IOCL (Indian Oil Corporation) Patna Recruitment for 43 vacancies of Medical Officers

06.06.2022

सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Limited) ने मेडिकल ऑफिसर के पदों पर भर्तियां के लिए नोटिफिकेशन जारी की है. इन पदों पर आवेदन की प्रक्रिया 17 मई 2022 से शुरू है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 जून 2022 तक है,इसके लिए आवेदन इंडियन ऑयल की वेबसाइट www. iocl.com पर जाकर करना है।इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कुल 43पदों पर वैकेंसी निकाली गई है,चीफ मेडिकल ऑफिसर और एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर पद के लिए उम्मीदवारों को एमडी/एमएस किया होना चाहिए।उम्मीदवारों का सेलेक्शन पर्सनल इंटरव्यू के माध्यम से होगा, इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों के पास इंग्लिश या हिंदी भाषा में बोलने का ऑप्शन होगा।सीनियर मेडिकल ऑफिसर- 60000-180000/- रुपये प्रति माह व एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर- 90000-240000/-रुपये प्रति माह देय होगा।

Fake medicine worth 11 crores recovered in Ajmer, Sunil Nandwani, operator of Himalaya Meditech company arrested

06.06.2022
राजस्थान में नशे के नेटवर्क के खिलाफ प्रदेश की पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ कार्रवाई करने में लगी हुई है. अजमेर में छापेमारी के जरिए नशे के सौदागरों को पकड़ने की कोशिश की गई.रामगंज थाना पुलिस ने न्यू ट्रांसपोर्ट के गोदाम मालिक लतीफ के गोदाम पर छापा मारकर नशीली दवाओं के 117 कार्टन बरामद किए, राहुल चौहान के युवक ने लतीफ से 3000 रुपए में गोदाम किराए पर ले रखा था। पुलिस ने गोदाम में 11 करोड़ कीमत की नशीली दवाओं के जखीरे को बरामद करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस काले कारोबार का मास्टरमाइंड हिमालय मेडिटेक कंपनी का संचालक सुनील नंदवानी है, जो जयपुर से इस खेप को अजमेर मंगवाता और फिर इधर उधर छुपा देता था।।अजमेर में मिली इतनी नशीली दवाओं की इतनी बड़ी खेप के बाद ड्रग कंट्रोलर विभाग के भी कान खड़े हो गए. ड्रग कंट्रोलर टीम ने दवा के होलसेल मार्किट विमला मार्किट में दबिश देते हुए कई दुकानों को खंगाला और कुछ को सीज करते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है।बिना बिल के नशीली दवाओं के इतने बड़े कंसाइनमेंट को लेकर पुलिस भी सकते में आ गई।एसपी ने आधा दर्जन टीमें बनाई हैं, ताकि यह पता चल सके कि नशीली दवाओं की यह खेप अजमेर में कितनी मेडिकल स्टोर तक सप्लाई हो चुकी है।

Early Childhood Development Workshop organized at Auditorium, Center of Excellence, NMCH in Patna

06.06.2022
कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यशाला के मुख्य अतिथि एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह व विशिष्ट अतिथि पीएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं। डॉ. जी. वी. वाश्व राजा, डॉ. अतनु भद्र, डॉ. अमित कुमार, डॉ. चंद्रमोहन कुमार ने भी प्रोजेक्टर की सहायता से इस विषय पर प्रकाश डाला। आईएपी के 50 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि ये सदस्य यहां से सीख कर अपने अपने जिलों में ट्रेनिंग देंगे। इस अवसर पर एनएमसीएच के उपाधीक्षक सह शिशु रोग विभाग के डॉ. सरोज कुमार, डॉ. अनिल तिवारी समेत कई चिकित्सक उपस्थित रहे।समय पर बीमारी की पहचान से बच्चे होंगे स्वस्थ। बच्चों के सकार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं।सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा डीआईसी, एनएमसीएच में चल रहा निर्माण,कुछ बच्चों में देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों में सही समय से बीमारी की पहचान व उपचार के लिए एनएमसीएच के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में डीआईसी (डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर) का निर्माण कार्य चल रहा है। इस संबंध में एनएमसीएच अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि यह सेंटर बिहार का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा। उम्मीद है कि छह-सात माह में बन कर तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण बीएमएसआईसीएल के द्वारा कराया जा रहा है। सेंटर पर बच्चों की स्क्रीनिंग, पहचान व चिकित्सीय सेवा प्रदान की जाएगी। एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट, ऑपथेलमोलाॅजिस्ट, ईएनटी समेत विभिन्न विभागों के डॉक्टर रहेंगे। इसका निर्माण कार्य एमसीएच भवन के बगल में चल रहा है।

Medical care hospital block to be built in Patna’s AIIMS (All India Institute of Medical Science), Union Health Minister Mansukh Mandawariya ordered

06.06.2022
बिहार दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने पटना एम्स (Patna AIIMS) को नई सौगात दी है. रविवार को उन्होंने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफास्ट्रकचर मिशन के तहत एम्स पटना मेडिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का शिलान्यास किया,साथ ही उन्होंने आवासीय परिसर और शैक्षणिक खंड का भी शिलान्यास किया व सभागार एम्स पटना का भी लोकार्पण करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि पटना एम्स ने व्यवस्थित ढंग से कार्य शुरू कर दिया है,आने वाले दिनों में बिहार के किसी भी मरीज को इलाज के लिए दिल्ली जाने की आवश्यकता न हो इसके लिए सभी जरूरी मेडिकल डिवाइस और आधुनिक मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।उन्होंने कहा कि बिहार के मरीजों को अब उनके ही राज्य में समुचित इलाज मिल सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने दरभंगा एम्स को भी जल्द शुरू करने की बात कही,वहीं, इस अवसर पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जल्द ही पटना एम्स को 25 एकड़ जमीन मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर यह पटना एम्स के विस्तार के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है, उन्होंने मरीजों के परिजनों की सहूलियत के लिए उनके रहने के लिए एक परिसर भी बनाने की बात कही है।

After corona in Patna, now its side effects are being seen in people, more than 100 such patients are reaching every month

06.06.2022
देश में कोरोना लगभग खत्म सा हो गया है परंतु अभी भी कहीं ऐसी जगह है, जहां उसने अपने पैर पसारे हुए हैं। ऐसा ही कुछ हाल पटना का है, जहां कोरोना व उसके बाद में होने वाले साइड इफेक्ट्स से यहां के लोग को काफी परेशान हो रही है। साइड इफेक्ट से ग्रसित हर महीने 100 से 150 लोगों का आंकड़ा अस्पताल में देखा जा रहा है।उल्टी, सिर दर्द, थकान जैसे साइड इफेक्ट्स की वजह से लोग सिर दर्द की दवा खा रहे हैं।आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. अशोक कुमार के मुताबिक, बीमारियों की पहचान के बाद इलाज में आसानी होती है। मेनिनजाइटिस और न्यूरो सिस्टेसाइकोसिस के बीच अंतर के लिए रिसर्च की आवश्यकता है। पंजाब और दिल्ली में आईसीएमआर की मदद से किया जा रहा है। इससे बीमारियों की पहचान के साथ ही इलाज में मदद मिल रही है। मेनिनजाइटिस झिल्लियों को कहते हैं, जो मस्तिष्क की सुरक्षा कवच होती है, झिल्लियों में सूजन आने के चलते मेनिनजाइटिस से संक्रमित व्यक्ति में सिरदर्द, बुखार, उल्टी, त्वचा और होंठ का पीला होना, ठंड लगना आदि लक्षण पाए जाते हैं। जबकि, न्यूरो सिस्टेसाइकोसिस में मानसिक एकाग्रता कमी होती है। न्यूरो फिजिशियन डॉ. विनय कारक का कहना है कि कोविड संक्रमण से ठीक हुए व्यक्तियों को भी मानसिक, शारीरिक बीमारियां हुई हैं। राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के न्यूरो विभाग के अनिल कुमार के मुताबिक कोविड के प्रभाव से चेस्ट रोगियों की संख्या में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन के हेड अशोक कुमार के मुताबिक, ब्रेन टीबी से पीड़ित को सिरदर्द, उल्टी, थकान, बुखार, गर्दन में अकड़न, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, बार-बार बेहोश होने की शिकायत रहती है। ऐसे मरीजों को तत्काल डॉक्टरों से सलाह लेकर इसका पता लगाने के लिए सीएसए, एक्सरे, सीबी नेट, ब्लड टेस्ट, एमआरआई, सिटी स्कैन करवाना चाहिए।कमजोर इम्युनिटी वाले रोगियों के साथ शराब और सिगरेट पीने वाले मरीजों को सबसे अधिक ब्रेन टीबी का खतरा रहता है। इसके साथ ही फेफड़े के टीबी मरीजों को ब्रेन टीबी का सबसे अधिक खतरा रहता है।

In Bhopal’s major health center Jai Prakash Chikitsalaya (JP), 47 class III employees are in a state of illness.

06.06.2022
राजधानी का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र जेपी अस्पताल(JP Hospita) का एक चौथाई स्टाफ खुद बीमार है। इसका खुलासा पिछले दिनों कराई गई अस्पताल स्टाफ की मेडिकल जांच से हुआ है। हालांकि अभी अस्पताल के तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ही जांच कराई है। ऐसे में लगभग 46% कर्मचारियों की जांच की गई है। बाकी स्टाफ की जांच के लिए अगले हफ्ते विशेष कैंप की तैयारी की जा रही है। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग, पैरामेडिकल, टेक्नीकल स्टाफ समेत बाकी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का चैकअप होगा, जो कर्मचारी बीमार मिले हैं उनका सही ढंग से इलाज कराने को कहा गया है। जेपी अस्पताल के 180 कर्मचारियों की जांच करने पर 47 बीमार पाए गए इनमें 25 बीपी के मिले।जिन कर्मचारियों की जांच हो गई हैं उनका डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कराया जा रहा है। आगे जिन कर्मचारियों की जांच होंगी उनका प्रिंट उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन इस पूरे रिकॉर्ड को डिजिटल रखकर एनएचएम की ओर से तैयार कराए जा रहे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि भविष्य में कोई कर्मचारी बीमार पड़ता है तो उसकी मेडिकल हिस्ट्री पोर्टल से एक क्लिक पर देश के किसी भी अस्पताल में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।
परिजनों का भी रहेगा रिकॉर्ड,जेपी अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पहले चरण में अस्पताल के 386 कर्मचारियों की मेडिकल जांच कराकर उनका रिकॉर्ड एकत्रित करेंगे। दूसरे चरण में डॉक्टरों समेत तमाम कर्मचारियों के परिजनों को भी इस योजना से जोड़कर उनकी भी नि:शुल्क जांचें कराई जाएंगी। डिजिटल डाटा तैयार होने के बाद कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना से भी जोड़ा जाएगा। ऐसे में बीमार होने पर नि:शुल्क उपचार मिलेगा। कर्मचारी अस्पताल से सांठगांठ कर झूठे मेडिकल बिल लगाकर छुट्टी लेते हैं लेकिन, योजना का लाभ मिलने पर यह संभव नहीं होगा।

Voluntary blood donation camp organized by Maheshwari Samaj on Mahesh Navami in Bhopal

06.06.2022
महेश नवमी के अवसर पर माहेश्वरी समाज द्वारा नैनागढ़ रोड स्थित माहेश्वरी भवन में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 155 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।कार्यक्रम की शुभारंभ आराध्य देव भगवान शिव के मंदिर में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।तत्पश्चात रक्तदाताओं ने अपना रक्त जरूरतमंद को काम आवे इस सेवा भाव से दान दिया। साथ ही यह संकल्प भी लिया कि भविष्य में भी आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान हमेशा जारी रहेगा।

Guests who came to Kota’s Government Medical College program were trapped in the lift, pulled out after half an hour

06.06.2022
कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी विंग की बिल्डिंग में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मेहमान लिफ्ट में फंस गए। लिफ्ट के अचानक बंद हो जाने के चलते करीब 20 मिनट तक लोग लिफ्ट में ही फंसे रहे। बाद में अस्पताल के कर्मियों और टेक्निकल कर्मचारियों ने जैसे-तैसे कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को बाहर निकाला।लिफ्ट में अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर निलेश जैन, समाजसेवी राजेश मीणा समेत करीब आधा दर्जन लोग फंस गए थे। दरअसल एस एस बी ब्लॉक में सिंधु यूथ सर्किल की तरफ से सेवा कार्य का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में भाग लेने समाजसेवी और कोटा नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेश बिरला, जीएम अध्यक्ष राकेश जैन, सिंधु यूथ सर्किल अध्यक्ष दीपक राजानी सेवा काम के लिए अस्पताल पहुंचे। कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सभी लिफ्ट से वापस आ रहे थे। इसी दौरान लिफ्ट बीच में ही बंद हो गई,इस पर एसएसबी अधीक्षक नीलेश जैन ने अस्पताल प्रशासन को जानकारी दी। अस्पताल की लिफ्ट में लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। अस्पताल प्रशासन के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और निकालने के प्रयास शुरू किए गए।तकनीकी कर्मियों को भी मौके पर बुलाया गया और लिफ्ट शुरू करने के प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके चलते करीब 20 मिनट तक आधा दर्जन लोग लिफ्ट में ही फंसे रहे। उन का दम घुटने लगा। जैसे तैसे कर लिफ्ट का दरवाजा खोला गया और फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया।

Government’s insensitive decision, 16 types of over the counter (OTC) medicines will now be available without a doctor’s prescription in Jaipur

06.06.2022
देखा जाए तो सरकार के ऐसे फैसले काफी गलत हैं,बुखार, खांसी, नेजल स्प्रे, घाव,फंगल इन्फेक्शन, मसूड़ों की सूजन,कील-मुंहासे जैसी 16 तरह की बीमारियां कम नहीं है, इन जैसी बीमारियों के लिए डॉक्टरी सलाह का होना बेहद जरूरी है, परंतु दुर्भाग्य है कि अब से मरीजों को बिना डॉक्टर की पर्ची के ही इन बीमारियों की दवाएं मेडिकल स्टोर पर आराम से मिल जाएंगी । यह सारी दवाएं ओवर द काउंटर यानी ओटीसी दवाएं कहलाई जाती हैं, जिन्हें फार्मासिस्ट बिना डॉक्टर की पर्ची के ही बेच सकेंगे, लेकिन ओटीसी कैटेगरी के लिए शर्तों की पालना करनी पड़ेगी। इसमें ओरल डिहाइड्रेशन सॉल्यूशन को शामिल नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार की सलाहकार समिति ड्रग्स टेक्निकल एडवायजरी बोर्ड (डीटीएबी) नई दिल्ली ओटीसी दवाओं के लिए मंजूरी दे दी है। इसके बाद में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मसौदा तैयार कर लिया गया है।

Doctors got success in Chomu’s Jan Kalyan Hospital, operated on patients with spinal cord and saved them from paralysis

06.06.2022
शहर के कचौलिया रोड स्थित जनकल्याण हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने 6 मरीजों की रीड की हड्डी का ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की है, छह के छह मरीज स्वस्थ हैं व बिना किसी सहारे आराम से चल फिर सकते हैं। जनकल्याण हॉस्पिटल के संस्था प्रबंधक निदेशक एनसी निठारवाल व वरिष्ठ सर्जन डॉ भानु कुमार व डॉ पंकज कुमार ने बताया कि हमारे इस अस्पताल में लगातार रीड की हड्डी,कूल्हा प्रत्यारोपण, घुटने के जोड़ प्रत्यारोपण के अनेक सफल ऑपरेशन नई-नई तकनीकों द्वारा लगातार किए जा रहे हैं जिससे अस्पताल का काफी नाम भी है। यहां पर लोगों का हड्डी के ऑपरेशन के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है जिससे यह उनकी पहली पसंद बन चुका है।