 500 से अधिक शिविर आयोजित कर 60 हजार यूनिट रक्तदान करवाकर मरीजों की हेल्प की। डॉ. सोनी जब 2015 में जालोर के कलेक्टर थे उस दौरान वाट्सएप ग्रुप से जुड़े थे तथा इसके बाद ही यहां से फाउंडेशन बना लिया गया।इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल विश्नोई बताते है कि देश भर के महानगरो में भी यह फाउंडेशन काम कर रहा है। वहीं समय समय पर सम्मान समारोह आयोजित कर कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है। सोनी खुद अब तक 77 बार रक्तदान कर चुके है। इसी प्रकर तेजा दशमी से तेजा भक्तों ने रक्तदान अभियान चलाकर वाट्सएप ग्रुप से रक्तदान करवा रहे है। अब तक 7600 के करीब रक्तदाता रक्तदान इस ग्रुप के माध्यम से कर चुके है।ब्लड बैंक के मोहम्मद अली ने बताया कि हर रोज 10 से 15 यूनिट के बीच रक्त की खपत होती है। पिछले रविवार को कुल 120 रक्त की खपत हुई। हर महीने 400 यूनिट की खपत हो जाती है। पिछले वर्ष का सालाना कलेक्शन 5000 यूनिट हुआ था। मोहम्मद अली ने बताया कि अस्पताल में ए, बी व ओ ब्लड कैटेगरी में पॉजिटिव वोल ब्लड की डिमांड ज्यादा रहती है।इस लिए रक्तदाता बुलाने पड़ते है। जिले में कुचामन, डीडवाना व नागौर में ब्लड बैंक है, साथ ही जिले में दो जगहों पर स्टोरेज है। ब्लड बैंक प्रभारी धर्मवीर ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में सालाना 2000 से 5000 यूनिट का कलेक्शन हो रहा है। लोगों में रक्तदान करने की जागरुकता आई है, लेकिन शहरों को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में आज भी रक्तदान करने के लिए कैंप लगाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।इसमें शहर का नाम व ग्रुप सर्च करना पड़ता है। आईएएस जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि रक्तदान महादान है, जिसके माध्यम से हम निस्वार्थ भाव से तत्पर रहकर जरुरतमंद व्यक्ति के लिए स्वयं रक्तदान करके एवं अन्य व्यक्तियों को प्रेरित कर पुनीत कार्य कर सकते है।

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