Now in Bhilwara, 12 percent GST will be levied on the collection of bio medical waste, additional burden will be on the pocket of the patient getting his treatment in a private hospital
19.07.2022
जिले के निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने वाले मरीज के जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसकी वजह सोमवार से अस्पतालों से बॉयो-मेडिकल कचरे के संग्रह की सेवा पर 12 प्रतिशत जीएसटी की व्यवस्था लागू करना हैं। यह जीएसटी का बोझ अस्पतालों पर पड़ेगा या अस्पताल प्रबन्धन मरीजों पर डालेंगे। इस पर फिलहाल पर्दा पड़ा है। व्यवस्था लागू होने के बाद मरीज के बिल सामने आने पर हकीकत स्पष्ट हो पाएगी।
गौरतलब है कि कई निजी अस्पताल चिरंजीवी योजना से जुड़े हैं। ऐसे में अस्पताल प्रबन्धन ने पिछली बैठक में इस सेवा में दी छूट वापस लेने का फैसला किया था। परिषद ने इस सुविधाओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी का प्रस्ताव रखा, जो जैव-चिकित्सा अपशिष्ट (बीएमडब्ल्यू) एकत्र करती है। अजमेर में कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटीज सेंटर है। यानी अजमेर के सेल्स प्रमोटर कम्पनी अब अस्पतालों को जारी किए जाने वाले बिल में 12 प्रतिशत जीएसटी शामिल करेगा।सीएमएचओ के अनुसार सेल्स प्रमोटर्स अजमेर की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य चिकित्सा संस्थानों से बॉयो मेडिकल वेस्ट नहीं उठा उठाया जा रहा है। इसका मुख्य कारण राज्य स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों की सीटीएफ की दर पुनर्निधारण होना है। दर पुनर्निधारण के बाद ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों से सीटीएफ के माध्यम से बॉयो मेडिकल वेस्ट निस्तारित किया जाएगा। इस कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बदनोर, खजूरी, पारोली, बागोर, भगवानपुरा, मोखूंदा, कोशीथल व फुलियाकला पर बॉयो वेस्ट निस्तारण के लिए सीटीएफ सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इनका कहना है
बॉयो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया है। बार कोड वाले पर 18 फीसदी लागू किया है। नियम की पूरी पालना की जाएगी। यह पर्यावरण सुधार के लिए है।
डॉ. हरीश मारू , सचिव आईएमए
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