In Sirohi district hospital, the post of radiologist is vacant for the last two years, sonography is being done by certificate holder doctors.

06.06.2022

पिंडवाड़ा सीएचसी में नियुक्त रेडियोग्राफर डॉ. जयप्रकाश दरवर 14 महीने से गैर हाजिर रहकर जिला मुख्यालय के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर सेवाएं दे रहे हैं। दूसरी ओर जिला अस्पताल में भी यह पद खाली पड़ा है। विभाग के मुखिया सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार 14 महीनों कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। कार्रवाई करने की बजाय वे उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखने का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे। मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सिरोही के जिला अस्पताल में पिछले दो साल से रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली होने के कारण यहां सर्टिफिकेट धारी डॉक्टर गौरव भट्टाचार्य और डॉक्टर राहुल खन्ना से सोनोग्राफी करवाई जा रही है। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के कारण मरीजों को बड़ी जांचों के लिए डॉ जयप्रकाश दरवर जैसे निजी सेंटरों में महंगे दामों में जांच कराने जाना पड़ता है। डा. दरवर को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में पोस्टिंग देने के बजाय उसे ऐसे अस्पताल में लगाया गया जहां सोनोग्राफी मशीन ही नहीं है। पिछले 14 महीनों से ना तो इस डॉक्टर पर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई।विभाग के नियमों के विपरीत इसलिए : विभागीय नियमों के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर निजी प्रैक्टिस के लिए निजी जांच सेंटर पर तभी सेवाएं दे सकते हैं जबकि उनके ऐसा करने से राजकीय काम प्रभावित ना हो रहा हो। राजकीय काम प्रभावित होने पर उनके खिलाफ राज्यादेश की अवहेलना में अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन इस मामले में विभाग के मुखिया डॉ राजेश कुमार ने चिट्ठी लिखने के अलावा कोई कार्रवाई ही नहीं की है। इस बारे में पक्ष जानने के लिए डॉ जयप्रकाश दरवर को कई बार फोन और मैसेज किए गए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके साथ ही चिकित्सा विभाग के डायरेक्टर पब्लिक हैल्थ डॉ वी के माथुर को भी किए गए फोन का जवाब नहीं मिला।

In Bilaspur, doctors got success in removing coins from the girl’s mouth, 8-year-old girl kept coins in her mouth while playing

06.06.2022
डॉक्टरों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आठ साल की बच्चे की भोजन नली से तीन सिक्के निकाले।दरअसल, कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के खैरा डुबान की रहने वाली लड़की ने खेलते वक्त मुंह में सिक्के रखे लिए थे। जो अंदर जाकर भोजन नली में फंस गए।इससे बच्ची रोने लगी और उसकी हालत खराब हो गई। घबराए परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां से उसे बिलासपुर रेफर कर दिया गया था।परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, तब उसकी हालत नाजुक थी और वह दर्द से सुस्त पड़ गई थी। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों ने एक्स-रे से देखा, तब सिक्के बच्ची के गले में फंसे थे। सिक्कों को निकालने के लिए डॉक्टरों ने बच्ची को बेहोश किया। फिर ऐसोफेगो स्कोप नामक यंत्र को उसके मुंह से खाने की नली में डाला। कुछ देर बाद एक सिक्का निकला। फिर दूसरे सिक्के को निकाला गया। दो सिक्के निकालने के बाद डॉक्टरों ने फिर से एक्स-रे मशीन से देखा तो एक और सिक्का नजर आ रहा था, जिसे निकालने के लिए तीसरी बार स्कोप को खाने की नली में डाला और तीसरा सिक्का भी निकाल लिया गया। बच्ची दो रुपए के दो और एक रुपए के एक यानि की तीन सिक्कों को निगल ली थी। कुल मिलाकर 5 रुपए बच्ची के गले में फंस गए थे। सिक्के निकालने के बाद बच्ची की हालत अब ठीक है, डॉक्टर बृजेश पटेल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पेरेंट्स को बच्चों पर नजर रखना चाहिए। बच्चों को सिक्कों को मुंह में डालने न दें। इसी तरह कोई भी खाने की ठोस वस्तु भी बच्चे खा रहे हैं, तो पैरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए। गले में स्वांस नली और भोजन नली में सिक्के या खाने का कोई ठोस वस्तु फंस जाए, तो घातक हो सकता है। स्वांस नली में सिक्के फंसने से दम घूट सकता है और बच्चों की जान भी जा सकती है। ऐसे में छोटे बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए।

10 Operation Theaters (OTs) dedicated for Covid in New Nehru Hospital, Chandigarh, now open for public again

06.06.2022
हॉस्पिटल प्रबंधन ने कोरोना काल में इस अस्पताल को कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पताल बना दिया गया था। अस्पताल के 10 ऑपरेशन थिएटर भी कोविड-19 के लिए डेडीकेटेड कर दिए गए थे। इसके चलते यहां आने वाले आम मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही थी जिससे मरीज भी खासा निराश थे। पीजीआई के डायरेक्टर.प्रो विवेक लाल ने मेडिकल सुपरीटेंडेंट विपिन कौशल के साथ एनएचआई का दौरा कर ऑपरेशन थिएटरों को आम जनों के लिए फंक्शनल करने के लिए कहा है, जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलेंगी, क्योंकि यह 10 ऑपरेशन थिएटर बिल्कुल ही मॉडर्न तकनीक से बनाए गए हैं, इसलिए इन ऑपरेशन थिएटरों पर आमजन का भरोसा ज्यादा है। कोविड-19 कैसेस में कमी आने के कारण , पीजीआई क्षेत्र को खाली देखते मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।

जुलाई तक, राजस्थान को सीएचसी में 100 प्राथमिक आघात देखभाल इकाइयों की उम्मीद है

04.06.2022
Jaipur: On Wednesday, officials from the transportation department announced that 100 primary trauma stabilization units were being established in community health centers around the state to provide better services to accident victims.These units are being built on areas where there have been no road accidents in the past.Officials said the aim is to stabilize an injured victim with initial care and then transfer to a higher center if needed.As part of a capacity building initiative, 100 community health centers around the state are being developed, where doctors and nursing staff will be certified on how to provide initial healthcare services to trauma victims.In 70 centres, infrastructure projects have already been completed, and the remaining work will be completed by July, according to Nidhi Singh, joint commissioner for road safety with the state transportation department.According to official reports, seven trauma units have been established in Ajmer district, four in Bhilwara and Nagaur each, two in Tonk, eight in Alwar, two in Dausa, three in Jaipur rural area, three in Jaipur rural district, three in Banswara, one in Pratapgarh, Rajasamand, three in Sikar, three in Kota, one in Jaisalmer, three in Sawai Madhopur Each year, the road safety cell aims to train 360 employees, including doctors and nurses, with 30 participants in each session.Equipment such as a trauma care crash cart, laryngoscope, ambu bag, pulmo aid (nebulizer), sterilizer, glucometer, Thomas splint, multi para monitor, patient stretcher trolleys, digital thermometers, ECG machine three channel, radiology high frequency x-ray machines, etc.

Rajat Mund, a 19-year-old MBBS student from Rajasthan commits suicide by jumping from the sixth building of AIIMS Rishikesh under stress

उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऋषिकेश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में पढ़ने वाले छात्र के आत्महत्या का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि छात्र ने संस्थान के कॉलेज ब्लॉक की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक युवक कुछ समय से डिप्रेशन में था और वह राजस्थान का रहने वाला था. फिलहाल इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि रजत के सुसाइड के बारे में उसके घर के लोगों को जानकारी दे दी गई है और पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को मोर्चरी में रखा गया है. घर वालों से अगर कोई शिकायत मिलेगी तो इस पर जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रजत मुंड राजस्थान जिले के श्रीगंगानगर स्थित महियंवाली गांव का रहने वाला था व एम्स ऋषिकेश मे एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र था और शनिवार को उसका प्रैक्टिकल होना था, लेकिन वह प्रैक्टिकल देने नहीं गया. पुलिस का कहना है कि रजत ने एम्स कॉलेज ब्लॉक की छठी मंजिल से छलांग लगा दी और वह फर्श पर गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गया. वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी तुरंत उसे एम्स के इमरजेंसी रूम में ले गए और जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.एम्स (AIIMS) प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक रजत का डिप्रेशन का इलाज चल रहा था और आशंका जताई जा रही है कि तनाव के चलते उसने आत्महत्या का कदम उठाया है. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी नहीं मिला

National Medical Commission (NMC) has issued guidelines, doctors will have to collect likes and followers on social media

04.06.2022
अब मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया पर लाइक व फॉलोअर्स जुटाना डॉक्टरों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि एनएमसी में इसके लिए हाल ही में कुछ दिशा निर्देश दिए हैं जिसमें सोशल मीडिया पर डॉक्टरों की गतिविधियों को नियंत्रण करने के सख्त प्रावधान रखे हैं। इसमें कहा गया है कि कोई भी डॉक्टर सोशल मीडिया साइट या किसी ऐप पर अपनी रेटिंग्स बढ़ाने के लिए पैसों का भुगतान करता है, तो उनका लाइसेंस निरस्त हो सकता है। डॉक्टरों में ऊपर आने की होड़ और सोशल मीडिया पर सबसे ऊपर रेटिंग्स से ही उनकी फीस में इजाफा होता है और वह मरीज से मुंह मांगी फीस वसूलते हैं, जिस कारण आम जनता को परेशान होना पड़ता है।

Medical Minister Parsadi Lal Meena issued orders, doctors working in all areas of the state must be in uniform

04.06.2022
चिकित्सा मंत्री ने नए आदेश जारी करते हुए कहा है कि 2 बार से ज्यादा जो भी चिकित्सा कर्मी यूनिफॉर्म में नहीं मिलेगा उसे समय बंद पदोन्नति एवं संविदा कर्मियों को 1 माह की सर्विस वृद्धि नहीं दी जाएगी। यह आदेश राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, संयुक्त निदेशक एवं सीएमएचओ को जारी किए गए हैं। चिकित्सा मंत्री ने आदेश का कारण बता कहा गया कि यूनिफॉर्म नहीं पहनने से मरीज और उनके परिजन चिकित्सकों को पहचान नहीं पाते इस कारण कई बार उन में हाथापाई की नौबत आ जाती है, जिससे अस्पतालों का माहौल खराब हो जाता है। इस तरह कि प्रवृत्तियों पर रोक लगाने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं।

Kidney transplant racket busted in South Delhi, OT technician Kuldeep Ray Vishwakarma used to do kidney transplant

04.06.2022
दिल्ली पुलिस ने हौज खास इलाके में एक किडनी रैकेट गिरोह का भंडाफोड़ किया है और शहर के विभिन्न हिस्सों से कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में एक ओटी टेक्निशियन व एक हेल्पर है।
26 मई को, पुलिस को एक अवैध किडनी प्रत्यारोपण रैकेट के बारे में गुप्त सूचना मिली, जिसने गरीब लोगों को निशाना बनाया और उन्हें अपनी किडनी बेचने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इसे और भी ऊंचे दामों पर बेच दिया।इसकी सूचना पर टीम गठित कर हौज खास इलाके में जाल बिछाया गया।

9 Nursing staff of Civil Hospital of Surat got success in AIIMS (All India Medical Science) examination

04.06.2022
सूरत के सिविल अस्पताल में 9 नर्सिंग स्टाफ ने ऑल इंडिया मेडिकल साइसेंस (एम्स) की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इसमें 6 युवतियां और 3 युवक हैं। इस परीक्षा में देशभर से लाखों युवक-युवतियों ने भाग लिया था। परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले सिविल अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, विधायक संगीता पाटिल और स्थायी समिति के चेयरमैन ने शुभेच्छा दी।इस मौके पर सीआर पाटिल ने कहा कि अंबाजी से उमरगाम तक आदिवासी क्षेत्रों में 50 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज, 360 से ज्यादा नर्सिंग इंस्टीट्यूट हैं। इससे युवक-युवतियों में मेडिकल में पढ़ाई की रुचि बढ़ी है। इस साल राज्य के 25 से अधिक नर्सिंग स्टाफ ने एम्स की परीक्षा पास की है।सूरत के नर्सिंग स्टाफ राजकोट, नागपुर, आंद्र प्रदेश और भोपाल जैसे शहरों में काम कर रहे हैं। इस अवसर पर गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपप्रमुख इकबाल कड़ीवाला, सिविल अस्पताल के आरएमओ केतन नायक और नर्सिंग एसोसिएशन के किरण दमडिया ने बधाई दी।

Civil surgeons are reluctant to give joining even after restoring the jobs of 1045 health workers who did excellent work during the Corona period in Kaithal, Chandigarh City.

04.06.2022
एनएचएम के एमडी ने सभी सिविल सर्जन को आदेश जारी कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत 21 दिसंबर तक के लिए 1045 स्वास्थ्य कर्मियों को तुरंत प्रभाव से नौकरी जॉइनिंग कराने के आदेश जारी किए थे, इतना ही नहीं कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 24 करोड़ का बजट भी जारी किया था। परंतु अभी भी सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों की जॉइनिंग नहीं करवाई जा रही, सर्जन के इस फैसले से कोविड स्टाफ ही नहीं बल्कि इस निर्णय का खामियाजा आमजन को भी भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में कोविड-19 की सैंपलिंग आरटीपीसीआर व टेस्टिंग का कार्य पूर्ण रूप से बंद है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग, प्रशासन व सरकार जनता की परेशानियों के प्रति कितनी गंभीर है। नींद में सोई सरकार व विभागीय अधिकारियों को जगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने नारेबाजी की वह जल्द से जल्द नौकरी ज्वाइन करवाई जाने के पक्ष में अपनी बात रखी।