अब चिकित्साकर्मियों पर बेबुनियादी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकेगी पुलिस
ऐसे मामले जिनमें डॉक्टरों की कोई गलती ना हो और पेशेंट के परिजनों के द्वारा पुलिस में बेबुनियादी एफआईआर दर्ज कराई गई हो,यह मामले अब एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर)के अंतर्गत सुलझाए जाएंगे।
30.5.2022
जयपुर| हाल ही में हुए दोसा के लालसोट में डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में संज्ञान लेते लेते हुए राजस्थान सरकार द्वारा एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम) लागू हुआ है, जिसमें चिकित्सक व मेडिकल कर्मियों के खिलाफ तब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी जब तक मेडिकल बोर्ड की कमेटी की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हो जाती। हाल ही में ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिनमें पेशेंट के परिजन आधी अधूरी जानकारी के आधार पर ही डायरेक्ट ऑनलाइन माध्यम से डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा देते थे, जिस पर पुलिस द्वारा जांच पड़ताल किए बिना तुरंत एक्शन लिए जाते थे। ऐसी परिस्थितियों में चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों को मानसिक रूप से उत्पीड़न होना पड़ता है, जिससे उनकी कार्य क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।